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सोशल मीडिया पर हिंदी न्यूजपेपर Dainik Jagran के नाम पर एक ग्राफिक वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा है, 'एक मुहल्ला एक बकरा'.
क्या है दावा?: ग्राफिक को बकरीद (Bakrid) से जोड़कर शेयर किया जा रहा है, जिसमें लिखा है, ''एक मुहल्ला एक बकरा- इस बार बकरीद पर हो सके तो पुरे मोहल्ले मे होली एक ही बकरे की कुर्बानी दे इससे अपनापन बढेगा खून खच्चर कम होगा पानी की बर्बादी कम होगी गन्दगी कम फैलेगी''
सच क्या है?: वायरल फोटो एडिटेड है.
ओरिजिनल फोटो 4 मार्च 2023 को छपे दैनिक जागरण से ली गई है.
ये दैनिक जागरण की ओर से चलाया जाने वाला एक कैंपेन है, जिसमें लोगों से इकोफ्रैंडली होली मनाने की गुजारिश की गई थी.
इसमें लिखा था, "एक मुहल्ला, एक होलिका"
इसके अलावा, दैनिक जागरण के उत्तर प्रदेश के राज्य संपादक आशुतोष शुक्ला ने बताया कि वायरल हो रही फोटो ''फेक'' है.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: हमने Dainik Jagran की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट Vishwas News से संपर्क किया. वहां से हमें न्यूजपेपर में पब्लिश ओरिजिनल ग्राफिक की एक फोटो मिली.
''एक मुहल्ला एक होलिका'' नाम वाले इस ग्राफिक में लोगों से गुजारिश की गई थी कि वो एक मोहल्ले में एक ही होलिका जलाएं, ताकि प्रदूषण न हो. इसमें लिखा गया है कि ऐसा करने से प्रदूषण तो कम होगा ही, साथ ही साथ लोगों में एकजुटता की भावना भी बढ़ेगी.
दोनों तस्वीरों की तुलना करने पर साफ पता चलता है कि वायरल ग्राफिक एडिटेड है.
हमें 8 मार्च की Dainik Jagran की एक रिपोर्ट भी मिली. इसमें इस बारे में बताया गया था कि यूपी के प्रतापगढ़ में संस्थान के इस कैंपेन का कैसा असर हुआ है.
Dainik Jagran के यूपी राज्य संपादक ने बताया सच: न्यूजपेपर के उत्तर प्रदेश के राज्य संपादक आशुतोष शुक्ला ने बताया कि न्यूजपेपर में इस नाम का कोई विज्ञापन नहीं छपा.
उन्होंने बताया, "दैनिक जागरण का अभियान 'एक मुहल्ला-एक होलिका' है. यह हमारा पर्यावरण संरक्षण अभियान है और यह विज्ञापन पहले भी कई बार प्रकाशित हो चुका है.''
इसके अलावा, हमें हरदोई पुलिस के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से किया गया 7 मार्च का एक ट्वीट भी मिला. जिसमें होलिका दहन के दौरान न्यूजपेपर के अभियान के प्रभाव के बारे में बताया गया था.
निष्कर्ष: साफ है कि Dainik Jagran का होली से संबंधित ग्राफिक एडिट कर बकरीद से जोड़कर शेयर किया जा रहा है.
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