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सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि 'विट्ठल विट्ठल विट्ठाला' मंत्र का 9 से 10 मिनट रोज उच्चारण करने पर हार्ट अटैक (Heart Attack) के खतरे से बचा जा सकता है. वायरल वीडियो में ये भी जिक्र है कि कई लोगों को डांडिया खेलते वक्त या जिम में वर्काउट करते वक्त हार्ट अटैक आया, लेकिन मंत्र पढ़कर इससे बच सकते हैं.
क्या ये सच है ? : ये दावा भ्रामक है.
हमें ऐसी कोई रिसर्च या वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिला, जिससे पुष्टि होती हो कि किसी खास मंत्र के उच्चारण से हार्ट अटैक को रोका जा सकता है.
हमने इस दावे को लेकर कुछ विशेषज्ञों से भी बात की, जिन्होंने इसे खारिज कर दिया. .
हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : दावे से जुड़े कुछ कीवर्ड सर्च करने पर हमें एक स्टडी मिली, जो विट्ठल मंत्र के उच्चारण से ह्रदय पर पड़ने वाले प्रभाव पर की गई थी.
ये स्टडी अप्रैल 2014 को Asian Journal of Complementary and Alternative Medicine पर पब्लिश हुई थी.
यह स्टडी पुणे के कई मिडिकल रिसर्च से जुड़े संस्थानों की तरफ से आयोजित किया गया था और 10 दिनों में इसे 30 लोगों पर किया गया था.
इन 30 लोगों से रोज 9 मिनट तक 'विट्ठल, विट्ठल' मंत्र का उच्चारण करने को कहा गया था.
हालांकि, स्टडी में कहीं भी ये जिक्र नहीं है कि इस मंत्रोच्चारण से हार्ट अटैक को रोका जा सकता है.
पर स्टडी के रिजल्ट में बताया गया है कि इस मंत्रोच्चारण से लोगों के ब्लड प्रेशर, पल्स रेट और हार्ट रेट में पहले की तुलना में सुधार देखा गया.
स्टडी में एक वैधानिक चेतावनी (डिसक्लेमर) भी है जिसका हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा
''वर्तमान में किया गया अध्ययन विट्ठल जाप और हृदय की ऊर्जा के बीच संबंधों पर प्रकाश डालता है. भविष्य में एक बड़े पैमाने पर केवल स्वस्थ्य लोगों के साथ-साथ हृदय रोगियों में विट्ठल जप की भूमिका का पता लगाने के लिए परीक्षण आयोजित किया जा सकता है.''
इस डिस्केलमर से ही ये साफ हो रहा है कि ह्रदय रोग पर विट्ठल जाप का असर होने की पुष्टि इस स्टडी से नहीं होती है.
हमें ऐसी कोई रिसर्च या रिपोर्ट नहीं मिली, जो वायरल दावे का समर्थन करती हो.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, ह्रदय को स्वस्थ्य रखने के तरीके हैं हार्ट-हेल्दी डाइट, वजन घटाना, एक्सरसाइज बढ़ाना और तंबाकु - एल्कोहल के सेवन को कम या खत्म करना.
हमने विशेषज्ञों से भी बात की : द क्विंट ने नवी मुंबई में स्थित फोर्टिस हीरानंदानी अस्पताल के ह्रदय रोग विशेषज्ञ प्रशांत पवार से बात की.
उन्होंने कहा ''ये दावा तथ्यात्मक रूप से गलत है. यह एक बहुत छोटा अध्ययन है, जो 30 लोगों पर किया गया था, इसलिए हम यह नहीं कह सकते कि यह एक तर्कसंगत या सिद्ध अध्ययन है. यह एक पूरी तरह से नियंत्रित परीक्षण भी नहीं था, इसलिए यह साबित नहीं होता है कि ऐसे मंत्रों का जाप हृदय रोग या हार्ट अटैक को रोक सकता है.''
उन्होंने आगे कहा कि श्लोक का उच्चारण करने से किसी के दिमाग को शांति मिल सकती है पर इससे हार्ट अटैक की संभावनाओं को कम नहीं किया जा सकता.
अन्य स्टडीज : साल 2000 की एक अन्य स्टडी में यह पता लगाने के लिए MRI स्कैन का उपयोग किया गया कि ध्यान (मेडिटेशन) तंत्रिका तंत्र के भीतर संरचनाओं को कैसे सक्रिय करता है. इसमें मेडिटेशन का असर देखने के लिए ब्रेन मैपिंग का भी इस्तेमाल किया गया था.
मंत्र आधारित मेडिटेशन के फायदों का वैज्ञानिक विश्लेषण : 2017 की स्टडी में बताया गया है कि सही तकनीक से मंत्रों का उच्चारण करने से एंग्जाइटी के लक्षणों को कम किया जा सकता है. इसके साथ ही ह्रदय की गति को नियंत्रित करने, ब्लड प्रेशर कम करने और और ब्रेन तक ऑक्सीजन पहुंचाने में भी ये कारगर हो सकता है.
निष्कर्ष : सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा भ्रामक है कि विट्ठल विट्ठल मंत्र का उच्चारण करने से हार्ट अटैक से बचा जा सकता है.
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