Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Webqoof Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019अजय देवगन भी हिंदी को 'राष्ट्रीय भाषा' मानने वाली गलत धारणा को सच मान बैठे

अजय देवगन भी हिंदी को 'राष्ट्रीय भाषा' मानने वाली गलत धारणा को सच मान बैठे

संविधान में हिंदी के लिए 'राष्ट्रीय भाषा' या 'मातृ भाषा' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है

Siddharth Sarathe
वेबकूफ
Updated:
<div class="paragraphs"><p>अजय देवगन का दावा है कि हिंदी भारत की राष्ट्रीय भाषा है</p></div>
i

अजय देवगन का दावा है कि हिंदी भारत की राष्ट्रीय भाषा है

फोटो : Quint Hindi

advertisement

आए दिन छिड़ने वाले हिंदी को राष्ट्रीय भाषा मानने या न मानने के विवाद ने एक बार फिर सिर उठाया है. अभिनेता अजय देवगन (Ajay Devgan) ने एक ट्वीट में दावा किया है कि हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा है. ये ट्वीट अजय देवगन ने कन्नड़ अभिनेता और डायरेक्टर किच्चा सुदीप द्वारा एक इंटरव्यू में हिंदी को लेकर दिए बयान के जवाब में किया था.

हालांकि, किच्चा सुदीप ने बाद में सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा था जैसा अजय देवगन समझ रहे हैं. लेकिन, इस बीच एक बार फिर ये जान लेना जरूरी है कि हिंदी या कोई भी भाषा भारत की राष्ट्रीय भाषा नहीं है.

अजय देवगन का ये दावा सच नहीं है कि हिंदी भारत की राष्ट्रीय भाषा है. भारत के संविधान में हिंदी को राज्य की भाषा बताया गया है. लेकिन, संविधान में कहीं भी राष्ट्रीय भाषा या मातृभाषा जैसे शब्द का इस्तेमाल हिंदी के लिए नहीं किया गया है. हाल में गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान पर देश भर में बहस छिड़ गई थी, जब उन्होंने कहा था कि अलग-अलग राज्यों के लोग आपस मे हिंदी नहीं अंग्रेजी में संवाद करें.

देश की भाषा को लेकर क्या कहता है संविधान?

संविधान में कहीं भी हिंदी को राष्ट्रीय भाषा या मातृ भाषा नहीं कहा गया है. संविधान के अनुच्छेद 343 में जहां हिंदी और अंग्रेजी को राज्य की आधिकारिक भाषा यानी ऑफिशियल लैंग्वेज बताया गया है. वहीं अनुच्छेद 346 कहता है कि केंद्र की आधिकारिक भाषा के जरिए ही दो राज्यों के बीच में कम्यूनिकेशन होगा.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

अनुच्छेद 347 के मुताबिक, अगर किसी राज्य के लोग ये चाहते हैं कि उनके द्वारा बोली जाने वाली भाषा उनके राज्य की आधिकारिक भाषा हो, तो राष्ट्रपति के संतुष्ट होने पर उस भाषा को उस राज्य की आधिकारिक भाषा बनाया जा सकता है.

भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भारतीय भाषाओं को मान्यता दी गई है. ये भाषाएं हैं असमी, बंगाली, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, नेपाली. उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, सिंधी, तमिल, तेलुगू, उर्दू, बोडो, संथली, मैथिली और डोगरी.

2011 जनगणना : 56% भारतीयों की पहली भाषा नहीं है हिंदी 

2011 की जनगणना के मुताबिक महज 43.63% भारतीय ही ऐसे थे जिनकी पहली भाषा हिंदी थी. या यूं कहें कि जो बोलचाल की भाषा के रूप में आमतौर पर हिंदी का इस्तेमाल करते हैं. यानी 2011 की जनगणना के आंकड़े तो यही कहते हैं कि देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा हिंदी के अलावा अन्य भाषाओं का उपयोग करता है.

2011 की जनगणना में ये भी सामने आया था कि भारत के पूर्वी, उत्तरपूर्वी और दक्षिण में बड़े स्तर पर अन्य क्षेत्रीय भाषाओं का इस्तेमाल होता है. जनगणना में ऐसी 270 भाषाएं चिन्हित की गई थीं, जिनका इस्तेमाल लोग बोलचाल के रूप में करते हैं और उन्हीं भाषाओं को अपनी मातृभाषा मानते हैं.

नई शिक्षा नीति में भी हिंदी को अनिवार्य करने पर हुआ था विवाद

के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में बनी नई शिक्षा नीति के पहले ड्राफ्ट में हर राज्य में छात्रों को तीन भाषाएं पढ़ाने की बात कही गई थी. गैर हिंदी भाषी राज्यों में पहली भाषा वहां की क्षेत्रीय भाषा, दूसरी भाषा हिंदी और तीसरी भाषा के रूप में अंग्रेजी पढ़ाने की सिफारिश थी. इस ड्राफ्ट के बाद ही गैर हिंदी भाषी राज्यों की तरफ से विरोध हुआ.

विरोध के बाद केंद्र सरकार ने एक स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि ये महज ड्राफ्ट है, कोई सरकारी ऐलान नहीं. इस स्पष्टीकरण में ये भी लिखा गया कि ''मोदी सरकार सभी भारतीय भाषाओं के उत्थान के लिए काम कर रही है. किसी पर कोई भाषा थोपी नहीं जाएगी''.

बाद में जारी किए गए संशोधित ड्राफ्ट से इस विवादित हिस्से को हटा दिया गया था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 27 Apr 2022,12:16 AM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT