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नई दिल्ली, 8 सितम्बर (आईएएनएस)| वरिष्ठ वकील और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री राम जेठमलानी का रविवार को उनके नई दिल्ली स्थित आवास में निधन हो गया। उनके निधन की पुष्टि अधिवक्ता आशीष दीक्षित ने की। जेठमलानी 96 वर्ष के थे। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में शहरी विकास मंत्री के रूप में भी काम किया था। 2010 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना गया था।
14 सितंबर, 1923 को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जन्मे जेठमलानी ने एल.एल.एम. की पढ़ाई कराची के एस. सी. शाहनी लॉ कॉलेज से की थी।
वह पहली बार 1977 में लोकसभा के लिए चुने गए। उन्होंने वायपेयी के समय में अक्टूबर 1999 से जुलाई 2000 तक केंद्रीय कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था।
एक प्रसिद्ध वकील, जेठमलानी करोड़ों रुपये के चर्चित 2जी आवंटन मामले सहित कई बड़े मामलों का हिस्सा थे।
उन्होंने कई मशहूर और विवादित केसों की पैरवी की जिनमें दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के दोषी सतवंत सिंह और केहर सिंह, राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी वी. श्रीहरन उर्फ मुरुगन, शेयर बाजार घोटाले में हर्षद मेहता, अंडरवल्र्ड डॉन हाजी मस्तान के केस शामिल हैं। उन्होंने हवाला मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एल. के. आडवाणी का केस भी लड़ा था।
जेठमलानी ने 'कन्फ्लिक्ट ऑफ लॉज', 'जस्टिस : सोवियत स्टाइल' और 'बिग ईगोज एंड स्मॉल मेन' सहित कई किताबें भी लिखी हैं।
आपराधिक और संवैधानिक कानून के विशेषज्ञ रहे जेठमलानी सरकारी लॉ कॉलेज (मुंबई), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (नई दिल्ली) और अमेरिका में वेयने स्टेट यूनिवर्सिटी में पार्ट-टाईम प्रोफेसर भी थे।
उन्हें 1970 में बार काउंसिल ऑफ इंडिया का अध्यक्ष और 1966 में इंटरनेशनल बार एसोसिएशन का सदस्य भी बनाया गया था।
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