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सोशल मीडिया पर कई न्यूज ऑर्गनाइजेशन ने नॉर्वे की नोबेल प्राइज कमेटी के डिप्टी लीडर आस्ले तोहे (Asle Toje) को लेकर दावा किया है कि उन्होंने पीएम मोदी (PM Modi) को नोबेल के शांति पुरस्कार का सबसे बड़ा दावेदार बताया है.
किसने शेयर किया है दावा?: इस दावे को Times Now, Econimic Times, Times of India, English Jagran जैसे मीडिया ऑर्गनाइजेशन ने शेयर किया है.
इसके अलावा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखपत्र Panchjanya और राइटविंग वेबसाइट OpIndia ने भी इस दावे को शेयर किया है.
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सच क्या है?: हमें ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला कि आस्ले तोहे ने पीएम मोदी को नोबेल प्राइज का सबसे बड़ा दावेदार बताया है. हां, ये बात सच है कि आस्ले तोजे ने शांति स्थापित करने के लिए किए गए प्रयासों को लेकर पीएम मोदी की सराहना जरूर की थी.
बता दें कि तोहे के साथ-साथ कई दूसरे मेहमानों को "Alternative Development Model & Peace" नाम के सम्मेलन में चर्चा के लिए बुलाया गया था. इसका आयोजन 14 मार्च को इंडिया सेंटर फाउंडेशन की ओर से किया गया था.
क्या है उनकी स्पीच में?: यूट्यूब पर उपलब्ध वीडियो में उन्हें इंडिया के बारे में बोलते देखा जा सकता है. साथ ही, वो ये भी बोलते नजर आ रहे हैं कि शांति स्थापित करने के लिए यही सही समय है.
इस चर्चा में वो आर्थिक संकट, पर्यावरण से जुड़ी समस्या और युद्ध के बारे में बात करते हुए दिखते हैं. वो कहते हैं कि ये आज के समय की चुनौतियां हैं.
आगे वो जोर देकर कहते हैं कि ये समय शांति पर बात करने का है.
वो कहते हैं कि ये उनके लिए फक्र की बात है कि वो नॉर्वे की नोबेल कमेटी के सदस्य हैं.
आगे वो भारत की सराहना करते हुए ये भी कहते हैं कि वो भारत सीखने के लिए आए हैं. वो यहां शांति से जुड़ी चीजों के बारे में जानने और उस ऊर्जा के बारे में भी जानना चाहता हूं जिसकी वजह से कोई देश इतना समृद्ध हो सकता है.
उन्होंने यहां भारत के विकास पर बोलते हुए कहा कि ये देश आगे बढ़ रहा है. और ये एक ऐसा देश है जिसकी पहचान वैश्विक राजनीति में अहम होती जा रही है.
तोहे कहते हैं कि इस देश को अब ये तय करना होगा कि वो किस तरह से महान शक्ति बनना चाहता है.
तोहे के दूसरे इंटरव्यू: ABP News को दिए एक इंटरव्यू में उन्हें ये कहते सुना जा सकता है कि वो किसी के नाम के बारे में नहीं बता सकते क्योंकि ये गोपनीय रखा जाता है. वो यहां ये भी कहते हैं कि भारत की ओर से कमेटी को बहुत से नॉमिनेशन मिले हैं.
वीडियो के करीब 4 मिनट के बाद से तोहे को मुस्कुराते हुए और ये कहते हुए सुना जा सकता है, ''आप पूछ रहे हैं कि क्या वो (पीएम मोदी) नोबेल प्राइज के दावेदार हैं.''
वो इस सवाल का जवाब दिए बिना कहते हैं, ''बात ये है कि मेरे पास एक ही जवाब है. मुझे लगता है कि हर देश के हर नेता को ऐसे काम के लिए प्रेरित होगा जिसकी वजह से नोबेल का शांति पुरस्कार मिलता है." और मैं पीएम मोदी के लिए भी ऐसी ही उम्मीद करता हूं.''
वो कहते हैं कि वो पीएम मोदी के शांति से जुड़े प्रयासों को फॉलो करते हैं. और मुझे सच में उम्मीद है कि उनकी पहल का फल मिले.
तोहे ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए तोहे ने पीएम मोदी के उस बयान की सराहना की जिसमें उन्होंने कहा था कि ''ये युद्ध का समय नहीं है.''
तोहे ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी अपनी चिंता जाहिर की थी.
उन्होंने युद्ध पर भारत के रुख की सराहना की और कहा कि भारत ने दोस्ताना तरीके से अपनी बात रखी.
उन्होंने अपने भारत दौरे के बारे में बताया कि वो नॉर्वे की नोबेल कमेटी के डिप्टी लीडर के तौर पर भारत नहीं आए हैं. बल्कि वो भारत एक दोस्त और इंटरनेशनल पीस एंड अंडरस्टैंडिंग के डायरेक्टर के तौर पर आए हैं.
क्या नोबेल कमेटी के मेंबर कर सकते हैं किसी के नाम का खुलासा?: नोबेल पुरस्कार की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, ''नॉमिनेटर और नोबेल के नॉमिनी के नामों का खुलासा 50 सालों तक नहीं किया जा सकता.''
हमने तोहे से भी संपर्क किया है. प्रतिक्रिया मिलते ही स्टोरी अपडेट की जाएगी.
निष्कर्ष: ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि तोहे ने पीएम मोदी को नोबेल के शांति पुरस्कार का बड़ा दावेदार बताया है.
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