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क्या आपको भी वो फॉरवर्ड मैसेज मिला है, जिसमें दावा है कि अमेरिका के एक प्रोफेसर ने चीन को कोरोनावायरस बेचा था, और अब उसे गिरफ्तार कर लिया गया है और क्या आपको भी लगा कि ये सच है? अगर हां तो आप भी कइयों की तरह वेबकूफ बने हैं
एक फॉरवर्ड मैसेज जिसके साथ वीडियो भी है, उसे जमकर शेयर किया जा रहा है. इसके जरिए ये बात फैलाई जा रही है कि चीन ने कोरोना वायरस को एक जैविक हथियार के तौर पर बनाया...इसमें आगे बताया गया है कि FBI ने एक अमेरिकी प्रोफेसर को इस मामले में गिरफ्तार किया है. इससे ऐसा लगने लगता है कि ये कहानी सही होगी.
क्या सचमुच कोरोना वायरस एक जैविक हथियार है जिसे एक अमेरिकी प्रोफेसर ने बनाया और फिर चीन को बेच दिया. एक मैसेज के साथ ABC नेटवर्क से जुड़े एक टीवी स्टेशन WCVB-TV के बुलेटिन का वीडियो है. क्विंट वेबकूफ हैल्पलाइन नंबर पर कई लोगों ने पूछा कि क्या ये मैसेज सही है? और हमने ये पता लगाया.
पहले तो ये बता हूं कि बुलेटिन से लिए गए वीडियो से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है. लेकिन इसके साथ जो मैसेज फॉरवर्ड किया जा रहा है वो झूठा है और इस वीडियो से उसका कोई संबंध नहीं है.
उन्हें 2020 की जनवरी में गिरफ्तार किया गया था लेकिन इसलिए नहीं कि उन्होंने कोरोना वायरस बनाकर चीन को बेचा..बल्कि इसलिए क्योंकि उन्होंने अमेरिकी अधिकारियों से चीन सरकार के एक प्रोग्राम के बारे में झूठ कहा था, जो साइंटिफिक टैलेंट की भर्ती करने के लिए बना था.
हमने फ्रॉड के इस केस के बारे में कई पब्लिकेशंस में पढ़ा लेकिन किसी में भी कोविड 19 का जिक्र नही हैं, यहां तक कि WCVB-TV की वेबसाइट पर छपे आर्टिकल में इन तमाम पब्लिकेशंस जैसी ही बात लिखी है...और इस वायरल मैसेज जैसा कुछ नहीं लिखा.
हमें अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट का एक बयान भी मिला, जिसमें बताया गया है कि डॉ. लीबर को झूठा, मनगढंत और फर्जी बयान देने के लिए गिरफ्तार किया गया है. इसमें उनके चीन से संबंधों और फ्रॉड का भी जिक्र है.
तो अगली बार आपको कोई ऐसा मैसेज मिले तो हमें webqoof@thequint.com पर भेजिए और हम आपके लिए सच्चाई का पता लगाएंगे. अपना ध्यान रखें, सेफ रहें.
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