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बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर कर ऐसा दिखाया है कि वो 2008 में गांधी परिवार की चीन दौरे की है. जबकि असल में तस्वीर नई दिल्ली स्थित चीन दूतावास में 2017 फूड फेस्टिवल के दौरान की है. इस फेस्टिवल में बीजेपी समेत कई पार्टियों के नेता शामिल हुए थे.
गांधी परिवार कथित रूप से 2008 में बीजिंग गया था और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ 'दोनों दलों के संबंध' बढ़ाने के लिए एक MoU साइन किया था. लेकिन मालवीय ने 2017 की एक तस्वीर को गलत तरह से पेश किया है.
मालवीय का ये ट्वीट पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद आया है.
मालवीय ने अपने ट्वीट में कहा कि जब 2008 में गांधी परिवार का कोई सदस्य पब्लिक ऑफिस में नहीं था, तो उन्होंने चाइनीज हॉस्पिटैलिटी को मंजूर क्यों किया. मालवीय ने उनके दौरे को लद्दाख के तनाव से जोड़ते हुए कहा, "डोकलाम से लद्दाख तक, क्या इस परिवार का हित देशहित से ऊपर है?"
सेलफ्रेम टेक्नोलॉजी ग्रुप ऑफ कंपनीज के प्रमुख अरुण पुदुर ने राहुल गांधी को 'चाइनीज एजेंट' तक कहा.
इस तस्वीर को फेसबुक पर भी कई लोगों ने शेयर किया और 'इसे हाल ही में गांधी परिवार और चीन के डिप्लोमेट्स के बीच हुई सीक्रेट मीटिंग' के होने का दावा किया गया.
Yandex सर्च इंजन का इस्तेमाल कर जब रिवर्स इमेज सर्च किया गया तो यही तस्वीर 21 अप्रैल 2017 को चाइनीज दूतावास की वेबसाइट पर अपलोड हुई पाई गई.
वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, चाइनीज दूतावास ने राहुल, प्रियंका गांधी और उनके परिवार समेत कई भारतीय नेताओं को चीन के फूड फेस्टिवल में शामिल होने का न्योता भेजा था.
उस समय के रेल मंत्री और बीजेपी नेता सुरेश प्रभु, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, JDU नेता केसी त्यागी जैसे कई और नेता वहां मौजूद थे.
2008 में UPA के शासन के दौरान चीन की सरकार ने कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को बीजिंग ओलंपिक्स में आने का न्योता दिया था.
इंडिया टुडे में 7 अगस्त 2008 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) ने एक MoU साइन किया था. इसके जरिए एक मैकेनिज्म बनाया जाना था, जिससे दोनों पार्टी हाई-लेवल बातचीत कर सकेंगी. ये सब ओलंपिक्स की उदघाटन सेरेमनी के लिए सोनिया गांधी के परिवार समेत बीजिंग पहुंचने के बाद हुआ था.
(SM HoaxSlayer के इनपुट्स के साथ)
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