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सोशल मीडिया पर ABP News के बुलेटिन का एक वीडियो शेयर किया जा रहा है. वीडियो में एक शख्श दूसरे शख्स को पीटता नजर आ रहा है. वीडियो में न्यूज एंकर को ये कहते सुना जा सकता है कि ऐसा करने वाला बीजेपी का सदस्य है और UP के संभल से है. एंकर आगे ये भी कहती नजर आ रही है कि उस शख्स को इसलिए परेशान किया गया क्योंकि उस दिव्यांग ने कहा था कि यूपी में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सरकार आएगी.
क्लिप को इस दावे से शेयर किया जा रहा है कि यूपी में आजादी नाम की कोई चीज नहीं बची है. जैसा कि दिव्यांग लोगों को भी समाजवादी पार्टी का सिर्फ नाम लेने के लिए पीटा जा रहा है. ये दावा ऐसे समय में वायरल हो रहा है जब यूपी में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं.
हालांकि, हमने पाया कि क्लिप हाल की नहीं 2018 की है और ये घटना पुरानी है. न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, BJP नेता की पहचान अमरोहा के मोहम्मद मियां के तौर पर की गई है. जिसने दावा किया था कि उसने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणी करने के लिए दिव्यांग को पीटा था.
इस वीडियो को शेयर कर दावे में लिखा गया है, ''हालात आपातकाल से भी बदतर हो गए हैं उत्तर प्रदेश में, सपा का नाम लेने पर भाजपा नेता ने विकलांग व्यक्ति को डंडे से पीटा। हालात आपातकाल से भी बदतर हो गए हैं उत्तर प्रदेश में, सपा का नाम लेने पर भाजपा नेता ने विकलांग व्यक्ति को डंडे से पीटा।''
हमने ABP News की रिपोर्ट देखने के लिए घटना से जुड़े कीवर्ड का इस्तेमाल कर सर्च किया. हमें 25 दिसंबर 2018 की एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, एक विकलांग शख्स बार-बार कह रहा था कि वो अखिलेश यादव को वोट देगा, जिसके बाद बीजेपी नेता मोहम्मद मियां ने उस पर हमला किया.
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि जब पास खड़े पत्रकारों ने बीच-बचाव करने की कोशिश की तो उनके साथ भी बदसलूकी की गई.
NDTV India की एक और रिपोर्ट में मियां के बयान के हवाले से लिखा गया है, कि नारे लगाने वाला शख्स जब पीएम और सीएम योगी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी कर रहा था, तब वो नशे में था.
Times of India की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये घटना सोमवार, 24 दिसंबर 2018 की है.
इससे नाराज होकर मियां ने अपनी गाड़ी से डंडा निकालकर युवक के साथ मारपीट की.
TOI से बातचीत में, संभल के एसपी यमुना प्रसाद ने कहा कि मिया अपराधी है और वो ''असमोली पुलिस स्टेशन में एक ज्ञात हिस्ट्रीशीटर'' है. उन्होंने बताया कि गुज्जर को हिरासत में ले लिया गया और परिवार को कोई शख्स पुलिस स्टेशन नहीं आया.''
TOI के मुताबिक, गुज्जर को अगली शाम छोड़ दिया गया था.
मतलब साफ है, यूपी में आगामी चुनावों से पहले, तीन साल पहले एक बीजेपी नेता के एक विकलांग शख्स को पीटने का वीडियो हाल का बताकर शेयर किया जा रहा है.
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