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सोशल मीडिया पर हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा (Haryana Violence) को लेकर भड़काऊ पोस्ट्स के साथ चार तस्वीरें वायरल हो रही हैं. पहली तस्वीर में आगजनी के बीच एक सैनिक तैनात खड़ा दिख रहा है, दूसरी तस्वीर में जलती हुई गाड़ी और पीछे खड़ी भीड़ है, तीसरी तस्वीर में पथराव के बीच खड़े सेना के जवान हैं, चौथी तस्वीर में सुरक्षा बल के 2 जवान एक शख्स को लाठियों से पीटते दिख रहे हैं. क्विंट हिंदी की इस पड़ताल में हम बताने जा रहे हैं इन चारों तस्वीरों का सच.
ये फोटो साल 2017 से ही इंटरनेट पर है, यानी नूंह हिंसा से 6 साल से ज्यादा पुरानी है. वायरल फोटो को गूगल लैंस से रिवर्स सर्च करने पर हमें 26 अगस्त 2017 की मीडिया रिपोर्ट्स में यही फोटो मिली.
CBI की विशेष अदालत ने डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को नाबालिगों से यौन शोषण के मामले में सजा सुनाई थी. इस फैसले के विरोध में डेरे के अनुयायियों के विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था. जवाब में सुरक्षा बलों ने अनुयायियों पर फायरिंग कर दी थी. 2017 की मीडिया रिपोर्ट्स में ये फोटो इसी दौरान की बताई गई है.
रिवर्स सर्च करने पर 2013 की मीडिया रिपोर्ट्स में हमें यही फोटो मिली. हिंदुस्तान टाइम्स पर 21 फरवरी 2013 को छपी रिपोर्ट के मुताबिक, ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के 55 वर्षीय कोषाध्यक्ष नरिंदर सिंह को एक बस ने टक्कर मार दी थी, जिसे वह अंबाला में रोकने की कोशिश कर रहे थे. हादसे में नरिंदर सिंह की मौत हो गई थी. इसके बाद ट्रेड यूनियन के सदस्यों ने हाईवे को जाम कर दिया और पुलिस से भिड़ गए.
नोएडा के इंडस्ट्रियल एरिया में सैकड़ों कारखानों में तोड़फोड़ की गई. एक फायर ट्रक और एक दर्जन से ज्यादा पुलिस वेन क्षतिग्रस्त हो गए, रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने आगजनी भी की. लूटपाट भी हुई.
रिवर्स सर्च करने पर न्यूज एजेंसी PTI की टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) में 25 दिसंबर 2019 को छपी रिपोर्ट में हमें यही फोटो मिली. कैप्शन में फोटो को CAA विरोधी प्रदर्शन के दौरान कानपुर में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प का बताया गया है.
केंद्र सरकार नागरिकता के नियमों में संधोधन से जुड़ा एक अध्यादेश लेकर आई थी, जिसमें धार्मिक आधार पर नागरिकता को लेकर भेदभाव करने के आरोप सरकार पर लगे थे. विरोध में देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हुए थे.
चौथी फोटो भी न्यूज वेबसाइट news18.com पर 2019 में कानपुर में हुए सीएए विरोधी प्रदर्शन के वक्त की बताकर पब्लिश हुई थी.
TOI, न्यूज क्लिक की साल 2019 की रिपोर्ट में भी हमें यही फोटो मिली. सभी रिपोर्ट्स में फोटो को CAA विरोधी प्रदर्शन के दौरान कानपुर का बताया गया है.
साफ है कि फोटो CAA विरोधी प्रदर्शन के वक्त की है.
नूंह हिंसा : हरियाणा के नूंह में सोमवार, 31 जुलाई को बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच भड़की हिंसा अब भयानक रूप ले चुकी है. इसमें गुरुग्राम की एक मस्जिद को आग के हवाले कर दिया गया.
अब तक हिंसा में कुल 6 लोगों की मौत हो चुकी है. पुलिस ने कई इलाकों में धारा 144 लागू कर दी है. केंद्र भी अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर रहा है. कई इलाकों में इंटरनेट सेवा भी बंद है.
निष्कर्ष : सोशल मीडिया पर पुरानी तस्वीरोें को हरियाणा के नूंह में हुई हालिया हिंसा से जोड़कर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
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