Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Webqoof Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019FACT CHECK: केरल में धमाके यहूदियों को निशाना बनाने के लिए किए गए? भ्रामक है दावा

FACT CHECK: केरल में धमाके यहूदियों को निशाना बनाने के लिए किए गए? भ्रामक है दावा

Fact Check: ये धमाके केरल में यहोवाज विटनेसेज की प्रार्थन सभा में हुए. यहां बहुत ही कम यहूदी आबादी है.

ऐश्वर्या वर्मा
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>केरल में बम धमाकों से जुड़ा झूठा नैरेटिव वायरल</p></div>
i

केरल में बम धमाकों से जुड़ा झूठा नैरेटिव वायरल

(फोटो: Altered by The Quint)

advertisement

केरल (Kerala) में एर्नाकुलम के कलामासेरी में 29 अक्टूबर को एक कनवेंशन सेंटर में यहोवा विटनेसेस (Jehovah's Witnesses) की प्रार्थनासभा में विस्फोट की रिपोर्ट आने के तुरंत बाद, कई सोशल मीडिया यूजर्स ने पोस्ट शेयर करने शुरू किए. जिससे ये नैरेटिव बना की विस्फोट में यहूदी समुदाय को निशाना बनाया गया.

ये पोस्ट ऐसे समय किए जा रहे हैं, जब इजरायल और हमास के बीच संघर्ष जारी है. इन विस्फोटों को हमास नेता खालिद मशाल की एक ऑनलाइन स्पीच से जोड़ा जा रहा है. ये स्पीच केरल में फिलिस्तीन के समर्थन में 28 अक्टूबर को निकाली गई रैली के दौरान हुई थी.

ये रिपोर्ट लिखे जाने तक इस धमाके में एक की जान चली गई थी. ऐसे में धमाके के विजुअल शेयर करते हुए कई पोस्ट में यहूदी विरोध से जुड़ा नैरेटिव बनाया गया. और दावा किया गया कि ''कट्टर इस्लामवादियों'' ने ''यहूदी सभा'' में धमाके किए.

(आप इन पोस्ट के आर्काइव यहां, यहां, यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.)

केरल पुलिस के मुताबिक, खुद को यहोवा विटनेस बताने वाले डोमिनिक मार्टिन ने विस्फोट की जिम्मेदारी ली है और पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया.

मार्टिन वीडियो में कहता दिख रहा है, ''आप सभी ने आज जो कुछ भी हुआ उसके बारे में सुना होगा. यहोवा विटनेस सम्मेलन में बम विस्फोट हुआ. मुझे नहीं पता कि क्या हुआ, लेकिन मैं ये जानता हूं कि ये हुआ है और मैं इसकी पूरी जिम्मेदारी लेता हूं. मैंने ही वहां बम विस्फोट को अंजाम दिया.''

मार्टिन ने आगे कहा, ''मैं इस आंदोलन के साथ 16 साल से हूं. मैंने उस समय किसी भी बात को गंभीरता से नहीं लिया था. मैं सिर्फ मजाक के तौर पर आगे बढ़ा था. लेकिन जब मैंने 6 साल पहले इसके बारे में सोचा, तो मुझे एहसास हुआ कि ये एक गलत कदम था. यहां से मिले सबक बुहत ही विश्वासघाती थी. मैंने उनसे बार-बार कहा था कि इसे सही कर लें.''

सरेंडर करने से पहले कथित तौर पर फेसबुक पर शेयर किए गए आरोपी के वीडियो में उसे इस बारे में बात करते देखा जा सकता है कि हमले के पीछे की उसकी वजह क्या थी.

कलामासेरी में धमाका: केरल के एर्नाकुलम जिले में एक कन्वेंशन सेंटर पर 29 अक्टूबर सुबह 9:40 पर एक के बाद एक धमाकों में एक की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए.

  • ये धमाके कलामासेरी में जामरा इंटरनैशनल कन्वेंशन एंड एग्जीबिशन सेंटर में यहोवा विटनेस की प्रार्थना सभा शुरू होने के कुछ देर बाद हुए.

  • केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मीडिया से कहा कि उन्होंने डीजीपी से बात की है और वो ''इसकी जांच बेहद गंभीरता से कर रहे हैं''.

  • डीजीपी शेख दरवेश साहब ने सभी से शांति बनाए रखने का अनुरोध करते हुए कहा, ''हम सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं.

  • प्रारंभिक जांच के मुताबिक, विस्फोटों में आईईडी डिवाइस की मदद ली गई थी. डीजीपी ने कहा कि फिलहाल वो ये नहीं कह सकते कि [घटना में कोई आतंकी एंगल है या नहीं]."

  • NDTV ने सूत्रों के हवाले से बताया कि विस्फोटक एक टिफिन बॉक्स में ले जाया गया था.

केरल में यहूदियों की आबादी: 2011 की जनगणना के मुताबिक, केरल में हिंदू बहुसंख्यक हैं. राज्य की करीब 54 प्रतिशत आबादी हिंदू है.

  • उसके बाद मुस्लिम हैं, जिनका प्रतिशत 26.56 है.

  • केरल की आबादी में ईसाइयों का प्रतिशत 18.38 है. इसके बाद, सिख, बौद्ध और जैन आते हैं जिनकी संख्या 0.01 प्रतिशत है.

  • इसके बाद जिन धर्मों को वर्गीकृत नहीं किया गया है उन्हें 'अन्य' में रखा गया है. इसमें यहूदी भी आते हैं. ये राज्य की जनसंख्या का 0.02 प्रतिशत हैं.

2011 जनगणना के मुताबिक, केरल में किस धर्म के कितने लोग हैं.

(फोटो: The Quint)

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

कलामासेरी में जहां धमाके हुए, वहां 99.71 फीसदी आबादी हिंदू, मुस्लिम और ईसाइयों की है.

कलामासेरी में रहने वाले लगभग सभी लोग हिंदू, मुस्लिम या ईसाई समुदाय से हैं.

(फोटो: The Quint)

हमने यहूदी समुदाय के एक स्थानीय सदस्य से बात की ताकि ये जान सकें कि क्या 'अन्य' में कोई यहूदी शामिल है.

एर्नाकुलम में यहूदी समुदाय की सदस्य मंजूषा इमैनुएल ने बताया कि कलामासेरी ने कोई यहूदी नहीं है. उन्होंने कहा कि समुदाय के लोग एर्नाकुलम और कोच्चि में रहते हैं.

Pew Research Center की जनसंख्या वृद्धि और धार्मिक संरचना पर 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे भारत में करीब 3 से 4 हजार यहूदी और बहाई धर्म का पालन करने वाले लोग रहते हैं.

कई मीडिया रिपोर्ट्स और पोस्ट में केरल में यहूदियों की वर्तमान संख्या करीब 15-20 के बीच बताई गई है. (लिंक यहां और यहां हैं)

(स्क्रीनशॉट देखने के लिए स्वाइप करें)

क्या ये सभा यहूदियों की थी?: ये सभा यहूदियों की नहीं, बल्कि ईसाई धर्म के एक संप्रदाय यहोवाज विटनेसेस की थी.

  • ये संप्रदाय हॉली ट्रिनिटी सिद्धांत को नहीं मानता है. इस सिद्धांत के मुताबिक, ईश्वर, पुत्र (यीशु मसीह) और पवित्र आत्मा सभी एक ही ईश्वर के अलग-अलग पहलू हैं.

  • यहोवाज विटनेसेस यहोवा को "सच्चे और सर्वशक्तिमान ईश्वर" के रूप में पूजते हैं और उन्हें सभी चीजों को बनाने वाला मानते हैं. और "इब्राहीम, मूसा और जीसस का ईश्वर" मानते हैं.

  • यहोवाज विटनेसेस और जायोनीवाद: इस संप्रदाय की ऑफिशयल मैगजीन The Watchtower के मुताबिक, ''राजनीतिक जायोनीवाद के लिए कोई लेख नहीं है.

मैगजीन स्पष्ट रूप से कहती है कि संप्रदाय जायोनीवाद का समर्थन नहीं करता

(सोर्स: Watchtower Online)

यहोवाज विटनेसेज राजनीतिक निकायों या व्यवस्थाओं पर विश्वास नहीं करते, इसलिए उनकी वेबसाइट में बताया गया है कि वो ''धार्मिक सिद्धांत के तौर पर जायोनीवाद के पक्ष में नहीं हैं और राजनीतिक जायोनीवाद को लेकर पूरी तरह से उदासीन हैं. क्योंकि जायोनीवाद की ''धार्मिक और राजनीतिक जड़ें'' दोनों ही हैं.

वेबसाइट में साफ तौर पर जायोनीवाद को लेकर उदासीनता पर बताया गया है.

(सोर्स: Jehovah's Witness website)

हालांकि, इस बात का कोई सबूत नहीं है (ये रिपोर्ट लिखे जाने तक) कि हमले के पीछे कौन था और उनका मकसद क्या था. लेकिन ये दावा और नैरेटिव भ्रामक है कि कलामासेरी में जो विस्फोट हुए वो यहूदी लोगों को निशाना बनाने के लिए किए गए.

(इस स्टोरी में मीनीक्षी ससीकुमार से मिले इनपुट भी शामिल हैं.)

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT