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जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 खत्म होने के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें काफी संख्या में घर जलते दिख रहे हैं. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना ने कश्मीर में कश्मीरियों के घर जला दिए.
इस वीडियो को 'फ्री इंडियन ऑक्यूपाइड कश्मीर' नाम के एक फेसबुक पेज से शेयर किया गया था. 6 अगस्त को पोस्ट किए इस वीडियो को 1.31 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं और 7000 से ज्यादा लोग शेयर कर चुके हैं.
वीडियो के साथ किया जा रहा दावा सौ फीसदी झूठा है. असल में ये 2018 का वीडियो है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक घर में सबसे पहले विस्फोट हुआ, उसके बाद वहां मौजूद कई घरों ने आग पकड़ ली.
वीडियो पर कई लोगों ने कमेंट करके इसे फेक बताया है. इसी तरह की अफवाहों से बचने के लिए जम्मू-कश्मीर में 6 अगस्त को इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई.
इसके अलावा, फेसबुक पर सर्च करने पर मालूम हुआ कि कई दूसरे यूजर्स ने इसी वीडियो को इसी दावे के साथ पहले जनवरी और मार्च में भी शेयर किया था.
यहां हमें ये तो मालूम हो गया कि ये वीडियो पुराना है. अब हमने कश्मीर में घरों में आग के बारे में न्यूज रिपोर्ट्स में ढूंढना शुरू किया. खोज करने पर, हमें कश्मीर के उरी में आग लगने के बारे में एक न्यूज रिपोर्ट मिली, जिसमें चार घर जल गए थे और 20 जानवर मारे गए थे. न्यूज पोर्टल ग्रेटर कश्मीर के लेख में भी वहीं तस्वीरें थीं जो वीडियो में दिखाई दे रही थीं.
रिपोर्ट की गई घटना का वीडियो हमने YouTube पर 'उरी के चार घरों में आग' कीवर्ड के साथ एक ढूंढना शुरू किया. हमे यही वीडियो मिल गया, लेकिन एक दूसरे एंगल के साथ.
इस घटना के बारे में कुछ और जानकारी की तलाश में Kashmir Life नाम के न्यूज पोर्टल में हमें एक रिपोर्ट मिली, जिसमें दावा किया गया था कि आग एक घर में चिंगारी से लगी थी. इसके बाद आग फैलती हुई चार मकानों तक पहुंच गई. ये घटना उरी की है.
इसलिए, हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि सोशल मीडिया पर वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. ये न तो कश्मीर में तनाव के दौरान 6 अगस्त की घटना है और न ही भारतीय सेना ने घरों में आग लगाई है.
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