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सोशल मीडिया पर करीब ढाई साल पुरानी एक न्यूज रिपोर्ट को हाल की न्यूज की तरह शेयर किया जा रहा है. इसके मुताबिक, 3700 पीएचडी होल्डर्स, 50,000 ग्रेजुएट और 28,000 पोस्ट ग्रेजुएट्स ने 62 चपरासी पदों के लिए अप्लाई किया है.
सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशान्त भूषण और आईपीएस आरके विज समेत कई सोशल मीडिया यूजर्स ने भ्रामक जानकारी को ट्वीट किया है. ट्विटर के अलावा ये फेसबुक पर भी शेयर किया जा रहा है.
प्रशान्त भूषण ने NDTV का करीब ढाई साल पुराना वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया है, ''यूपी में 3700 पीएचडी होल्डर्स, 50,000 ग्रैजुएट और 28,000 पोस्ट ग्रैजुएट्स ने 62 चपरासी पदों के लिए अप्लाई किया है. यह आज के दौर में नौकरी के संकट की हद है.'' #modi_rojgar_दो
आईपीएस आरके विज ने भी Rofl Republic के यूजरनेम के ट्वीट किए गए इसी वीडियो को शेयर करते हुए ट्वीट किया है, ''Unbelievable! (अविश्वसनीय)
जब हमने कीवर्ड सर्च करके देखा तो हमें The Economic Times पर 30 अगस्त 2018 की एक न्यूज रिपोर्ट मिली. जिसके शीर्षक में लिखा था, ''यूपी में चपरासी की नौकरी के लिए 3,700 पीएचडी धारकों सहित 93,000 से ज्यादा उम्मीदवारों ने किया आवेदन''
इसके अलावा हमें 4 सितंबर 2018 को प्रकाशित NDTV की भी एक रिपोर्ट मिली जिसका शीर्षक था, ''उत्तर प्रदेश में चपरासी की 62 वैकेंसी के लिए 93,000 आवेदन, 3700 पीएचडी धारक भी शामिल''. इस रिपोर्ट में वायरल हो रहा वीडियो भी शामिल था.
जो वीडियो रीशेयर किया जा रहा है वो वीडियो NDTV ने 3 सितंबर 2018 को यूट्यूब में भी पोस्ट किया था.
बता दें कि साल 2018 में यूपी पुलिस में 62 चपरासी पदों पर वैकेंसी निकली थीं. इसके लिए कुल 93,000 आवेदकों ने आवेदन किया था. इनमें करीब 50,000 ग्रैजुएट और 28 हजार पोस्ट ग्रैजुएट्स के साथ-साथ 3,700 पीएचडी धारक भी शामिल थे. आवेदन करने के लिए योग्यता 5वीं पास थी और ऐसे सिर्फ 7,400 आवेदकों ने आवेदन किया था जो पांचवी पास थे.
हालांकि, क्विंट ये दावा नहीं करता है कि हालिया दौर में रोजगार को लेकर यूपी में या देश में हालात पहले से बेहतर हुए हैं. लेकिन फिर भी ढाई साल पुराने वीडियो को फिर से सोशल मीडिया में शेयर करने से लोगों तक ऐसी जानकारी पहुंच रही है जो भ्रामक है.
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