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बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत इन दिनों शिवसेना के खिलाफ बयानबाजी के चलते काफी सुर्खियों में रहती हैं. अपने ताजा बयान में टाइम्स नाऊ बुलेटिन में कंगना ने दावा किया कि भले ही वो बीजेपी को समर्थन देती हैं, लेकिन बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के चलते उन्हें शिवसेना को वोट देने के लिए "मजबूर" होना पड़ा.
लेकिन रनौत का यह दावा सही मालूम नहीं पड़ता. 2009 से 2019 के बीच ज्यादातर चुनावों में, केवल 2014 के विधानसभा चुनाव को छोड़कर शिवसेना-बीजेपी गठबंधन में रही हैं.
टाइम्स नाऊ की नविका कुमार से बातचीत करते हुए कंगना ने कहा, वह ज्यादा राजनीति नहीं समझतीं. कंगना ने आगे कहा कि अगर अपने अनुभव से बताएं तो उन्हें चुनावों में शिवसेना को वोट देने के लिए मजबूर होना पड़ा. हालांकि कंगना किस चुनाव के बारे में बात कर रही थीं, उन्होंने यह साफ नहीं किया.
इसके तुरंत बाद इंडिया टुडे के डेप्यूटी एडिटर कमलेश सुतर ने ट्विटर पर रनौत के दावों को गलत बताया. इसके बाद रनौत ने उन्हें कानूनी कार्रवाई की धमकी दी. सुतर ने बताया कि रनौत की विधानसभा बांद्रा वेस्ट है. 2009 और 2014 के चुनावों में वहां से बीजेपी प्रत्याशी ने ही चुनाव लड़ा था.
इसके बाद कंगना रनौत ने पलटवार करते हुए कहा कि वे लोकसभा चुनावों की बात कर रही थीं. इन ट्वीट्स को कंगना अब डिलीट भी कर चुकी हैं. लेकिन कंगना का लोकसभा चुनावों का दावा भी सही नहीं है.
हमने चुनाव आयोग की वेबसाइट पर कंगना रनौत की वोटर इंफॉर्मेशन हासिल की. उनकी विधानसभा बांद्रा वेस्ट और लोकसभा मुंबई नॉर्थ-सेंट्रल है.
इसके बाद कंगना के दावों में सच्चाई जानने के लिए हमने 209, 2014 और 2019 के विधानसभा और लोकसभा चुनावों की पड़ताल की.
2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन में थीं. कंगना रनौत की लोकसभा में यहां से बीजेपी की पूनम महाजन गठबंधन की तरफ से प्रत्याशी थीं.
दोनों पार्टियां इस चुनाव में भी गठबंधन में थीं, तब भी बीजेपी की पूनम महाजन ही यहां से प्रत्याशी थीं और उन्होंन चुनाव भी जीता.
इन चुनावों में भी शिवसेना-बीजेपी ने गठबंधन में चुनाव लड़ा और कंगना के लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी के महेश रामजेठमलानी गठबंधन की तरफ से प्रत्याशी रहे.
अब विधानसभा चुनावों को चेक करते हैं.
इस चुनाव में भी बीजेपी और शिवसेना ने एक साथ चुनाव लड़ा. उनके गठबंधन की तरफ से कंगना के विधानसभा क्षेत्र बांद्रा वेस्ट में बीजेपी के आशीष शेलार प्रत्याशी थे.
इस चुनाव में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा. शिवसेना की तरफ से यहां विलास चावड़ी और बीजेपी से आशीष शेलार ने चुनाव लड़ा, जो बाद में जीते भी.
इस चुनाव में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन में थीं और बीजेपी के आशीष शेलार यहां से प्रत्याशी थे.
साफ है कि रनौत के दावे गलत हैं. क्योंकि पिछले 15 सालों में 2014 के विधानसभा चुनावों को छोड़कर उनके लोकसभा या विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना प्रत्याशी खड़ा ही नहीं हुआ.
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