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धन्यवाद - टीम वेबकूफ)
सोशल मीडिया पर Covid-19 से जुड़ा एक मैसेज वायरल हो रहा है, जिसमें अलग-अलग देशों में कोरोना के हालात, यात्राओं में प्रतिबंध और वहां लगाए गए लॉकडाउन से जुड़ी लिस्ट दी गई है. इस मैसेज को संभावित तीसरी लहर के खतरों पर जोर देते हुए शेयर किया जा रहा है.
मैसेज में लिखा है कि ''इतिहास हमें बताता है कि कैसे 1917-1919 के स्पेनिश फ्लू में तीसरी लहर पहली और दूसरी लहरों की तुलना में अधिक खतरनाक थी. लाखों लोग मारे गए थे.'' इसमें आगे ये भी लिखा है कि कैसे देश एक बार फिर अपनी सीमाओं को बंद करने के लिए कोशिश कर रहे हैं.
हालांकि, हमने पाया कि प्रतिबंधों से जुड़ा ये मैसेज खतरनाक होने के साथ-साथ बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है.
ये टेक्स्ट मैसेज फेसबुक, ट्विटर और WhatsApp पर शेयर किया जा रहा है. इसमें दावा किया गया है कि कनाडा, तंजानिया, सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी और इटली ने देश से बाहर जाने वाली और देश में आने वाली फ्लाइट्स को बैन कर दिया है. इसके अलावा, कनाडा में हर रोज होने वाली मौतें 1000 से ज्यादा हो गई हैं.
मैसेज में दावा किया गया है कि इन देशों ने पुष्टि कर दी है कि तीसरी लहर सबसे घातक है. इसके लिए, उदाहरण के तौर पर 1917 से 1919 के बीच स्पेनिश फ्लू से हुई लाखों मौतों के बारे में बताया गया है.
हमने टेक्स्ट मैसेज में दिए गए सभी देशों को लेकर किए गए दावों की जांच की. इसके लिए, हमने सरकारी घोषणाओं और न्यूज रिपोर्ट्स के आधार पर जानकारी को वेरिफाई किया.
हमने कनाडा सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट चेक की और पाया कि देश की पब्लिक हेल्थ एजेंसी की ओर से 30 नवंबर को एक न्यूज रिलीज जारी की गई है.
रिलीज के मुताबिक, कनाडा ने वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए बॉर्डर से जुड़ी अतिरिक्त सावधानियों की घोषणा की. और मिस्र, नाइजीरिया और मलावी को निषेधात्मक देशों वाली लिस्ट में शामिल किया.
फिलहाल, कनाडा ने उन लोगों के लिए देश में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया है जिन्होंने पिछले दो हफ्तों में बोत्सवाना, मिस्र, इस्वातिनी, लेसोथो, मलावी, मोजाम्बिक, नामीबिया, नाइजीरिया, दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे जैसे 'हाई रिस्क' वाले देशों की यात्रा की है.
हर देश से आने वाले यात्रियों पर देश पहुंचते ही टेस्ट और इंस्टीट्यूशनल क्वारंटीन नियम लागू होते हैं.
इसके अलावा, ऑनलाइन पब्लिकेशन Our World In Data पर उपलब्ध डेटा के मुताबिक, कनाडा में कभी भी कोविड महामारी की शुरुआत के बाद से एक दिन में 244 (29 अप्रैल 2020) से ज्यादा मौतें नहीं हुई.
किंगडम ऑफ सऊदी अरब ने शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, बोत्सवाना, जिम्बाब्वे, मोजाम्बिक, लेसोथो और इस्वातिनी से आने वाली फ्लाइट्स को ओमिक्रोन वेरिएंट से जुड़ी चिंताओं के चलते रद्द कर दिया था. लेकिन, न्यूज एजेंसी Reuters की 28 नवंबर की रिपोर्ट के मुताबिक, जिस वक्त उनके देश में वैक्सीन की एक डोज लग जाती है, देश सभी देशों से आने वाले यात्रियों को अनुमति देगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, किंगडम में यात्रियों को ''अगले शनिवार'' तक प्रवेश की अनुमति दी जाएगी. हालांकि, उन्हें 3 दिनों के लिए क्वारंटीन होना होगा.
तंजानिया को कर दिया गया है पूरी तरह से बंद?
टीम वेबकूफ ने तंजानिया में हाल में ही लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों, लॉकडाउन या कोविड से जुड़े प्रतिबंधों वाली रिपोर्ट्स या ऑफिशियल घोषणाएं सर्च कीं, लेकिन ऐसी कोई भी घोषणा नहीं मिली.
13 सितंबर 2021 को जारी आखिरी ट्रैवल एडवाइजरी में, तंजानिया सरकार ने सभी यात्रियों के लिए कोविड की नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य कर दिया था. सिर्फ RT-PCR या NAAT टेस्ट ही मान्य थे.
ब्राजील में एक दिन में हुई 4100 से ज्यादा मौतें?
टेक्स्ट में 'आज' हुई मौतों के बारे में लिखा गया है, जबकि तारीख का जिक्र नहीं है.
Our World In Data के मुताबिक, हमने पाया कि 20 अगस्त 2021 से ब्राजील में एक दिन में 1000 से ज्यादा मौतें नहीं हुईं.
हालांकि, इसी साल देश में 8 अप्रैल को एक दिन में सबसे ज्यादा 4249 मौतें हुई थीं. नवंबर आने तक प्रति दिन होने वाली मौतें 1000 से कम हो गई हैं.
स्पेन ने घोषणा की है कि आपातकाल की स्थिति को बढ़ाया जा सकता है?
Bloomberg की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में आपातकाल मई 2021 में खत्म कर दिया गया था. और शुक्रवार 3 दिसंबर तक स्पेन अब पूरी तरह से वैक्सीनेटेड लोगों को RT-PCR टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट लेकर देश में और बाहर यात्रा करने की अनुमति देता है.
ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है कि देश में आपातकाल लग रहा है.
यूके में 1 महीने के लॉकडाउन की घोषणा की गई?
इंग्लैंड में किसी तरह का लॉकडाउन नहीं है. न्यूज एजेंसी Reuters ने ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन के हवाले से कहा, ''मुझे लगता है कि जिस तरह का लॉकडाउन हमने पहले किया था, उसकी जरूरत नहीं है.''
जॉनसन ने कहा कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है, क्योंकि देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट के नए मामले सामने आए हैं.
हमने फ्रांस सरकार की ओर से, लगाए गए लॉकडाउन या यात्रा प्रतिबंधों से जुड़ी घोषणाएं सर्च कीं. हमने पाया कि फ्रांस ने सात देशों, दक्षिण अफ्रीका लेसोथो, बोत्सवाना, जिम्बाब्वे, मोजाम्बिक, नामीबिया और इस्वातिनी से आने वाले यात्रियों को प्रतिबंधित कर दिया था.
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, अन्य देशों के वो यात्री जिन्होंने वैक्सीन की पूरी डोज ले ली है, बिना RT-PCR रिपोर्ट के फ्रांस आ सकते हैं.
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि सरकार ने देश के कुछ हिस्सों, जहां कोविड के बढ़ते मामले देखे गए वहां मास्क से जुड़े नए जनादेश की घोषणा की है.
देश की फॉरेन फेडरल ऑफिस की वेबसाइट के मुताबिक, जर्मनी ने भी बोत्सवाना, इस्वातिनी, लेसोथो, मलावी, मोजाम्बिक, नामीबिया, दक्षिण अफ्रीका और जिम्बाब्वे से आने वाले यात्रियों के लिए यात्रा प्रतिबंध जारी किए हैं.
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मनी ने वायरस की चौथी लहर आने के बावजूद लॉकडाउन की घोषणा नहीं की है. देश मे उन लोगों को प्रतिबंधित करने की नीति अपनाई जा रही है जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली है. ऐसे लोगों को अपने घर से बाहर सिर्फ दो लोगों से मिलने की अनुमति है. जर्मनी फरवरी 2022 तक सभी लोगों के लिए वैक्सीन अनिवार्य करने पर विचार कर रहा है.
मीडिया ऑर्गनाइजेशन CNN की रिपोर्ट के मुताबिक देश में 31 दिसंबर तक आपातकाल की स्थिति रहेगी, लेकिन इटली में कोई लॉकडाउन नहीं लगाया गया है. हालांकि, 8 अफ्रीकी देशों से आने वाले यात्रियों के लिए यात्रा प्रतिबंध लगाया गया है.
इसके अलावा, रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में उन लोगों के लिए नियमों को कड़ा कर दिया है जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली है. जिससे ऐसे लोगों के लिए रोजमर्रा की गतिविधियां कठिन हो जाएंगी.
वायरल मैसेज में कोविड और स्पेनिश फ्लू के बीच समानताएं बताई गई हैं और लिखा गया है कि स्पेनिश फ्लू की तीसरी लहर दूसरी की तुलना में ज्यादा घातक थी.
हालांकि, सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक दूसरी लहर ज्यादा घातक थी.
हालांकि, ये सच है कि देशों ने एक बार फिर से जरूरी सावधानी और तरीकों को लागू किया है जैसे कि कुछ ऐसे देशों से आने वाली और जाने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगाई है जिन्हें ''हाई रिस्क'' वाले देश माना गया है. लेकिन टेक्स्ट में निराधार दावे किए गए हैं. ये दावा गलत है और बढ़ा-चढ़ाकर किया गया है कि मौतों में अचानक से बढ़ोतरी हुई है.
(ये स्टोरी द क्विंट के कोविड-19 और वैक्सीन पर आधारित फैक्ट चेक प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए शुरू किया गया है.)
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