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लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी की बाढ़ आ गई है. असंबंधित तस्वीरें, पुराने वीडियो और चीन के मृत सैनिकों की फेक लिस्ट इन जानकारियों में शामिल है.
हालांकि सिलसिला यहीं तक सीमित नहीं है. इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कई वैश्विक नेताओं के फर्जी अकाउंट से भारत के समर्थन में ट्वीट किए गए.
नेतन्याहू के फेक अकाउंट से 17 जून को “I stand with India” ट्वीट किया गया. इस पर 1 लाख से ज्यादा लाइक और 22,000 से ज्यादा रिट्वीट हुए.
इस ट्वीट को RBI के बोर्ड डायरेक्टर एस गुरुमूर्ति और पूर्व इंफोसिस CFO मोहनदास पई समेत कई लोगों ने रिट्वीट किया.
ट्रंप के फेक अकाउंट से भी यही मेसेज शेयर किया गया. एक फेक अकाउंट से चाइनीज प्रोडक्ट के बॉयकॉट की बात भी कही गई.
यही मेसेज मेलानिया ट्रंप के फेक अकाउंट से भी शेयर किया गया.
ऐसा ही जापान के पीएम शिंजो आबे के फेक अकाउंट से किया गया.
इतिहासकार और पत्रकार हिंडोल सेनगुप्ता ने एक ट्वीट शेयर किया, जो हॉन्ग कॉन्ग के चीफ एग्जीक्यूटिव Carrie Lam Cheng के फर्जी अकाउंट से किया गया था.
एक और फेक अकाउंट से लिखा गया कि शी जिनपिंग कमजोर राष्ट्रपति हैं.
कुछ फेक अकाउंट इंगेजमेंट के चलते असली लग सकते हैं, लेकिन इन्हें पहचानने के कुछ तरीके हैं.
1. आधिकारिक वेरिफिकेशन
किसी भी ट्वीट पर 'ब्लू टिक' नहीं है. ये वेरिफिकेशन पुष्टि करता है कि ट्विटर ने इसे ऑथेंटिकेट किया है और ये असली शख्स का है.
2. अकाउंट डिस्क्रिप्शन/बायो
आप फर्जी अकाउंट के बायो को भी देख सकते हैं. अधिकतर फेक अकाउंट में लिखा होता है कि वो असली नहीं हैं.
3. अकाउंट की लोकेशन
ट्विटर अकाउंट की लोकेशन भी देख सकते हैं. ये कम ही होगा कि डोनाल्ड ट्रंप अपनी लोकेशन भारत बताएंगे.
4. फॉलोवर की संख्या
फेक अकाउंट के फॉलोवर की संख्या पर भी ध्यान देना चाहिए.
5. ट्विटर हैंडल का नाम
नेतन्याहू और ट्रंप के मामले में फर्जी अकाउंट के हैंडल @Netyanyahu और @realDonaldkTrum हैं.
ये साफ है कि वैश्विक नेताओं के फर्जी अकाउंट्स से भारत-चीन सीमा विवाद पर ट्वीट किए जा रहे हैं.
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