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एक घायल शख्स की फोटो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर की जा रही है कि ये भारतीय सैनिक है, जो 15 जून की रात गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेना के बीच हुई हिंसक झड़प में घायल हो गया था. फोटो में शख्स की पीठ पर गंभीर चोटें और हाथ में पट्टी देखी जा सकती है.
हालांकि, वेबकूफ टीम ने पाया कि ये चार साल पुरानी तस्वीर है और इसका भारतीय सेना से कोई संबंध नहीं है.
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने फोटो को इस दावे के साथ शेयर किया कि ये गलवान घाटी में हिंसक झड़प में घायल जवान है. हालांकि, यूजर्स की बैकस्टोरी अलग-अलग थीं.
एक पोस्ट में दावा किया गया था कि ये एक सैनिक था जिसने ये भी बताया था कि भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच कैसे टकराव हुआ था.
एक दूसरे फेसबुक यूजर ने भी इसी तरह का दावा किया.
ट्विटर पर एक यूजर ने पोस्ट में कथित जवान की तस्वीर को कील लगी रॉड की तस्वीर के साथ जोड़ा (कील लगी रॉड की तस्वीर इंटरनेट पर ये कहकर शेयर की जा रही है कि इसका चीनी सैनिकों द्वारा झड़प में इस्तेमाल किया गया था) और जोर देकर कहा कि जवान को इस हथियार से इतनी चोटें आईं हैं.
Yandex सर्च इंजन पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमें यही फोटो थाई और मलय भाषा में कई ब्लॉग्स पर मिलीं. इसमें से एक का कहना था कि ये स्पेशल कॉम्बैट यूनिट में थाई सैनिकों द्वारा किए गए शक्ति प्रशिक्षण अभ्यास में से एक का परिणाम था.
एक दूसरे ब्लॉग में भी इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया, जो अगस्त 2016 को पब्लिश हुआ था.
इस फैक्ट से कि ये तस्वीरें 2016 में पब्लिश हो चुकी हैं, ये साफ होता है कि ये हाल में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प का नहीं है.
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