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मदरसों पर साल में 7 हजार करोड़ खर्च कर रही केरल सरकार? सच जानिए

वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि केरल सरकार की तरफ से मदरसा टीचर्स को कोई वेतन नहीं दिया जाता

Siddharth Sarathe
वेबकूफ
Updated:
मदरसों पर साल में 7 हजार करोड़ खर्च कर रही केरल सरकार? सच जानिए
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मदरसों पर साल में 7 हजार करोड़ खर्च कर रही केरल सरकार? सच जानिए
(फोटो: Altered By Quint Hindi)

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सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा है. मैसेज में कुछ आंकड़ों के जरिए ये दावा किया जा रहा है कि केरल सरकार मदरसा टीचर्स की पेंशन और तनख्वाह पर हर साल 7 हजार करोड़ रुपए  खर्च कर रही है. फेसबुक पर 26 दिसंबर से ये मैसेज इंग्लिश में शेयर किया जा रहा है.

वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि मदरसों पर सालाना 7 हजार करोड़ रुपए खर्च होने का दावा, वायरल मैसेज में झूठा है. वहीं मैसेज में दिए गए केरल की जनसंख्या और मुस्लिम जनसंख्या से जुड़े आंकड़े सही हैं.

दावा

वायरल मैसेज का हिंदी अनुवाद है -  कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर केरल के मदरसों को लेकर चर्चा है. मुझे लगा इस विषय पर इनडेप्थ स्टडी की जरूरत है. स्टडी से ये निकलकर सामने आया

केरल की कुल जनसंख्या - 35699443.

केरल की कुल मुस्लिम जनसंख्या - : 8873472. (26%)

केरल में मदरसों की संख्या - 21683.

केरल में कुल मदरसा टीचरों की संख्या - : 204683.

केरल में कुल पंचायतें : 941.

प्रत्येक पंचायत में मदरसों की औसत संख्या (21683/941) = 23

मदरसा टीचर का वेतन 25000 रुपए प्रति माह ( उन्हें छोड़कर जिन्हें 300 रुपए प्रति घंटा मानदेय मिलता है)

सरकारी खजाने से मदरसा टीचर को दिया जाने वाला प्रति माह वेतन : (204683x 25000) = 5117075000)

प्रति माह मदरसा टीचर को मिलने वाली पेंशन ( पिनरई सरकार द्वारा लागू की गई) ः 6000 x 200000 = 1200000000.

एक महीने में मदरसा टीचर को मिलने वाले वेतन और पेंशन का कुल खर्च : (5117075000 + 1200000000) = 6317075000 / -

केरल में मदरसों की सैलरी और पेंशन पर होने वाला कुल सालाना खर्च  - (6317075000 x 12) = 75804900000

उच्च शिक्षा मंत्री केटी जलील ने केरल असेम्बली में ये आंकड़े प्रस्तुत किए. सेक्युलर सोच रखने वालों से एक सवाल है, इस समुदाय में ऐसा क्या खास है जो आपमें नहीं है ?

हिंदुओं, क्रिश्चन और मुस्लिमों के टैक्स के पैसे से इस तरह का अन्याय कैसे स्वीकारा जा सकता है?

जिन लोगों को लगता है कि केरल एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है, उन्हें बताना चाहेंगे कि ऐसा नहीं है, ये जगह धार्मिक पागलपन का अड्डा है. आंकड़ों को देखिए और अन्याय के बारे में सोचिए

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वेबकूफ के वॉट्सएप नंबर पर कई यूजर्स ने मदरसों को लेकर किए जा रहे दावों का सच जानने के लिए ये मैसेज भेजा.

पड़ताल में हमने क्या पाया

वेबकूफ टीम ने वायरल मैसेज में किए गए एक-एक दावे की सत्यता जांचनी शुरू की. वायरल मैसेज में दावा किया गया है कि सभी आंकड़े केरल के उच्च शिक्षा मंत्री केटी जलील ने असेम्बली में पेश किए. केटी जलील के ऑफिस ने आधिकारिक रूप से वेबकूफ को बताया कि उच्च शिक्षा मंत्री की तरफ से ऐसा कोई आंकड़ा पेश नहीं किया गया है.

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पहला दावा - वायरल मैसेज में दावा किया गया है कि केरल की कुल आबादी 35699443 है.

2011 की जनगणना के मुताबिक, केरल की आबादी 33387677 ( 3.3 करोड़) है.

दूसरा दावा - केरल में मुस्लिम आबादी 88 लाख है

2011 जनगणना के मुताबिक ये आंकड़ा भी सही है. जनगणना के मुताबिक, साल 2011 में केरल में मुस्लिम आबादी 8873472 थी.

दावा 3 - केरल में 21683 मदरसे और 2,04,683 मदरसा टीचर हैं

इस संख्या की पुष्टि के लिए वेबकूफ ने केरल मदरसा टीचर्स वेल्फेयर फंड बोर्ड से मेल पर संपर्क किया. वेबकूफ को दिए लिखित जवाब में बोर्ड ने बताया कि केरल में कुल 27814 मदरसे और 1,70,816 मदरसा टीचर हैं. वेल्फेयर फंड के सीईओ हमीद पीएम ने वेबकूफ से फोन पर हुई बातचीत में कहा - मदरसा टीचर को सरकार की तरफ से कोई वेतन नहीं दिया जाता मदरसा टीचर को वेतन मदरसा कमेटियां देती हैं, इसमें सरकार का को ई रोल नहीं है .

दावा 4: केरल में 941 ग्राम पंचायत हैं

केरल सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक ये आंकड़ा सही है.केरल में 941 ग्राम पंचायत, 152 ब्लॉक पंचायत और 14 जिला पंचायत हैं.

दावा 5 : प्रत्येक पंचायत में मदरसों की औसत संख्या (21683/941) = 23

वायरल मैसेज में दी गई हर ग्राम पंचायत में मदरसों की औसत संख्या भी गलत है. क्योंकि मदरसों की असली संख्या मैसेज में दिए गए आंकड़ों से ज्यादा है.मदरसों की असल संख्या 27,814 के लिहाज से देखें तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में लगभग 29 मदरसे हैं.

दावा 6 : केरल में मदरसा टीचर का वेतन 25,000 रुपए है
केरल माइनॉरिटी वेल्फेयर की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, राज्य में कॉम्पिटिटव एग्जाम की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए 16 कोचिंग सेंटर हैं. इन कोचिंग सेंटरों के प्रिंसिपल को 25,000 रुपए प्रतिमाह वेतन दिया जाता है. जबकि वायरल मैसेज में बताया गया है कि हर मदरसा टीचर का वेतन 25,000 रुपए है.  माइनॉरिटी वेल्फेयर की वेबसाइट पर मदरसा टीचर के वेतन का कहीं भी जिक्र नहीं है.

मदरसा टीचर के वेतन को लेकर किए जा रहे दावों का सच जानने के लिए हमने केरल के डायरेक्टोरेट ऑफ माइनॉरिटी वेल्फेयर के डायरेक्टर डॉ. मोइदीन कुट्टी एबी से संपर्क किया. वेबकूफ से फोन पर हुई बातचीत में डॉ. मोइदीन ने वायरल मैसेज में किए जा रहे दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा- केरल सरकार की तरफ से मदरसा टीचर को कोई वेतन नहीं दिया जाता.। मदरसा टीचर को वेतन मदरसा कमेटियां देती हैं.

दावा 7 ; केरल में मदरसा टीचर की पेंशन 6000 रुपए है

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल केरल सरकार ने मदरसा वेल्फेयर स्कीम की शुरुआत की थी. इस स्कीम के तहत मदरसा टीचर को 60 वर्ष की उम्र के बाद 1500 से 7500 रुपए के बीच पेंशन दी जाएगी.

डायरेक्टोरेट ऑफ माइनॉरिटी वेल्फेयर के डायरेक्टर डॉ. मोइदीन कुट्टी एबी के मुताबिक सिर्फ 411 रिटायर्ड टीचर ऐसे हैं, जिन्हें सरकार की तरफ से पेंशन मिल रही है, इनमें से किसी भी टीचर की पेंशन 1200 रुपए से ज्यादा नहीं है.

दावा 8 : मदरसा टीचर की सैलरी और पेंशन पर सरकार 7 हजार करोड़ खर्च कर रही

पीआरएस इंडिया वेबसाइट के मुताबिक, केरल का साल 2020-21 में शिक्षा का अनुमानित बजट 20,862 करोड़ रुपए था. सरकार के बजट डॉक्यूमेंट में मदरसों पर होने वाले खर्च का अलग से कोई जिक्र नहीं है.

पड़ताल में स्पष्ट हो चुका है कि मदरसा टीचर को केरल सरकार की तरफ से कोई वेतन नहीं दिया जाता. वर्तमान में सरकार 441 रिटायर्ड टीचर को पेंशन दे रही है. साफ है कि 7 हजार करोड़ रुपए का आंकड़ा मनगढ़ंत है. ये दावा झूठा है कि सरकार 7 हजार करोड़ रुपए सिर्फ मदरसों पर खर्च कर रही है.

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Published: 14 Jan 2021,07:58 PM IST

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