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एबीपी न्यूज की रिपोर्ट में दावा किया गया कि भारत में सरकार कोरोना वैक्सीन मुफ्त उपलब्ध करा रही है. जबकि यूनाइटेड स्टेट्स (यूएस) और यूनाइटेड किंगडम (यूके) जैसे विकसित देशों में ऐसा नहीं है. जिसके बाद इस रिपोर्ट को तमाम लोगों ने सोशल मीडिया पर जमकर शेयर किया.
लेकिन रिपोर्ट में किया गया ये दावा कितना सही है? आइए आपको बताते हैं. हमारी पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला. स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन सिंह ने ये बात जरूर कही है कि पहले चरण में 3 करोड़ लोगों को वैक्सीन पूरी तरह मुफ्त में मिलेगी. लेकिन यूएस और यूके में भी लोगों से वैक्सीन की कोई कीमत नहीं ली जा रही है.
एबीपी न्यूज चैनल पर 2 जनवरी को एक बुलेटिन टेलीकास्ट हुआ, जिसमें यूएस, यूके में वैक्सीन की कीमतों की भारत से तुलना की गई. बताया गया कि यूएस में कोरोना वैक्सीन की कीमत 5,500 रुपये है. वहीं यूके में कोरोना वैक्सीन के लिए 3,000 रुपए नागरिकों से वसूले जा रहे हैं.
12 मिनट के इस बुलेटिन में देखा जा सकता है कि किस तरह अमेरिका और इंग्लैंड में वैक्सीन की कीमतों की तुलना भारत से की जा रही है.
मलयालम न्यूज चैनल एशियानेट पर भी इस दावे से जुड़ी रिपोर्ट पब्लिश की गई.
फेसबुक और ट्विटर पर भी कई यूजर्स ने इस दावे से जुडे़ पोस्ट किए.
पड़ताल की शुरुआत में हमने प्रमुख वैक्सीन की असल कीमत पता लगाना शुरू किया. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएस में वैक्सीन की कीमत 292 रुपये से 2,410 रुपये के बीच है. वहीं यूके में वैक्सीन की कीमत 297 रुपये से 2,481 रुपये के बीच है. किसी भी वैक्सीन निर्माता ने 5,500 या 3,000 रुपये वैक्सीन की कीमत नहीं रखी है, जैसा कि दावा किया जा रहा है.
भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और सीरम इंस्टीट्यूट में बनी ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड वैक्सीन को सरकार ने इमरजेंसी अप्रूवल दे दिया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन सिंह कह चुके हैं कि पहले चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन दी जाएगी. ये वैक्सीन पूरी तरह मुफ्त रहेगी. आम लोगों के लिए वैक्सीनेशन का प्लान जुलाई तक फाइनल होगा.
हालांकि, वैक्सीन सरकार को मुफ्त में नहीं मिली है. एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला कह चुके हैं कि वैक्सीन के पहले 100 मिलियन डोज सरकार को 200 रुपए प्रति डोज की कीमत पर दिए जाएंगे. पूनावाला ने आगे कहा कि प्राइवेट मार्केट में ये वैक्सीन करीब 1,000 रुपए प्रति डोज के हिसाब से उपलब्ध रहेगी. वहीं भारत बायोटेक ने आधिकारिक रूप से अब तक वैक्सीन की कीमत की घोषणा नहीं की है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएस की सबसे महंगी मॉडर्ना वैक्सीन की कीमत 2,414.15 रुपये है. वहीं बायोएनटेक की फाइजर वैक्सीन 1,463.12 रुपये की है. ऑक्सफोर्ड की एस्ट्राजेनेका 292.62 रुपये की है.
अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की तरफ से स्पष्ट किया जा चुका है कि वैक्सीन टैक्स की रकम से खरीदी जाएगी और सभी अमेरिकी नागरिकों को मुफ्त में मिलेगी. हालांकि, वैक्सीनेशन कर रही कंपनी एडमिनिस्ट्रेशन फीस ले सकती है.
यूके में ऑक्सफोर्ड की बनाई फाइजर वैक्सीन की कीमत 1489.96 रुपये है. वहीं मॉडर्ना वैक्सीन 2483.26 रुपये की है. हालांकि, सरकार ने जनता के लिए वैक्सीन पूरी तरह मुफ्त रखी है. शुरुआत में फ्रंटलाइन हेल्थकेयर और सोशल वर्कर्स का वैक्सीनेशन किया जा रहा है.
ब्राजील ने सभी नागरिकों के लिए मुफ्त वैक्सीनेशन का प्लान तैयार किया है. ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसनारो ट्वीट कर बता चुके हैं कि नेशनल हेल्थ सर्विलांस एजेंसी की तरफ से वैक्सीन को अप्रूवल मिल चुका है. सरकार सभी को वैक्सीन मुफ्त उपलब्ध कराएगी, वैक्सीन लगवाना किसी के लिए भी अनिवार्य नहीं होगा.
ब्राजील की स्वास्थ्य एजेंसी की तरफ से 4 जनवरी को घोषणा की जा चुकी है कि ऑक्सफोर्ड वैक्सीन के आयात को मंजूरी मिल गई है. हालांकि अभी तक वैक्सीन को इस्तेमाल की इजाजत के लिए पेश नहीं किया गया है.
इटली में भी सभी नागरिकों को वैक्सीन मुफ्त उपलब्ध कराने का प्लान तैयार किया गया है. यूरोपियन यूनियन ने फाइजर वैक्सीन के उपयोग को मंजूरी दे दी है, लाइव मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक इटली ने यूरोपियन यूनियन के सेंट्रलाइज्ड सिस्टम के जरिए ही वैक्सीन ली है. यहां वैक्सीनेशन की शुरुआत 27 दिसंबर से हो चुकी है.
जापान में 2 दिसंबर को एक बिल पास हुआ, जिसके तहत केंद्र सरकार सभी नागरिकों को मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराएगी. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नॉर्वे और मैक्सिको भी नागरिकों को मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध करा रहे हैं.
भारत में वैक्सीन मुफ्त होने और यूएस यूके में वैक्सीन की कीमत 3000-5000 रुपये होने का दावा पहले एबीपी न्यूज की रिपोर्ट में किया गया, बाद में सोशल मीडिया पर भी इसे शेयर किया गया. वेबकूफ की पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला. भारत में कोरोना वैक्सीन मुफ्त होने की बात सही है, लेकिन यूएस और यूके में भी अब तक वैक्सीन मुफ्त ही उपलब्ध कराई जा रही है.
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