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ओवैसी का पुराना एडिटेड वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल

ओवैसी ने कहा था कि उन्होंने कोई नफरत भरा भाषण नहीं दिया, बल्कि पुलिस अधिकारियों को संबोधित किया, न कि किसी विशेष समूह को.

खुशी महरोत्रा
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>ओवैसी का पुराना एडिटेड वीडियो सांप्रदायिक दावों के साथ वायरल</p></div>
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ओवैसी का पुराना एडिटेड वीडियो सांप्रदायिक दावों के साथ वायरल

(Altered by Quint Hindi)

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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) नेता असदुद्दीन ओवैसी के भाषण की एक छोटी क्लिप सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक दावों के साथ शेयर की जा रही है.

वीडियो में क्या कह रहे हैं ओवैसी : वो कहते दिख रहे हैं, ''योगी हमेशा मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे. मोदी हमेशा प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे. हम मुसलमान वक्त के ऐतबार से खामोश जरूर है. अल्लाह अपनी ताकत के जरिए तुमको नस्तों-नाबूत करेगा, इंशाअल्लाह. हालात बदलेंगे, तब कौन बचाने आएगा तुमको." ?

क्या कह रहे हैं यूजर्स?: शेयर करने वालों का दावा है कि ओवैसी ने सांप्रदायिक भाषण दिया है.

किसने शेयर किया?: इस पोस्ट को ऋचा राजपूत नाम की यूजर ने शेयर किया है, जो भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उत्तर प्रदेश यूथ विंग की सोशल मीडिया प्रमुख है.

पोस्ट का अर्काइव यहां देखा सकते हैं.

(सोर्स: फेसबुक/स्क्रीनशॉट)

(इसी तरह के दावों के अर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.)

यह दावा पहली बार 2021 में वायरल हुआ था और इसे फिर से शेयर किया जा रहा है. आप उन दावों को यहां और यहां देख सकते हैं.

क्या यह दावा सही है?: असदुद्दीन ओवैसी ने 2021 में कानपुर में हुई एक बैठक में 45 मिनट का भाषण दिया था. हालांकि उस भाषण का केवल एक छोटा सा हिस्सा शेयर किया जा रहा है.

  • इस भाषण के दौरान, ओवैसी ने आरोप लगाया था कि कानपुर के रसूलाबाद पुलिस स्टेशन में एक 80 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति के साथ दुर्व्यवहार किया गया और उन्हें अपमानित किया गया, जिससे उत्तर प्रदेश पुलिस की आलोचना हुई थी.

  • वहां उन्होंने पूछा कि जब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में नहीं रहेंगे तो यूपी पुलिस की सुरक्षा कौन करेगा ?

हमनें सच का पता कैसे लगाया?: सबसे पहले हमने ओवैसी के भाषण का पूरा वीडियो ढूंढा.

"ओवैसी मोदी योगी नहीं रहेंगे" जैसे मिलते-जुलते कीवर्ड ढूंढने पर, हमें AIMIM के पेज पर एक फेसबुक लाइव मिला. इसका प्रसारण 12 दिसंबर 2021 को किया गया था.

भाषण के लगभग 39:12 मिनट पर ओवैसी ने आरोप लगाया, "मुझे जानकारी मिली कि कानपुर के रसूलाबाद पुलिस स्टेशन में 80 वर्षीय मोहम्मद रफीक को परेशान किया गया. उनकी दाढ़ी खींची गई और उन पर पेशाब किया गया. ऐसा SI गजेंद्र पाल सिंह ने किया."

  • वीडियो में वह पूछ रहे हैं कि क्या यह एक बुजुर्ग व्यक्ति के प्रति सम्मान का तरीका था. औवेसी ने टिप्पणी की कि अगर यह सच है तो उन्हें शर्म नहीं बल्कि दुख हो रहा है कि उन्होंने दाढ़ी देखी और उसे खींचने के बारे में सोचा.

  • फिर उन्होंने कहा, "आपको हमारी दाढ़ी से नफरत क्यों है?"

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  • ये वायरल वीडियो का हिस्सा है. जहां AIMIM नेता ने कहा, "योगी हमेशा मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे. मोदी हमेशा प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे. हम मुसलमान वक्त के ऐतबार खामोश जरूर है. अल्लाह अपनी ताकत के जरिए तुमको नस्तों-नाबूत करेगा, इंशाअल्लाह. हालात बदलेंगे, तब कौन बचाने आएगा तुमको.

  • इस बयान में ओवैसी जिन पुलिस वालों के बारे में बात कर रहे थे, उनके बारे में वह हिस्सा वायरल वीडियो से हटा दिया गया है.

  • बीजेपी ने भी ओवैसी के इस भाषण की आलोचना करते हुए इसे "आपराधिक और सांप्रदायिक मानसिकता" कहा था, इसपर दिसंबर 2021 में इंडिया टीवी ने एक रिपोर्ट भी की थी.

ओवैसी ने 2021 में वायरल वीडियो पर प्रतिक्रिया दी थी: जब यह क्लिप पहली बार 2021 में वायरल हुई थी, तो ओवैसी ने अपने आधिकारिक X अकाउंट से अपने बयान पर सफाई दी थी.

  • उन्होंने लिखा था, "मैंने हिंसा नहीं भड़काई या धमकियां नहीं दीं. मैंने पुलिस के अत्याचारों के बारे में बात की है," (sic.) और उन्होंने अपने भाषण का पूरा वीडियो शेयर किया था.

  • ओवैसी ने बताया था कि उनकी एडिटेड क्लिप 'हरिद्वार नरसंहार बैठक' से जनता का ध्यान भटकाने के लिए वायरल की गई थी.

निष्कर्ष: सोशल मीडिया यूजर्स 2021 में ओवैसी के भाषण के एडिटेड वीडियो को गलत सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं.

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