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सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (AIMIM) ने हाल में ही हुए यूपी विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 165 सीटों पर 2,000 से कम वोटों के अंतर से जीतने में मदद की है.
दावे में कहा गया है कि असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने BJP की मदद के लिए इन सीटों पर समाजवादी पार्टी (SP) के वोटों को काटा है.
हालांकि, हमने पाया कि वायरल पोस्ट में किए गए दावे झूठे हैं.
इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) की वेबसाइट पर उपलब्ध परिणामों के मुताबिक, सिर्फ 29 ऐसी सीटें थीं, जिनमें किसी उम्मीदवार ने 2,000 से कम वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. इनमें से सिर्फ 18 सीटों पर BJP ने 2,000 से भी कम वोटों के अंतर से जीत हासिल की.
दूसरा, ये दावा भी गलत है कि AIMIM ने 165 सीटों पर BJP की मदद की, क्योंकि AIMIM ने सिर्फ 95 सीटों पर ही चुनाव लड़ा था.
यूपी में BJP ने 403 में से 255 सीटें जीतीं और समाजवादी पार्टी 111 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही. AIMIM को पिछले चुनावों से ज्यादा वोट तो मिले, लेकिन वो एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हुई.
वायरल पोस्ट में ये दावे किए गए हैं:
7 seats with difference of 200 votes (200 वोटों के अंतर से 7 सीटें)
23 seats with difference of 500 votes (500 वोटों के अंतर से 23 सीटें)
49 seats with difference of 1000 votes (1000 वोटों के अंतर से 49 सीटें)
86 seats with difference of 2000 votes (2000 वोटों के अंतर से 86 सीटें)
पोस्ट में आगे कहा गया है, ''ऊपर सभी में, असदुद्दीन ओवैसी ने खुले दिल से बीजेपी की मदद की है. वो भारत रत्न के हकदार हैं!"
ये दावा फेसबुक और ट्विटर दोनों जगह कई लोगों ने शेयर किया था, जिनमें से कुछ के आर्काइव आप यहां और यहां देख सके हैं. हमने पाया कि ये दावा WhatsApp पर शेयर किया गया.
न्यूज एजेंसी IANS ने वायरल पोस्ट में बताए गए नंबरों के आधार पर एक स्टोरी भी पब्लिश की. जिसे कई न्यूज ऑर्गनाइजेशन जैसे कि The Times of India, Zee News और Republic ने इस्तेमाल किया था.
हालांकि, बाद में TOI की रिपोर्ट को एडिट कर वायरल मैसेज से लिए गए आंकड़ों वाले हिस्सो को हटा दिया गया.
हमने ECI की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों पर नजर डाली. नतीजों के मुताबिक, ऐसी कोई सीट नहीं थी, जिसमें किसी पार्टी ने 200 से कम वोटों के अंतर से जीत हासिल की हो. सबसे कम अंतर से जीत बिजनौर जिले के धामपुर विधानसभा में रजिस्टर की गई है. यहां बीजेपी के अशोक राणा ने समाजवादी पार्टी के नईम-उल-हसन को 203 मतों से हराया.
दूसरे दावे में कहा गया कि बीजेपी ने 500 से कम वोटों के अंतर से 23 सीटें जीतीं.
किसी पार्टी द्वारा 1,000 से कम वोटों और 500 से ज्यादा वोटों के अंतर से सिर्फ 4 सीटें जीती गईं. जबकि दावे में इसकी संख्या 49 बताई गई है.
नतीजों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की 403 सीटों में से कुल 29 सीटों ऐसी थीं, जिनमें 2,000 से कम वोटों के अंतर से जीत हासिल हुई.
तो, कुल मिलाकर BJP+ (BJP और उसके सहयोगी अपना दल और निषाद पार्टी) ने 2,000 से कम वोटों के अंतर से 18 सीटें जीतीं.
इसलिए, ये दावा कि BJP ने 2,000 से कम वोटों के अंतर से 165 सीटें जीतीं, झूठा है.
यहां ये ध्यान देना जरूरी है कि बीजेपी की ओर से 2,000 से कम वोटों के अंतर से जीती गई संख्या के बारे में कुछ दावे अस्पष्ट थे. हालांकि, ये दावा भी बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है कि बीजेपी ने 2000 से कम वोटों के अंतर से 86 सीटें ( और 165 नहीं) जीतीं.
क्विंट ने इसके पहले 2022 के यूपी चुनाव परिणामों के आंकड़ों का एनालिसिस किया था और पाया था कि AIMIM ने सिर्फ 7 सीटों पर SP के हिस्से में कटौती की. इनमें बिजनौर, मुरादाबाद, नगर, सुल्तानपुर, कुर्सी, औराई, नकुड़ और शाहगंज शामिल हैं.
क्विंट की एनालिसिस के मुताबिक, मायावती की BSP ने 27 सीटों पर अखिलेश यादव के नेृतत्व वाली पार्टी के वोटों में कटौती करके समाजवादी पार्टी क सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया.
मतलब साफ है कि यूपी चुनाव परिणामों से जुड़ा एक गलत दावा सोशल मीडिया पर वायरल किया गया कि AIMIM ने BJP को 165 सीटों में जीतने में मदद की. इस दावे को कई मीडिया ऑर्गनाइजेशन ने भी रिपोर्ट में इस्तेमाल किया था.
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