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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 21 नवंबर को चेन्नई में एक रैली को संबोधित करते हुए श्रीलंका में इंडिया हाउसिंग प्रोजेक्ट का जिक्र किया. शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जाफना में तमिलों के लिए घरों के निर्माण का शिलान्यास किया था. एक समय पर जाफना भयानक हिंसा का शिकार हुआ था.
हालांकि, ये सच है कि भारत सरकार श्रीलंका के उत्तरी और पूर्वी प्रांतों में इंटरनली डिस्प्लेस्ड पर्सन्स (IDPs) को दोबारा बसाए जाने के समर्थन में इस प्रोजेक्ट को फंड करती है. लेकिन शाह के बयान में इस बात का जिक्र नहीं था कि इस प्रोजेक्ट का ऐलान 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने किया था. कॉन्सुलेट जनरल ऑफ इंडिया की वेबसाइट के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट की लागत 270 मिलियन डॉलर बताई गई है.
अमित शाह का बयान पूरी तरह गलत नहीं है क्योंकि प्रोजेक्ट नरेंद्र मोदी की NDA सरकार के आने के बाद जारी रहा, लेकिन बयान में संदर्भ नहीं था और इसलिए ये भ्रामक है.
NDA सरकार की उपलब्धियां और तमिलनाडु के कल्याण के लिए मोदी सरकार के कामों पर बात करते हुए शाह ने पीएम मोदी के 2015 के जाफना दौरे का जिक्र किया और कहा:
ये बयान वीडियो में 39:00 मिनट के करीब सुना जा सकता है.
गृह युद्ध के बाद श्रीलंका को समर्थन देने के लिए भारत सरकार ने ऐलान किया था कि वो उत्तर और पूर्वी प्रांतों में 50,000 घरों का निर्माण करेगी.
प्रोजेक्ट के बारे में यही जानकारी विदेश मंत्रालय और यूएन हैबिटैट की वेबसाइट पर मौजूद है.
2017 में पीएम मोदी ने एस्टेट वर्कर्स के लिए 10,000 अतिरिक्त घरों के निर्माण का ऐलान किया. 2015 में पीएम मोदी ने तमिलों को 27,000 घर हैंडओवर किए.
ये सच है कि प्रोजेक्ट 2014 में UPA की हार के बाद भी जारी रहा और NDA ने 10,000 अतिरिक्त घर जोड़े, लेकिन प्रोजेक्ट UPA सरकार ने शुरू किया था. ये तथ्य शाह के बयान से गायब है.
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