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सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें एक शख्स के कपड़े उतारकर कुछ महिलाएं उसकी पिटाई करती दिख रही हैं. वीडियो को सांप्रदायिक एंगल से शेयर किया जा रहा है.
क्या है दावा?: शख्स का नाम 'शाहरुख' बताते हुए दावा किया जा रहा है कि मेरठ (Meerut) में ये शख्स महिलाओं के साथ छेड़खानी करता था, जिसकी वजह से महिलाओं ने इसकी पिटाई कर दी.
सच क्या है?: घटना मेरठ की नहीं और न ही अभी की है. ये घटना हरियाणा के अंबाला की है और 2020 की है. इसके अलावा, आरोपी मुस्लिम नहीं है.
तब 3 नाबालिग लड़कियों के घरवालों ने अंबाला में पवन उर्फ सोनू नाम के शख्स की पिटाई की थी. इसके अलावा, आरोपी के खिलाफ POCSO सहित IPC की कई अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया था.
क्विंट पहले भी कर चुका है इस वीडियो का फैक्ट चेक: ये वीडियो साल 2020 में भी झूठे सांप्रदायिक दावे से शेयर किया गया था, जिसका तब क्विंट की वेबकूफ टीम ने फैक्ट चेक किया था.
तब अंबाला में महिला थाने की SHO सुनीता ने हमें बताया था कि पवन कुमार पर 5 साल उम्र की 3 नाबालिग लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है.
उन्होंने बताया, 'पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि आरोपी पवन कुमार स्कूल जाते समय बच्चियों के साथ गलत हरकतें करता था.
SHO सुनीता के मुताबिक, इन बच्चियों में से एक ने अपनी मां से शिकायत की, जिसका बाद पीछा करने पर पवन कुमार को बच्चियों को परेशान करते हुए पकड़ लिया गया. इसके बाद, इलाके की महिलाओं ने आरोपी के कपड़े उतारकर उसकी पिटाई कर दी.
पुलिस के मुताबिक, यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत पवन कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
Times of India की 20 जनवरी 2020 की न्यूज रिपोर्ट में भी इस घटना के बारे में जानकारी दी गई है. जिसके मुताबिक, आरोपी के खिलाफ POCSO के अलावा सेक्शन 12 (यौन उत्पीड़न पर लगने वाली धारा) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
इस रिपोर्ट में घटना का वीडियो भी इस्तेमाल किया गया था.
निष्कर्ष: साफ है कि अंबाला में तीन साल पहले की घटना का वीडियो यूपी का बताकर गलत सांप्रदायिक दावे से शेयर किया जा रहा है.
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