Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Webqoof Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019वीडियो में गोहत्या का विरोध करता शख्स कश्मीरी पंडित नहीं है

वीडियो में गोहत्या का विरोध करता शख्स कश्मीरी पंडित नहीं है

आरिफ नाम के शख्स ने साफ-सफाई के कारणों से बड़े पैमाने पर उनके घर के बाहर होने वाली 'कुर्बानी' का विरोध किया था

अभिलाष मलिक
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>गोहत्या का विरोध करते कश्मीरी पंडित का बताया जा रहा वीडियो</p></div>
i

गोहत्या का विरोध करते कश्मीरी पंडित का बताया जा रहा वीडियो

फोटो : Altered by Quint

advertisement

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें एक शख्स गोहत्या का विरोध करता दिख रहा है. दावा किया जा रहा है कि विरोध करने वाला शख्स कश्मीरी पंडित है. हालांकि, हमारी पड़ताल में ये दावा भ्रामक निकला. वीडियो बनाने वाले और वीडियो में गोहत्या का विरोध कर रहे शख्स का नाम आरिफ जन है. आरिफ ने बताया कि वे कश्मीरी पंडित नहीं हैं. वे गोहत्या का विरोध साफ-सफाई के कारणों से कर रहे थे. क्यों ये काम उनके घर के नजदीक ही होता है.

दावा

वीडियो के साथ शेयर हो रहा कैप्शन है - कश्मीरी पंडित ने कई मुस्लिम कसाई के खिलाफ कश्मीर में गाय का वध करने के लिए आप सभी हिंदुओं द्वारा प्यार और समर्थन। सभी हिंदुओं को केवल वीडियो को RT करके इस अज्ञात पंडित का समर्थन करना चाहिए।"

दावा है कि कश्मीरी पंडित ने बूचड़खाने का विरोध किया

फोटो : Altered by Quinr

कई फेसबुक यूजर्स ने भी वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर किया. ऐसे अन्य पोस्ट्स के अर्काइव, यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.

वीडियो फेसबुक पर भी वायरल है

सोर्स : स्क्रीनशॉट/फेसबुक

पड़ताल में हमने क्या पाया

वायरल वीडियो को इनविड टूल के जरिए अलग-अलग कीफ्रेम्स में बांटकर हर फ्रेम को हमने गूगल पर रिवर्स सर्च किया. हमें अंकुर शर्मा नाम के यूजर का 5 अगस्त को किया एक ट्वीट मिला. इस ट्वीट के साथ यही विजुअल शेयर किए गए थे. साथ ही बताया गया कि घटटना श्रीनगर की है. जहां एक शख्स साफ-सफाई को लेकर बूचड़खाने का विरोध कर रहा था.

सोर्स : स्क्रीनशॉट/ट्विटर

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

वीडियो बनाने वाला शख्स कश्मीरी पंडित नहीं, मुस्लिम है

फेसबुक पर इससे जुड़े कीवर्ड सर्च करने से हमें आरिफ जन नाम के यूजर का एक पोस्ट मिला. यही वीडियो पोस्ट करते हुए आरिफ ने दावा किया है कि चूंकि वो जगह उनके किचन से बिल्कुल नजदीक थी, इसलिए वे बूचड़खाने का विरोध कर रहे थे.

आरिफ का दावा है कि ये वीडियो उन्होंने बनाई


क्विंट की वेबकूफ टीम से हुई बातचीत में आरिफ ने बताया कि ये वीडियो उन्होंने 2 महीने पहले ईद-उल-अधा के दौरान बनाई थी. आरिफ ने कहा - ''दावा किया जा रहा है कि वीडियो बना रहा बूचड़खाने का विरोध कर रहा शख्स हिंदू है, कश्मीरी पंडित है, लेकिन ये सही नहीं है. मैं एक मुस्लिम हूं.''

आरिफ ने आगे कहा कि वे आपत्ति इसलिए कर रहे थे क्योंकि जानवरों का खून और कई सारी चीजें उसी जगह छोड़ दी जाती हैं, जिससे उनके परिवार को परेशानी होती है.

मैंने उनसे कहा कि बूचड़खाने का ये काम कहीं और करें. मैंने जब बूचड़खाने पर आपत्ति जताई तो मुझे किसी तरह की परेशानी नहीं हुई. मैं मस्जिद कमेटी के पास गया, जहां मामले का निपटारा भी हो गया, लेकिन अब सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावों को लेकर मुझे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
आरिफ जन

हमने वायरल वीडियो से देखकर ये पुष्टि भी कि कि वीडियो बना रहे शख्स आरिफ जन ही हैं. हालांकि, आरिफ के निवेदन पर हम उनकी तस्वीर नहीं दिखा रहे हैं.

मस्जिद कमेटी का क्या कहना है?

फलह बहवूद कमेटी के चेयरमैन गुलाम रसूल कारा ने फैक्ट चेकिंग वेबसाइट ऑल्ट न्यूज से कहा कि कुर्बानी होने की जगह का मामला 2 महीने पहले ही सुलझा दिया गया है.

गुलाम रसूल ने कहा - ''मामले का निपटारा 2 महीने पहले ही हो चुका है. मुद्दा कुर्बानी होने की जगह को लेकर था. आरिफ की मांग जायज थी. मैं कहना चाहूंगा कि आमतौर पर इस तरह के टकराव नहीं होते. कमेटी ने कहा है कि इस तरह बड़े पैमाने पर होने वाली जानवरों की कुर्बानी वहां आसपास न हो.

मतलब साफ है कि सोशल मीडिया पर ये वीडियो भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT