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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार, 5 जुलाई को मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट पेश किया.
सीतारमण के बजट भाषण के पूरा होते ही, सोशल मीडिया पर एक दावा किया जाने लगा कि उन्होंने अपने भाषण में कहा है कि सरकार ने उज्जवला योजना के तहत '35,000 करोड़ एलईडी बल्ब' बांटे हैं.
कई ट्विटर यूजर ने योजना के नाम पर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हुए सरकार पर कटाक्ष किया.
ट्विटर यूजर प्रीति चौबे ने लिखा, '35000 करोड़ LED बल्ब बांटे गए या बेचे गए? या कोई घोटाला हो गया? किसी को बल्ब मिला? हमें तो एक भी नहीं मिला!! भक्तों को मिला हो तो बता नहीं सकते, नहीं भी मिला होगा तब मिला मिला बोलेंगे!!'
इस मैसेज को एक टीवी स्क्रीन ग्राफिक प्लेट के स्क्रीनशॉट के साथ शेयर किया गया, जिसपर लिखा था- 35,000 करोड़ एलईडी बल्ब बांटे गए.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान ऐसा नहीं कहा कि उज्जवला योजना के तहत 35,000 करोड़ एलईडी बल्ब बांटे गए हैं. उन्होंने बल्कि ये कहा था कि 'योजना के तहत लगभग 35 करोड़ एलईडी बल्ब बांटे गए हैं, जिससे सालाना 18,341 करोड़ रुपये की बचत होगी.'
हमने वित्त मंत्री का संसद में दिया गया भाषण देखा और पाया कि 'ईज ऑफ लिंविंग' पर बोलते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा था:
निर्मला सीतारमण के बजट भाषण को यहां सुना जा सकता है, जिसमें वो करीब 1 घंटे 24 मिनट पर इसपर बोल रही हैं:
उनके बजट के पूरे भाषण को 'Indiabudget.gov' वेबसाइट पर अपलोड किया गया है, जिसमें कोट किया गया है कि उन्होंने योजना के तहत 35 करोड़ बल्ब के वितरण की बात कही है.
द क्विंट ने CNBC Awaaz में एक सूत्र से बात की, जिन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि ये ग्राफिक गलती से इस्तेमाल हुआ था और जल्द ही हटा लिया गया था.
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