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RSS स्वयंसेवकों ने चमोली आपदा में नहीं की मदद, पुरानी फोटो वायरल 

सोशल मीडिया में आरएसएस कार्यकर्ताओं की एक फोटो गलत दावे से वायरल हो रही है कि वो चमोली राहत कार्य में जुटे हुए हैं

सर्वजीत सिंह चौहान
वेबकूफ
Updated:
आरएसएस कार्यकर्ताओं की पुरानी फोटो गलत दावे के साथ हो रही शेयर
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आरएसएस कार्यकर्ताओं की पुरानी फोटो गलत दावे के साथ हो रही शेयर
(फोटो: Altered by Quint)

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सोशल मीडिया में आरएसएस कार्यकर्ताओं की एक फोटो इस दावे के साथ वायरल हो रही है कि वो चमोली में ग्लेशियर फटने से हुई त्रासदी के बाद राहत कार्य में जुटे हुए हैं.

हमने जब इस फोटो की जांच की तो पता चला कि ये करीब 8 साल पुरानी फोटो है, जिसे गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है. ये फोटो साल 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़ के दौरान की है. जब आरएसएस कार्यकर्ताओं ने राहत कार्य में मदद की थी.

दावा

इस फोटो को ट्विवटर और फेसबुक पर कई यूजर्स इस दावे के साथ शेयर कर रहे हैं कि उत्तराखंड के चमोली में स्वयंसेवकों ने ग्लेशियर फटने की घटना के बाद राहत कार्य का काम किया है.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

बॉलीवुड एक्टर परेश रावल ने भी इस फोटो को ट्वीट करते हुए लिखा है कि ''जब भी कोई आपदा आती है आरएसएस सबसे पहले मदद के लिए पहुंचता है और आखिर तक रहता है.''

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करेंसोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक
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पड़ताल में हमने क्या पाया

जब हमने इस फोटो को रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमने पाया कि SAMVADA नाम के एक ब्लॉगपोस्ट के मुताबिक ये फोटो तब की है जब साल 2013 में उत्तराखंड में बाढ़ आई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक आरएसएस कार्यकर्ताओं ने इस दौरान राहत कार्य में मदद की थी.

साल 2013 में उत्तराखंड बाढ़ के दौरान राहत कार्य में जुटे आरएसएस कार्यकर्ता(सोर्स: स्क्रीनशॉट/Samvad)

इसके बाद जब हमने 'RSS helping in Uttarakhand flood' कीवर्ड सर्च करके देखा तो पाया कि इसी फोटो का इस्तेमाल India Documents नाम की एक और वेबसाइट की एक रिपोर्ट में भी किया गया था. इस रिपोर्ट में 2013 में उत्तराखंड में आई बाढ़ के दौरान आपदा प्रबंधन को लेकर आरएसएस की मदद के बारे में लिखा गया था.

साल 2013 में उत्तराखंड बाढ़ के दौरान राहत कार्य में जुटे स्वयंसेवक(सोर्स: स्क्रीनशॉट/India Documents)

इसके अलावा कई न्यूज रिपोर्ट्स हैं, जिनमें उत्तराखंड बाढ़ के दौरान आरएसएस कार्यकर्ताओं के राहत कार्य के बारे में बात की गई है.

हमने 7 फरवरी को चमोली में ग्लेशियर फटने से हुई त्रासदी में आरएसएस से जुड़ी खबरें ढूंढी, लेकिन हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली जिसमें इस दौरान आरएसएस के राहत कार्य के बारे में बताया गया हो. हमने आरएसएस की ऑफिशियल वेबसाइट में भी इस बारे में कोई रिपोर्ट नहीं देखी.

मतलब साफ है कि साल 2013 में आई बाढ़ के दौरान खाने-पीने का और दूसरा जरूरी समान पहुंचाते आरएसएस कार्यकर्ताओं की यह फोटो पुरानी है. इसे 7 फरवरी की चमोली की घटना से जोड़कर गलत दावे के साथ पेश किया जा रहा है.

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Published: 12 Feb 2021,08:39 PM IST

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