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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें स्कूल ड्रेस में कुछ लड़कियां और कुर्सी में बैठी एक महिला दिख रही है. वीडियो में छात्राएं सिर झुकाकर कुछ अभ्यास करती दिख रही हैं.
क्या है दावा?: वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बागपत (Baghpat) के स्कूल में छात्राओं को नमाज पढ़ने की ट्रेनिंग दी जा रही है.
सच क्या है?: बागपत पुलिस और न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, वायरल वीडियो पुराना है और स्कूल में कराए गए एक कार्यक्रम के रिहर्सल का है.
हमने संबंधित थाने में भी संपर्क किया. छपरौली थाने से हमें बताया गया कि वायरल हो रहा दावा गलत है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: वायरल दावे में वीडियो का बागपत का बताया जा रहा है. यहां से क्लू लेकर हमने गूगल पर 'बागपत में स्कूल में नमाज' कीवर्ड का इस्तेमाल कर सर्च किया.
इससे हमें 28 मई को ABP Ganga पर पब्लिश एक रिपोर्ट मिली, जिसमें वायरल वीडियो का स्क्रीनशॉट इस्तेमाल किया गया था.
रिपोर्ट के मुताबिक, ये वीडियो बागपत के रठौड़ा में मौजूद होशियारी देवी इंटर कॉलेज का है.
आर्टिकल में स्कूल प्रबंधन के हवाले से लिखा गया है कि ये वीडियो पिछले साल के अक्टूबर माह का है.
रिपोर्ट 28 मई को पब्लिश हुई थी.
ये रिपोर्ट 28 मई को पब्लिश हुई थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, कॉलेज प्रिंसिपल मुनेश चौधरी ने बताया कि ये वीडियो 'अनेकता में एकता' नाम के एक सांस्कृतिक प्रोग्राम के रिहर्स का है, जिसमें सभी धर्मों के बच्चों ने हिस्सा लिया था. हालांकि, जब उन्हें ये पता चला तो उन्होंने ये सीन हटवा दिया.
उन्होंने ये भी कहा कि मामले पर जांच बैठाई गई है. जिसने भी ये वीडियो बनाया है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
इसके अलावा, हमें ABP Ganga के वेरिफाइड यूट्यूब हैंडल पर 28 मई का एक वीडियो मिला.
वीडियो के 33वें सेकेंड से कॉलेज प्रिंसिपल मुनेश चौधरी का बयान भी सुना जा सकता है, जहां वो वही कहती दिख रही हैं, जो ऊपर न्यूज रिपोर्ट में बताया गया है.
बागपत पुलिस ने ट्वीट कर बताई वीडियो की सच्चाई: हमें इस मामले से जुड़ा बागपत पुलिस का ट्वीट किया गया एक प्रेस नोट भी मिला, जिसमें बताया गया था कि वायरल दावा भ्रामक है.
प्रेस नोट में बताया गया था कि वीडियो एक नाटक के रिहर्सल का है और पुराना है. साथ ही, ये भी बताया गया कि वूीडियो को काट-छांटकर तैयार किया गया था.
संबंधित थाने का क्या है कहना?: ये मामला छपरौली थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है. इसलिए, हमने थाने से भी संपर्क किया, जहां वायरल दावे को गलत बताया गया.
हमें बताया गया कि ये वीडियो एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के रिहर्सल का है और पुराना है.
इसके बाद हमने संबंधित इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल से भी मुनेश चौधरी से भी संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि ये वीडियो पुराना है और इसके साथ शेयर किया जा रहा दावा भी गलत है.
उन्होंने बताया कि ये 'अनेकता में एकता' नाम का एक्ट है, जिसकी रिहर्सल कराई जा रही थी. हालांकि, उनके संज्ञान में आते ही उन्होंने ये सीन नाटक से हटवा दिया.
निष्कर्ष: साफ है कि स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम के रिहर्सल का पुराना वीडियो हाल का बताकर भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है.
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