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वाराणसी के विवादित ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) मामले में 16 मई को मस्जिद के सर्वे का काम पूरा हो गया. कोर्ट के आदेश पर भारी विरोध के बीच मस्जिद के आसपास सर्वे व वीडियोग्राफी का काम हुआ था. मामले में जहां हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद में शिवलिंग है. वहीं मुस्लिम पक्ष का कहना है कि जिसे शिवलिंग बताया जा रहा है वो असल में मस्जिद का एक फाउंटेन है, जो नमाज से पहले वजू करने के लिए होता है.
मामले में अभी कोर्ट की तरफ से कोई फैसला नहीं आया है, लेकिन सोशल मीडिया पर ज्ञानवापी से जोड़कर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं. कभी ये साबित करने के लिए कि मस्जिद में शिवलिंग ही है, या फिर ये साबित करने के लिए कि मस्जिद में फुब्बारा ही है.
ज्ञानवापी में असल में शिवलिंग है या नहीं, इसको लेकर फैसला आने से पहले कम से कम आपको ये जान लेना चाहिए कि इस मामले से जोड़कर शेयर की जा रही तस्वीरें असल में कहां की हैं. जानिए वायरल हो रही ऐसी ही तीन तस्वीरों का सच.
ज्ञानवापी मामले से जुड़े अपडेट्स के साथ ये तस्वीर फेसबुक पर काफी शेयर की जा रही है. ये तस्वीर देखने में शिवलिंग की ही लग रही है. हालांकि, सीधे तौर पर इस तस्वीर को लेकर कोई दावा नहीं किया गया है. लेकिन, ज्ञानवापी के अपडेट्स के साथ इसके शेयर होने से ये समझा जा सकता है कि ये तस्वीर ज्ञानवापी मस्जिद की ही है.
एक फाउंटेन की तस्वीर भी वायरल है, जिसे शेयर कर ये दावा किया जा रहा है कि इसी फाउंटेन को शिवलिंग माना जा जा रहा है. तस्वीर को शेयर कर कुछ यूजर्स ने आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल भी किया है.
तीसरी तस्वीर भी देखने में एक फाउंटेन के जैसी है. इसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि इसी को कुछ लोग ज्ञानवापी में मिला शिवलिंग मान रहे हैं.
जैसा कि तस्वीरों के कैप्शन से ही जाहिर हो रहा है. तीन में से एक तस्वीर ये साबित करने के लिए शेयर हो रही है कि ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग ही है. वहीं बाकी की दो तस्वीरें ये साबित करने के लिए शेयर हो रही हैं कि ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग नहीं है.
कॉमन ये है कि दोनों पक्षों की तरफ से दूसरी जगहों की तस्वीरों को ज्ञानवापी मामले से जोड़कर शेयर किया जा रहा है. असलियत तो ये है कि तीनों में से कोई भी तस्वीर ज्ञानवापी मस्जिद की नहीं है. वायरल हो रही तस्वीरें राजस्थान, बंगाल और ओडिशा की हैं, इनका बनारस की ज्ञानवापी मस्जिद से कोई संबंध नहीं है.
फोटो को रिवर्स सर्च करने से हमें justdial.com पर यही तस्वीर मिली. यहां दी गई जानकारी से हमें क्लू मिला की तस्वीर भुवनेश्वर के बालासोर में स्थित शिवमंदिर की है.
बालेश्वर की सरकारी वेबसाइट पर भी हमें इसी शिवलिंग की तस्वीर मिली. साफ है कि ये फोटो ज्ञानवापी मस्जिद की नहीं है.
फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें फोटो स्टॉक वेबसाइट Alamy पर यही फोटो मिली. ALAMY पर इस फोटो को राजस्थान की अजमेर शरीफ दरगाह का बताया गया है.
गूगल पर Ajmer Sharif Dargah Fountain कीवर्ड सर्च करने से हमें ageofstock पर अजमेर शरीफ के इसी फाउंटेन की फोटो मिली.
हमने यूट्यूब पर अजमेर शरीफ दरगाह का एक ब्लॉग भी देखा जहां, यही फाउंटेन देखा जा सकता है.
साफ है कि वायरल हो रही ये दूसरी तस्वीर ज्ञानवापी मस्जिद नहीं, अजमेर शरीफ दरगाह के अंदर बने फाउंटेन की है.
फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें ये फोटो कई वेबसाइट्स पर मिली, जहां इसे कोलकाता में स्थित नाखोदा मस्जिद का बताया गया था. यहां से क्लू लेकर हमने कोलकाता की नाखोदा मस्जिद (Nakhoda Mosque) के विजुअल्स सर्च करने शुरू किए. जिससे पुष्टि हो सके कि फाउंटेन वहीं का है या नहीं.
Alamy Stock वेबसाइट पर हमें नाखोदा मस्जिद के इसी फाउंटेन की दूसरे एंगल से ली गई तस्वीर हमें मिली.
पश्चिम बंगाल के पर्यटन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर भी हमें नाखोदा मस्जिद के फाउंटेन की ये तस्वीर है. वेबसाइट पर दी गई जानकारी से स्पष्ट हो रहा है कि तस्वीर नाखोदा की ही है.
पश्चिम बंगाल पर्यटन की वेबसाइट पर उपलब्ध फोटो और वायरल फोटो को मिलाने पर साफ हो रहा है कि ये ज्ञानवापी मस्जिद नहीं बल्कि कोलकाता की मस्जिद है.
पड़ताल में साफ है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तीनों तस्वीरें ज्ञानवापी मस्जिद की नहीं हैं. ज्ञानवापी मस्जिद का बताकर शेयर हो रहे किसी भी विजुअल को शेयर करने से पहले वेरिफाई जरूर करें.
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