advertisement
(वैधानिक चेतावनी: दृश्य विचलित कर सकते हैं, पाठक अपने विवेक का इस्तेमाल करें )
इंटरनेट पर सफेद कपड़े में लिपटे कई मृत बच्चों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल है. यूजर्स इसे इजरायल और हमास (Israel Hamas War) के बीच चल रहे युद्ध से जोड़कर शेयर कर रहे हैं.
क्या है दावा : यूजर्स ने अंग्रेजी के कैप्शन के साथ इस फोटो को शेयर किया, जिसका हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा '' "मेरा दिल बहुत भारी है. अल्लाह फिलिस्तीन के लोगों की रक्षा करे और शहीदों को जन्नत में सबसे ऊंचा दर्जा दे."
क्या ये दावा सच है ? : नहीं, ना तो ये फोटो हाल की है और ना ही इसका इजरायल - हमास के बीच चल रही हालिय जंग से कोई संबंध है
ये फोटो साल 2013 से ही इंटरनेट पर है और इसमें सीरिया के बाहरी इलाके दमिश्क पर हुए हमले में मारे गए बच्चे दिख रहे हैं. ये हमला कथित तौर पर उन सेनाओं ने किया था जिन्हें सीरियाई सरकार का समर्थन हासिल था.
हमने ये सच कैसे पता लगाया ? : फोटो को रिवर्स सर्च करने पर हमें स्टॉक वेबसाइठ Alamy पर यही फोटो मिली.
स्टॉक वेबसाइट से पता चला कि ये फोटो अगस्त 2013 में ली गई थी.
फोटो के कैप्शन का हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा ''मृत बच्चे जमीन पर पड़े हुए हैं. सीरियाई विद्रोहियों का दावा है कि ये बच्चे 21 अगस्त, 2013 को सीरिया में दमिश्क के बाहरी इलाके में पूर्वी घोउटा में सरकार समर्थक बलों द्वारा किए गए जहरीले गैस हमले में मारे गए थे. सीरियाई सरकार ने विपक्ष के दावों का खंडन किया है कि उसने रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया है. संयुक्त राष्ट्र मामले की जांच कर रहा है''
न्यूज रिपोर्ट्स : RT International में छपी न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि विपक्ष की तरफ से नियंत्रित किए जा रहे इलाके में तैयार किए गए रॉकेट से ये हमला किया गया और इसमें केमिकल पदार्थ मौजूद था.
इसमें बताया गया कि सीरिया में हाल ही में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल से जुड़ी कुछ विवादास्पद रिपोर्ट्स सामने आई थीं.
संयुक्त राष्ट्र (UN) के निरीक्षकों ने जहरीले हथियारों के इस्तेमाल के आरोपों की जांच के लिए दमिश्क का दौरा किया था.
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि मरने वालों की संख्या दर्जनों से लेकर लगभग 1,300 तक है.
निष्कर्ष : साफ है कि एक दशक से ज्यादा पुरानी सीरिया की फोटो को इजरायल - हमास के बीच चल रहे हालिया युद्ध से जोड़कर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)