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स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना काल में बिना मास्क दिया धरना? झूठा दावा

फोटो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन बिना मास्क बंगाल हिंसा के विरोध में धरने पर बैठे

ऐश्वर्या वर्मा
वेबकूफ
Updated:
फोटो शेयर कर दावा किया जा रहा है केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन बिना मास्क बंगाल हिंसा के विरोध में बैठे
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फोटो शेयर कर दावा किया जा रहा है केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन बिना मास्क बंगाल हिंसा के विरोध में बैठे
(फोटो: Altered by The Quint)

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह और विजय गोयल की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है. इसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि स्वास्थ्य मंत्री बढ़ती महामारी के बीच सभी कोविड प्रोटकॉल को तोड़ते हुए प्रोटेस्ट कर रहे हैं.

हालांकि, ये फोटो कोरोनाकाल की नहीं है, बल्कि साल 2019 की है जब बीजेपी के मंत्रियों ने पश्चिम बंगाल में अमित शाह के रोड शो के दौरान हुई हिंसा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था.

ये तस्वीर ऐसे समय में वायरल हो रही है जब बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है. इस हिंसा में कई लोगों की जानें गई हैं.

दावा

इस वीडियो को फेसबुक और ट्विटर पर इस कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है "यह है देश कि सिस्टम..!! बीच में बैठा आदमी, इस देश का “स्वास्थ्य मंत्री” है. बंगाल की हार नही पचने के कारण राष्ट्रपति शासन लगा दो यह कहते हुए धरना पर बैठ गये बिना मास्क ! देश मे रोज “ऑक्सिजन और दवा” की कमी से 3000 से 3500 और ज्यादा भी मर रहे हैं यह दिखाई नहीं देते क्योकि इनको सिर्फ अपने कुर्सी कि चिंता है जनता जाए भाड़ में...!!"

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

फोटो को ट्विटर पर इस दावे के साथ भी शेयर किया जा रहा है कि 5 से 7 लोगों के मरने पर ये धरने पर बैठ गए, लेकिन ऑक्सीजन और दवाओं के बिना जो हजारों मर रहे हैं वो इनको नहीं दिखते. पोस्ट का आर्काइव आप यहां देख सकते हैं

इसी तरह के और भी ट्वीट और फेसबुक के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

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पड़ताल में हमने क्या पाया

हमने वायरल फोटो पर रिवर्स इमेज सर्च करके देखा. हमें न्यूज पोर्टल 'HW Hindi' की 15 मई 2019 को पब्लिश एक रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में इसी फोटो का इस्तेमाल किया गया था. इस आर्टिकल की हेडलाइन है, ''ममता के खिलाफ BJP का जंतर-मंतर पर साइलेंट प्रोटेस्ट''.

ये रिपोर्ट 15 मई 2019 को छपी थी(सोर्स: स्क्रीनशॉट/HW News Hindi)

इस आर्टिकल में न्यूज एजेंसी ANI का ट्वीट भी लिंक किया गया था. इस ट्वीट लिंक पर डिफरेंट ऐंगल में खींची गई वायरल फोटो के साथ जंतर-मंतर के इस इवेंट की और भी फोटोग्राफ थीं.

ट्वीट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

बीजेपी के नेता 15 मई 2019 को कोलकाता में बीजेपी और टीएमसी समर्थकों के बीच हुई झड़पों के विरोध में जंतर-मंतर में इकट्ठा हुए थे. गृहमंत्री अमित शाह के कोलकाता में रोड शो के दौरान हुई हिंसा के एक दिन बाद ये विरोध किया गया था.

इस घटना को क्विंट के साथ-साथ और भी कई न्यूज आउटलेट ने कवर किया था. हमें प्रोटेस्ट के ऐसे ही विजुअल कई वेबसाइट पर मिले.

मतलब साफ है कि करीब 2 साल पुराने बीजेपी लीडर्स के साइलेंट प्रोटेस्ट की फोटो हाल की बताकर भ्रामक दावे से शेयर की जा रही है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 11 May 2021,09:59 PM IST

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