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सोशल मीडिया पर पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन (Indian Oil Corporation) के हवाले से एक चेतावनी वायरल है, जिसमें गाड़ी का पेट्रोल टैंक फुल ना कराने की अपील की गई है.
दावा : इस फोटो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि गाड़ी में पेट्रोल टैंक फुल करवाने से टैंक में ब्लास्ट सकता है. आगे ये भी कहा गया है कि इस हफ्ते 5 गाड़ियों के टैंक में विस्फोट हो चुका है. इस कथित नोटिस में आगे पेट्रोल टैंक को दिन में कम से कम एक बार खोलने की सलाह भी दी गई है.
क्या ये सच है ? : दावे से जुड़े कीवर्ड्स सर्च करने पर हमें इंडियन ऑयल के ऑफिशियल फेसबुक पेज पर 9 अप्रैल 2022 का एक पोस्ट मिला. पोस्ट के कैप्शन में बताया गया था कि ''गाड़ियों के फ्यूल टैंक को पूरा फुल भरवाना पूरी तरह सुरक्षित है. वाहन बनाने वाले उत्पादक ये सुनिश्चित करते हैं कि सर्दी हो या गर्मी, फ्यूल टैंक फुल होने पर सुरक्षित रहे.''
अपने फेसबुक पोस्ट में इंडियन ऑयल ने वायरल हो रहे ऐसे ही एक लेटर को फेक बताया है.
ये दावा सालों से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है कि इंडियन ऑयल ने गाड़ियों का टैंक फुल ना कराने की चेतावनी दी है. जबकि इंडियन ऑयल कई बार ये स्पष्टीकरण जारी कर चुका है कि वायरल हो रहा लेटर और उसमें किए गए दावे सरासर गलत है. 2018 में भी कंपनी ने ट्वीट कर बताया था कि वाहनों को हर तरह की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए बनाया जाता है.
एक्सपर्ट्स की राय : इंडियन ऑइल की तरफ से भले ही इस दावे का खंडन किया जा चुका हो कि गर्मी के मौसम में पेट्रोल टैंक फुल कराना हानिकारक है. पर क्या इस दावे का कोई भी लॉजिकल आधार हो सकता है ? ये जानने के लिए हमने ऑटोमोबाइल इंजीनियर विपलब प्रधान से संपर्क किया. उन्होंने द क्विंट को वो पूरी प्रक्रिया बताई, जिससे गाड़ी का इंजन स्टार्ट होता है.
विपलब ने आगे बताया कि भारत में गर्मियों में अधिकतम तापमान 122-125 डिग्री सेल्सियस फैरेनहाइट तक ही पहुंचता है, इतने तापमान पर डीजल में खुद से आग नहीं लग सकती.
इस लिस्ट में देखा जा सकता है कि अलग अलग तरह के फ्यूल में किस तापमान पर खुद से आग लग सकती है
द क्विंट ने राजस्थान पत्रिका में ऑटोमोबाइल कवर करने वाले पत्रकार बानी कालरा से संपर्क किया. उन्होंने बताया कि ''वायरल मैसेज एक अफवाह से ज्यादा कुछ नहीं. कोई भी मौसम हो, फ्यूल टैंक फुल होने पर ब्लास्ट नहीं होगा.''
क्या होता है सेल्फ इग्निशन टेम्परेचर ? : सेल्फ या ऑटो इग्निशन टेम्परेचर वो तापमान है, जिस तक पहुंचने पर किसी ईधन में बिना किसी चिंगारी के खुद से आग लग सकती है.
फुल टैंक से 15-20% कम ईधन डलवाने की दी जाती है सलाह : 6 मार्च को उपभोक्ता खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने लोगों को गाड़ी का फ्यूल टैंक फुल ना कराने को एक सर्कुलर जारी किया था. इसकी वजह ये बताई गई थी कि अगर कोई गाड़ी फुल टैंक के साथ तिरछी खड़ी है तो, इससे लीकेज हो सकता है और इसके नतीजे के तौर पर ब्लास्ट भी हो सकता है.
हालांकि, इसमें कहीं भी ये नहीं लिखा है कि फुल टैंक कराने पर गर्मियों में गाड़ियां खुद से ब्लास्ट हो सकती हैं.
निष्कर्ष : ये मानना गलत नहीं होगा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा सर्कुलर फेक है, जिसमें दावा किया गया है कि गर्मी में गाड़ी का टैंक फुल कराने से ब्लास्ट हो सकता है.
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