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सोशल मीडिया पर वीडियो के दो अलग-अलग वर्जन शेयर कर दावा किया जा रहा है कि वीडियो में आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद संजय सिंह अपनी ही पार्टी के एक सदस्य की पिटाई कर रहे हैं.
दावे में क्या कहा जा रहा है?: दावे में कहा जा रहा है कि ये घटना दिल्ली (Delhi) में हुई है.
ये दावा शेयर कर ये दिखाने की कोशिश की जा रही है कि ये पार्टी गुजरात में चुनाव जीतने लायक नहीं है क्योंकि वो ''दिल्ली में सरकार ठीक से नहीं चला पा रही''.
वीडियो में एक पुलिसकर्मी लड़ाई रोकने की कोशिश करते दिख रहा है.
(ऐसे ही दूसरे पोस्ट का आर्काइव आप यहां देख सकते हैं.)
वीडियो में कौन लड़ता दिख रहा है?: वीडियो में बीजेपी के दिवंगत सांसद शरद त्रिपाठी और बीजेपी के ही पूर्व विधायक राकेश सिंह बघेल को आपस में बहस करते और एक-दूसरे से मारपीट करते देखा जा सकता है.
कहां और कब की है ये घटना?: ये वीडियो संत कबीर नगर का है जहां मार्च 2019 में मारपीट की ये घटना हुई थी.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: हमने वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स पर रिवर्स इमेज सर्च करने के साथ-साथ कीवर्ड सर्च भी किया. इससे हमें न्यूज एजेंसी ANI का मार्च 2019 में पोस्ट किया गया एक वीडियो मिला.
वीडियो में हमें एक पोस्टर दिखा, जिसमें ''जिला योजना समिति जनपद-संतकबीर नगर, दिनांक 6/03/2019 और स्थान: कलेक्ट्रेट सभागार'' लिखा हुआ है.
रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमें 6 मार्च 2019 के कई ट्वीट मिले जिनमें यही वीडियो था.
ट्वीट के मुताबिक, बीजेपी सांसद शरद त्रिपाठी और बीजेपी विधायक राकेश सिंह बघेल के बीच एक परियोजना की शिलापट पर नाम न होने की वजह से बहस हो गई. इसके बाद दोनों आपस में भिड़ गए.
इन ट्वीट में ये भी बताया गया है कि शिलापट में सांसद का नाम गायब होने पर झगड़ा शुरू हो गया. इसके बाद त्रिपाठी ने बघेल को जूते मारे.
इसके अलावा, हमें India Today पर 6 मार्च 2019 को पब्लिश एक रिपोर्ट मिली.
रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी में जिला कार्य योजना समिति की बैठक में बघेल और त्रिपाठी में मारपीट हो गई.
इसमें ये भी बताया गया था कि बघेल ने बीजेपी के अन्य सदस्यों के साथ त्रिपाठी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन भी किया था.
वीडियो में मौजूद बीजेपी मेंबर्स:
संतकबीर नगर से बीजेपी के पूर्व सांसद त्रिपाठी का 30 जून 2021 को गुरुग्राम में निधन हो गया था.
बघेल जो कि अभी भी बीजेपी सदस्य हैं. उन्हें 2022 के विधानसभा चुनावों में टिकट नहीं मिला, क्योंकि नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस ने सहयोगी निषाद पार्टी के अनिल कुमार त्रिपाठी को मेहदावल सीट से मैदान में उतारा था.
निष्कर्ष: यूपी में दो बीजेपी नेताओं के आपस में लड़ने का पुराना वीडियो दिल्ली का बता इस झूठे दावे से शेयर किया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के सदस्यों में आपस में लड़ाई हुई.
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