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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक व्यक्ति एक प्रोफेसर के कार्यालय के अंदर कुरान पढ़ रहा है और इस दौरान कई लोग उसे घेरे हुए हैं.
दावा क्या है ? : पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि ढाका विश्वविद्यालय में एक हिंदू प्रोफेसर को मुस्लिम छात्रों ने कुरान पढ़ने के लिए मजबूर किया और उसे अपने पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया.
सच क्या है?: यह दावा सही नहीं है. यह बात सही है कि वीडियो बांग्लादेश की Dhaka University का है. लेकिन वीडियो में नजर आ रहे डीन मुस्लिम नहीं हैं. इस दावे में झूठा साम्प्रदायिक एंगल शमिल किया गया है.
वीडियो में नजर आ रहे डीन का नाम प्रोफेसर अब्दुल बशीर है.
आरोप है कि प्रोफेसर बशीर ने रमजान के दौरान ढाका यूनवर्सिटी में कुरान पाठ कार्यक्रम में शामिल होने वाले छात्रों को सजा देने की मांग की थी.
हमनें सच का पता कैसे लगाया ? हमनें इस वायरल वीडियो पर Google Lens की मदद से इमेज सर्च ऑप्शन का इस्तेमाल किया, हमें Protidiner Bangladesh नाम के Youtube चैनल पर यही वीडियो मिला.
इस वीडियो के टाइटल में लिखा था - कुरान पढ़ना बंद करने के लिए शिक्षक के कमरे में कुरान का पाठ किया गया. (बांग्ला से हिंदी में अनुवाद)
यहां से अंदाजा लगाकर हमनें इससे सम्बंधित कीवर्ड्स गूगल पर सर्च किए जिसमें हमें Dhaka Tribune की यह रिपोर्ट मिली।
इस रिपोर्ट में लिखा था प्रोफेसर डॉ. अब्दुल बशीर ने ढाका विश्वविद्यालय (DU) के कला संकाय के डीन पद से इस्तीफा दे दिया है.
रिपोर्ट में आगे लिखा था कि इस विरोध प्रदर्शन में भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के सह-समन्वयक एबी जुबैर भी मौजूद थे. जुबैर ने आरोप लगाया कि प्रोफेसर बशीर डीयू के छात्रों पर हुए हमलों में शामिल थे और इससे पहले उन्होंने रमजान के दौरान कैंपस में कुरान पढ़ने के कार्यक्रम में शामिल होने वाले छात्रों को दंडित करने की कोशिश की थी. उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रोफेसर बशीर ने इसी घटना को लेकर अरबी विभाग के अध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
हमने बांग्लादेशी फैक्ट-चेकर तौसीफ अकबर से संपर्क किया. जिन्होंने हमें बताया कि इस घटना में कोई साम्प्रदायिक एंगल शामिल नहीं है. तौसीफ ने हमसे पुष्टि की कि वीडियो में नजर आ रहे प्रोफेसर का नाम अब्दुल बशीर है. जो हिंदू नहीं हैं, उनका प्रोफाइल यहां पढ़ा जा सकता है.
अन्य न्यूज रिपोर्ट्स: Dhaka Tribune के सिवा हमें यही रिपोर्ट Financial Express, United News of Bangladesh, ढाका पोस्ट और Times Now ने इस घटना को रिपोर्ट किया था और डीन की पहचान डॉ. अब्दुल बशीर के रूप में की थी. जो कि मुस्लिम प्रोफेसर हैं, न कि हिंदू, जैसा कि दावा किया जा रहा है.
निष्कर्ष: बांग्लादेश की ढाका यूनिवर्सिटी के एक मुस्लिम प्रोफेसर के वीडियो को हिन्दू डीन बताकर भ्रामक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.
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