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सोशल मीडिया पर बंदरगाह पर खड़े ट्रकों में भरे मवेशियों का एक वीडियो वायरल है. दावा किया जा रहा है कि ये वीडियो गुजरात स्थित अडानी बंदरगाह (Adani Port) का है. दावा ये भी है कि अडानी पोर्ट से भारत की गायों को अरब देशों में निर्यात किया जा रहा है.
क्या ये सच है ? : नहीं, वायरल वीडियो गुजरात के अडानी पोर्ट का नहीं है.
हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : वायरल वीडियो के फ्रेम को गूगल लेंस के जरिए सर्च करने पर हमें कई मीट के व्यापारियों और कंपनियों के पेज की तरफ से शेयर किए गए पोस्ट में यही वीडियो मिला.
Hamid Elhagary नाम के यूजर ने ये वीडियो 19 अप्रैल को शेयर किया था. इस अकाउंट से मवेशियों के ऐसे कई वीडियो अपलोड किए जाते हैं.
अब हमने रिवर्स सर्च और कुछ कीवर्ड्स के जरिए वायरल वीडियो से मिलते जुलते अन्य बंदरगाह के विजुअल तलाशने शुरू किए. तो हमें वेरिफाइड यूट्यूब चैनल Al Mayadeen Channel पर अपलोड किया गया एक वीडियो मिला. ये वीडियो ईराक के बसरा में स्थित उम्म कस्र (Umm Wasr) बंदरगाह का है.
हमने ईराक के बंदरगाह और वायरल वीडियो की तुलना की तो हमें कई समानताएं मिलीं, जैसे इस ग्राफिक में देखा जा सकता है कि ईराक के बंदरगाह पर भी समुद्र के ठीक सामने एक नीले रंग के वेयर हाउस या शेड का स्ट्रक्चर है. ऐसा ही वायरल वीडियो में भी है.
क्या वीडियो अडानी पोर्ट से मिलता है ? : हमने गूगल के satellite view के जरिए अडानी पोर्ट को वायरल वीडियो से मिलाकर देखा. इससे साफ हो रहा है कि वीडियो अडानी पोर्ट का नहीं है.
गूगल के सैटेलाइट व्यू में देखा जा सकता है कि पानी और बंदरगाह के बीच काफी दूरी है. जबकि वायरल वीडियो में पानी और बंदरगाह के बीच दूरी नहीं है.
हालांकि, नीली छत दोनों विजुअल में दिख रही है पर छत के बगल में बनी इमारत एक जैसी नहीं है.
हमने गुजरात में मौजूद अडानी ग्रुप की तरफ से चलाए जा रहे अन्य बंदरगाहों के विजुअल्स से भी वायरल वीडियो को मिलाकर देखा, पर कोई समानता हमें नहीं मिली.
वीडियो में दिख रहे ट्रक : वीडियो में दिख रहे ट्रकों को गौर से देखने पर हमें Mercedes-Benz का लोगो दिखा. गौर करने वाली बात ये है कि इस कंपनी के ट्रक भारत में उपलब्ध नहीं हैं
पहली बार इस बात को फैक्ट चेकिंग संस्थान FactCrescendo ने पॉइंट आउट किया था.
भारत में Daimler AG ग्रुप की तरफ से ट्रकों की बिक्री की जाती है, जिसका नाम है BharatBenz.
हमने मर्सडीज बेन्ज के लोगो को भारत बेन्ज के लोगो से मिलाकर देखा, तो पाया कि ये दोनों बिल्कुल अलग हैं.
निष्कर्ष : हम वीडियो की सटीक लोकेशन और इसके पूरे संदर्भ की पुष्टि नहीं कर सके. लेकिन, हमारी पड़ताल में ये साफ हो गया है कि वीडियो गुजरात के अडानी पोर्ट का नहीं है.
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