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सोशल मीडिया पर एक टेक्स्ट शेयर किया जा रहा है. इसके जरिए दावा किया जा रहा है कि असम (Assam) सरकार ने मंदिर के पुजारियों के लिए हर महीने 15,000 रुपये देने की घोषणा की है.
हालांकि, जब हमने इसकी पड़ताल की तो पाया कि ये दावा झूठा है. असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने अगस्त महीने में कई घोषणाएं की थीं. उनमें से एक घोषणा ये भी थी कि मंदिर के पुजारियों को कोरोना राहत के तौर पर एक बार में 15,000 राशि की सहायता प्रदान की जाएगी, न कि हर महीने.
सोशल मीडिया पर ये टेक्स्ट वायरल हो रहा है, ''असम सरकार अब "मंदिर के पुजारियों" को देगी प्रति माह 15000/ महीना, स्वागत योग्य कदम।''
हमने गूगल पर दावे से जुड़े जरूरी कीवर्ड की मदद से सर्च कर देखा. हमें 25 अगस्त 2021 को पब्लिश Dainik Jagran की एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना महामारी के दौरान देश भर में मंदिरों के बंद होने की वजह से पुजारियों की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी, इसलिए असम सरकार ने उन्हें 15,000 की कोरोना सहायता राशि प्रदान करने का फैसला लिया था. लेकिन, रिपोर्ट में ये कहीं नहीं लिखा था कि ये राशि हर महीने दे जाएगी.
यहां से क्लू लेकर हमने फिर से गूगल पर कीवर्ड सर्च किया. हमें 5 नवंबर 2021 को पब्लिश India Today की एक और रिपोर्ट मिली, जिसकी हेडलाइन थी, ''Assam government to provide one-time financial grant of Rs 15000 each to temple priests and Namghorias''
(अनुवाद- ''असम सरकार मंदिर के पुजारियों और नामघोरियों को देगी 15000 रुपये का एकमुश्त वित्तीय अनुदान'')
आर्टिकल के मुताबिक, असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया कि मंदिर के पुजारियों और नामघोरों (वैष्णव पूजा स्थल) के नामघोरियों को 15000 रुपये का वित्तीय अनुदान प्रदान किया जाएगा. क्योंकि कोविड-19 महामारी के दौरान इन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.
इसके अलावा, यही खबर हमें 20 अगस्त को पब्लिश Economic Times पर भी मिली. जिसके मुताबिक,
इसके बाद, हमने असम सीएम हिमंता बिस्वा सरमा का ट्विटर हैंडल भी चेक किया. हमें 20 अगस्त 2021 को किया गया उनका एक ट्वीट मिला.
ट्वीट में लिखा गया था कि सरकार के 100 दिन पूरे होने के साथ, वीकली कैबिनेट ने कुछ फैसले लिए हैं. ट्वीट में दो इन्फोग्राफिक भी शामिल थे. जिनमें से दूसरे इन्फोग्राफिक में पुजारियों को एकमुश्त 15000 देने की बात कही गई है.
इसके अलावा, हमें 4 नवंबर 2021 को हिमंता की ऑफिशियल ट्विवटर आईडी से किया गया एक और ट्वीट मिला. जिसमें शामिल इन्फोग्राफिक में भी यही जानकारी दी गई थी.
हालांकि, हमने ये भी जानने के लिए न्यूज रिपोर्ट्स चेक कीं, कि क्या ये धनराशि हर महीने दी जाएगी? जैसा के दावा किया जा रहा है. लेकिन हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जो दावे को सच साबित करती हो.
मतलब साफ है - ये सच नहीं है कि असम में पुजारियों को हर महीने 15,000 रुपए की राशि दी जाएगी. असल में असम सरकार ने पुजारियों को एकमुश्त 15,000 रुपए देने का फैसला लिया है, न की हर महीने.
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