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सोशल मीडिया पर कोविड19 से बचने के लिए बताए गए 21 निर्देशों की एक लिस्ट वायरल हो रही है. इसमें 2 साल तक सभी यात्राएं स्थगित करने, 1 साल तक कहीं बाहर खाना न खाने, शाकाहारी खाने को प्राधमिकता देने जैसे निर्देश हैं.
दावा किया जा रहा है कि ये सभी निर्देश देश की शीर्ष रिसर्च संस्था इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR ) ने जारी किए हैं. ये लिस्ट ऐसे समय पर वायरल हो रही है जब देश के कई हिस्सों में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
पड़ताल में सामने आया कि ये गाइडलाइन ICMR ने जारी नहीं की है. पिछले साल यही गाइडलाइन गंगा राम हॉस्पिटल की बताकर वायरल हुई थी. नारायण हेल्थ के फाउंडर और चेयरमैन ने क्विंट की वेबकूफ टीम से हुई बातचीत में इसे फेक बताया था.
सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही 21 पॉइंट्स की एडवाइजरी के कुछ पॉइंट हैं ( हिंदू अनुवाद)
ये दावा अब भी कई फेसबुक और ट्विटर यूजर शेयर कर रहे हैं. वेबकूफ की वॉट्सएप टिपलाइन पर भी कई यूजर्स ने ये मैसेज पड़ताल के लिए भेजा.
ICMR की ऑफिशियल वेबसाइट पर हमें ऐसी कोई एडवाइजरी नहीं मिली. रिपोर्ट लिखे जाने तक आखिरी प्रेस रिलीज 3 मार्च की थी, जो कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल को लेकर जारी हुई थी.
वायरल मैसेज को ध्यान से पढ़ने पर इसमें ग्रामर से जुड़ी कई गलतियों हैं. साथ ही इस एडवाइजरी में दिए गए कई निर्देश ऐसे हैं, जो वैज्ञानिक तौर पर सिद्ध नहीं हुए हैं. उदाहरण के तौर पर वायरल मैसेज में - शाकाहारी खाने को प्राथमिकता देना, बेल्ट न पहनना, अंगूठी न पहनने की बात कही गई है. अब तक ऐसी कोई रिसर्च रिपोर्ट सामने नहीं आई है जिससे साबित होता हो कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए ये सब नहीं करना है.
एडवाइजरी के दूसरे पॉइंट में बताया गया है - 1 साल तक बाहर का खाना न खाएं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, अब तक किसी भी स्टडी में ये साबित नहीं हुआ है कि कोविड-19 का संक्रमण खाने से भी फैलता है. हां, खाना खाने से पहले हांथों को अच्छे से धोने की सलाह नहीं दी गई है. द क्विंट की पड़ताल में पहले भी ये दावा झूठा साबित हो चुका है कि शाकाहारी लोग कोविड-19 से सुरक्षित हैं. ये दावा वायरल मैसेज में भी किया गया है.
वायरल मैसेज में घर में घुसने से पहले जूते उतारने की भी सलाह दी गई है. WHO ने एक एडवाइजरी जारी कर बताया है कि जूतों के जरिए कोरोनावायरस फैलने की संभावना काफी कम है. हालांक साथ में WHO ने ये भी उल्लेख किया है कि अगर घर में छोटे बच्चे हों तो जूते बाहर उतारना एक हाइजीनिक प्रैक्टिस ( अच्छी या स्वच्छ आदत) है.
वायरल मैसेज के एक पॉइंट में रुमाल (handkerchief) का उपयोग न करने की सलाह दी गई है. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय गाइडलाइन जारी कर ये कह चुका है कि कोविड 19 से बचाव के लिए कपड़े का इस्तेमाल किया जा सकता है. नाक और मूंह को हमेशा कपड़े से ढंककर रखना चाहिए. सरकार की एडवाइजरी में इस कपड़े को रोजाना धोने की भी सलाह है.
WHO के मुताबिक इन गाइडलाइन का पालन कर खुद को कोविड 19 के संक्रमण से बचाया जा सकता है.
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