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(ट्रिगर चेतावनी: स्टोरी में हिंसा के ग्राफिक दृश्य हैं, दर्शक अपने विवेक का इस्तेमाल करें.)
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है जिसमें कुछ लोगों को पीटने और घायल करने के वीडियो दिखाए गए हैं. पोस्ट को शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि तेलंगाना के हैदराबाद में मुस्लिम भीड़ ने हिंदुओं पर हमला किया.
हमें अपने व्हाट्सएप टिपलाइन पर भी इस बारे में एक सवाल मिला.
क्या यह सच है?: यह दावा भ्रामक है.
सनथनगर पुलिस ने द क्विंट को बताया कि इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था. स्थानीय मुद्दे पर दो गुटों के लोगों के बीच झगड़ा हो गया.
शिकायतकर्ता ने यह भी साफ किया कि लड़ाई सांप्रदायिक प्रकृति की नहीं थी.
एफआईआर (FIR) के मुताबिक इसमें शामिल लोग हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों से हैं.
हमें कैसे पता चला?: सबसे पहले, हमने इस इलाके की स्थानीय पुलिस से संपर्क किया और स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने हमें बताया कि इसमें "कोई सांप्रदायिक एंगल शामिल नहीं है."
पुलिस ने द क्विंट को बताया कि स्थानीय मुद्दे पर दो पड़ोसी झुग्गियों के बीच लड़ाई हो गई.
उन्होंने हमें यह भी बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
पीड़ित ने क्या बताया: हमने इस घटना के पीड़ितों में से एक बैंदला जयंती धर्म तेजा से बात की, जिन्होंने हमें बताया, "लड़ाई में कोई सांप्रदायिक एंगल शामिल नहीं था."
हाथापाई तब हुई जब राहुल और उसके दोस्त ने अपने क्षेत्र में एक पतंग की दुकान के बाहर जयंत के दोस्त की बाइक पर थूक दिया था.
जब राहुल और उसके दोस्त ने उसके साथ मौजूद एक अन्य व्यक्ति के साथ झगड़ा किया तो जयंत ने बीच-बचाव किया.
पीड़ित ने बताया कि आरोपियों ने उसके परिवार के सदस्यों पर भी हमला किया और जातिसूचक गालियां दीं.
एफआईआर रिपोर्ट: क्विंट ने सनथनगर पुलिस स्टेशन में 14 जनवरी को दर्ज की गई एफआईआर देखी और उसमे लिखी जानकारी कुछ प्रकार है.
इसमें बताया गया है कि दो लोग, शिकायतकर्ता और एक रॉबिन, बब्बूगुडा में एक दुकान पर थे, जब राहुल और अब्बास नाम के दो लोगों ने रॉबिन के साथ झगड़ा किया.
इन दोनों लोगों ने रॉबिन की मोटरसाइकिल के बगल में 'थूका' और शिकायतकर्ता ने बीच-बचाव किया.
एफआईआर में कहा गया है मामला तब बढ़ गया जब राहुल कुछ लोगों के साथ रॉबिन के घर के पास आया और उनके साथ गाली-गलौज की. हालांकि, जब उन्होंने शिकायतकर्ता को मौके पर आते देखा तो वे भाग गए.
राहुल और उसका ग्रुप रॉबिन और उसके दोस्तों पर हमला करने के लिए लौट आया, जिन पर जातिवादी गालियां दी गईं और एक व्यक्ति को "खून बह रहा चोटें" लगीं.
एफआईआर में यह भी बताया गया है कि शिकायतकर्ता की जाति की पहचान अनुसूचित जाति थी.
किसे चोटें लगीं?: एफआईआर के मुताबिक इन लोगों को चोटें आईं है: यादगिरी, डेनांडम, आकाश, यादैया, प्रुडवी, रॉबिन और वेंकटेश.
कौन हैं आरोपी?: एफआईआर के मुताबिक इस मामले में निम्नलिखित लोगों को आरोपी बनाया गया है: राहुल, अब्बास, जय, इमरान और निखिल.
क्या कार्रवाई हुई: पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3(1)(r)(s)(c), 3(2)(V) के तहत मामला दर्ज किया है.
इसमें हत्या के प्रयास (आईपीसी 307), खुद की इच्छा से चोट पहुंचाना (आईपीसी 324), आपराधिक धमकी (आईपीसी 506) से संबंधित आरोप भी जोड़े गए हैं.
निष्कर्ष: लड़ाई का वीडियो झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. आरोपी और पीड़ित पक्ष हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों से हैं.
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