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सोशल मीडिया पर कई यूजर्स शिवा गुर्जर के लिए न्याय की मांग करते हुए पोस्ट शेयर कर रहे हैं. शिवा गुर्जर को 18 मार्च 2022 को दिल्ली (Delhi) के नरायणा में एक पान की दुकान पर बहस होने के बाद मार दिया गया था.
शिवा गुर्जर की मौत से संबंधित फोटो, वीडियो शेयर कर कई पोस्ट में सांप्रदायिक रंग देते हुए दावा किया गया कि शिवा को मुस्लिम समुदाय के 4 से 5 लोगों ने मार दिया है.
हालांकि, दावा भ्रामक है. नारायणा पुलिस स्टेशन के SHO समीर श्रीवास्तव ने इस बात की पुष्टि की है को घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
दिल्ली पुलिस की ओर से जारी प्रेस नोट में पांच आरोपियों में 4 वयस्क और एक नाबालिग है. इनमें से 4 हिंदू और एक मुस्लिम समुदाय से है.
सोशल मीडिया यूजर्स 'justice_for_shiva_gurjar' हैशटैग का इस्तेमाल कर इस घटना को इस दावे से शेयर कर रहे हैं कि इस मामले में लिप्त सभी आरोपी मुस्लिम समुदाय से हैं.
इस दावे को वेरिफाइड ट्विटर यूजर Elvish Yadav ने भी शेयर किया है.
इस दावे को टेलीग्राम पर भी शेयर किया जा रहा है. आर्टिकल लिखते समय तक 'MeghUpdates' नाम के एक चैनल पर शेयर किए इस दावे को 8,500 से ज्यादा बार देखा जा चुका है.
ऐसे ही अन्य दावों के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
कीवर्ड्स की मदद से हमने घटना से जुड़ी न्यूज रिपोर्ट सर्च कीं. हमें 22 मार्च को Hindustan Times पर पब्लिश एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने 29 साल के शिवा गुर्जर पर हमला करके चाकू मारने के आरोप में एक नाबालिग सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. ये घटना दिल्ले का नारायणा स्थित एक पान की दुकान की है.
रिपोर्ट के मुताबिक, शिवा गुर्जर और तीन अन्य पान की दुकान में पान खाने के लिए रुके थे. जहां कथित तौर पर शिवा की बाइक पान की दुकान के एक कर्मचारी वकील अहमद पर पीछे से टकरा गई. दोनों के बीच बहस होने के बाद, अहमद का साथ देने के लिए दुकान के मालिक, उसके दो बेटों और उसका नाबालिग भतीजा आ गया.
Times Now Hindi पर पब्लिश आर्टिकल के मुताबिक, घटना में शामिल नाबालिग ने गुर्जर के सीने में चाकू मार दिया. जिसके बाद शिवा को अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.
इस रिपोर्ट में वयस्क आरोपियों की पहचान धर्मेंद्र राय, सचिन राय और रामानुज के रूप में की गई है.
उन्होंने आरोपी का नाम लेते हुए बताया कि चार आरोपी एक ही परिवार से थे और हिदू थे. उन्होंने आगे कहा कि जो लोग इस मुद्दे को सांप्रदायिक एंगल देने की कोशिश कर रहे हैं उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
हमें एक रिपोर्टर की मदद से इस मामले के संबंध में दिल्ली पुलिस की ओर से जारी एक प्रेस नोट मिला. इसमें बताया गया है कि 19 मार्च को धारा 302 (हत्या) और 34 (समान इरादे से कई लोगों द्वारा किया गया आपराधिक कृत्य) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
इस प्रेस नोट से इस बात की पुष्टि होती है कि चार आरोपी हिंदू थे, जिनमें से एक नाबालिग है और एक मुस्लिम समुदाय से था.
दिल्ली पुलिस के वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट से भी इस मामले से जुड़ा एक वीडियो शेयर किया गया और बताया गया है कि मामला सांप्रदायिक नहीं है. साथ ही लोगों से कहा गया है कि इसे एक अपराध की दृष्टि से देखें.
मतलब साफ है कि ये दावा भ्रामक है कि शिवा गुर्जर पर मुस्लिम समुदाय के 4-5 लोगों ने हमला कर उसे मार डाला, क्योंकि इस मामले से जुड़े 5 आरोपियों में से 4 हिंदू और 1 मुस्लिम है.
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