Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Webqoof Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखते बच्चे का 5 साल पुराना वीडियो गलत दावे से वायरल

रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखते बच्चे का 5 साल पुराना वीडियो गलत दावे से वायरल

वीडियो सांप्रदायिक दावे से शेयर कर दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम लड़के को रेल कर्मचारियों ने पत्थर रखते पकड़ा

सर्वजीत सिंह चौहान
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>कर्नाटक का 5 साल पुराना वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावे से वायरल</p></div>
i

कर्नाटक का 5 साल पुराना वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावे से वायरल

(फोटो: Altered by The Quint)

advertisement

ओडिशा ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है, जिसमें ट्रेन की पटरी पर पत्थर रखे दिख रहे हैं और एक बच्चे को कुछ लोग पकड़कर डांटते हुए दिख रहे हैं.

क्या है दावा?: वीडियो शेयर करने वाले इसे सांप्रदायिक दावे से शेयर कर रहे हैं और लिख रहे हैं कि मुस्लिम लड़के को रेल कर्मचारियों ने पटरी पर पत्थर रखते हुए रंगे हाथों पकड़ा. साथ ही, ये भी लिख रहे हैं कि अगर कोई ट्रेन हादसा होता तो इसका दोष सरकार को दिया जाता.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

इस वीडियो को कई सोशल मीडिया यूजर्स के साथ-साथ कई न्यूज वेबसाइट जैसे कि Times Now, Amar Ujala, Asianet News और OdishaTV ने भी हाल के वीडियो की तरह शेयर किया है. कई यूजर्स ने इस वीडियो को कर्नाटक का बताकर भी शेयर किया है. तो वहीं कुछ लोगों ने इसे बिना किसी संदर्भ के शेयर किया है.

ऐसे और भी दावों के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

सच क्या है?: वायरल वीडियो कर्नाटक का है, लेकिन हाल का नहीं है और न ही इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल है.

  • वीडियो कर्नाटक के वाड़ी जंक्शन से 2 किमी दूर का है, जहां 2018 में कुछ रेलवे कर्मचारियों ने पटरी पर पत्थर रखने वाले बच्चे को पकड़ा था.

  • संबंधित थाने से मिली जानकारी के मुताबिक, इस मामले में न तो कोई शिकायत हुई थी और न ही कार्रवाई.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

हमने सच का पता कैसे लगाया?: वीडियो वेरिफिकेशन टूल InVID का इस्तेमाल कर हमने वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उनमें से कुछ पर रिवर्स इमेज सर्च किया.

  • इससे हमें फेसबुक और ट्विटर पर 2018 के कई पोस्ट मिले, जिनमें यही वीडियो इस्तेमाल किया गया था.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

  • वीडियो में दिख रहे लोग कन्नड़ बोलते नजर आ रहे हैं. यहां से क्लू लेकर हमने बेंगलुरु पुलिस से संपर्क किया, जहां से हमें वाड़ी रेलवे पुलिस स्टेशन का नंबर मिला.

  • यहां तैनात एसआई महमूद पाशा ने बताया कि ये घटना 2018 की है और वाड़ी रेलवे पुलिस के क्षेत्र के अंतर्गत आता है.

  • उन्होंने बताया कि ये घटना गुलबर्गा से 2 किमी दूर हुई थी. जहां रेलवे ट्रैक के बगल की बस्ती में रहने वाले बच्चे ने ट्रैक पर पत्थर रखे थे. जिसे वहां मौजूद रेलवे कर्मचारियों ने उसे पकड़ा था.

  • उन्होंने ये भी बताया कि मामले में कोई शिकायत ये एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी. इसके अलावा, तब पुलिस बच्चे के घर पर गई थी.

  • पाशा ने घटना के सांप्रदायिक होने के दावे को भी खारिज किया है.

सर्किल इंसपेक्टर का क्या है कहना?: हमें वाड़ी पुलिस से रायचूर रेलवे के सर्कल इंसपेक्टर रवि कुमार का नंबर मिला, जिन्होंने बताया कि वीडियो को झूठे दावे से शेयर किया जा रहा है. वायरल वीडियो 2018 का है और मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.

निष्कर्ष: साफ है कि 2018 का वीडियो हाल का बताकर झूठे सांप्रदायिक एंगल से शेयर किया जा रहा है.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT