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सोशल मीडिया पर ये दावा किया जा रहा है कि लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला की बेटी अंजली ने बिना एग्जाम और इंटरव्यू दिए यूपीएससी क्लियर कर लिया. वायरल मैसेज में ओम बिड़ला पर आरोप है कि उन्होंने अपनी पॉवर का गलत इस्तेमाल कर बेटी को फायदा पहुंचाया है.
अंजली बिड़ला ने वेबकूफ टीम से अपना एडमिट कार्ड और यूपीएससी 2019 की मेरिट लिस्ट साझा की, जिसमें अंजली का रोल नंबर भी है.
ओम बिड़ला और उनकी बेटी की फोटो के साथ शेयर किया जा रहा मैसेज है -- लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला की बेटी पहले प्रयास में बनी IAS. न कोई एग्जाम न कोई इंटरव्यू. बस एक सवाल आपके पिताजी क्या करते है? 90 seat जो बैकडोर इंट्री के लिये रखा गया था रुझान आने लगा है. इसे कहते है सत्ता का नशा”
फेसबुक और ट्विटर पर बड़ी संख्या में यूजर दावे के साथ ये मैसेज शेयर कर रहे हैं
पड़ताल की शुरुआत में हमने यूपीएससी सिविल सर्विसेज में सिलेक्ट हुए कैंडिडेट्स की हाल में जारी हुई लिस्ट चेक की. यूपीएससी की ऑफिशियल वेबसाइट पर 4 जनवरी, 2021 को जारी किया गया प्रेस नोट है. इसमें यूपीएससी क्लियर करने वाले कैंडिडेट्स की सूची भी है. सूची में 67वें स्थान पर अंजली बिड़ला का नाम और रोल नंबर देखा जा सकता है.
यूपीएससी की सिविल सर्विस परीक्षा में कैंडिडेट को मेंस परीक्षा में शामिल होने से पहली प्रिलिम्स क्लियर करना होता है. मेंस के बाद पर्सनल इंटरव्यू होता है, जिसमें फाइनल सलेक्शन होता है. फाइनल रिजल्ट में अंजली बिड़ला के नाम के साथ रोल नंबर भी है, हमने यही रोल नंबर पहले चरण की परीक्षा ( प्रिलिम्स) में सिलेक्ट हुए कैंडिडेट्स की लिस्ट में चेक किया. जिससे पुष्टि हो सके कि अंजली प्रिलिम्स परीक्षा में शामिल हुई थीं या नहीं. प्रिलिम्स की लिस्ट में अंजली का रोल नंबर देखा जा सकता है.
अंजली बिड़ला का रोल नंबर हमें मेंस परीक्षा में सलेक्ट हुए कैंडिडेट्स की लिस्ट में भी मिला. मतलब साफ है कि अंजली ने पहले प्रिलिम्स परीक्षा पास की, फिर मेंस, इसके बाद ही इंटरव्यू में शामिल हुईं. वेबकूफ से बतचीत में अंजली बिड़ला ने कहा कि उन्होंने परीक्षा के लिए सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी की हैं.
अंजली के अनुसार - यूपीएससी ने पहले 2019 बैच के लिए 927 वैकेंसी का नोटिफिकेशन जारी किया था. लेकिन जब रिजल्ट आया तो सलेक्शन लिस्ट में सिर्फ 829 कैंडिडेट के ही नाम थे, मेरा नाम लिस्ट में नहीं था. जनरल कैटेगरी की कटऑफ लिस्ट में मेरा नाम 8 मार्क्स कम होने की वजह से नहीं था. जनवरी 2021 में यूपीएससी ने डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग में खाली पद भरने के लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया था.
यूपीएससी की गाइडलाइन के मुताबिक, प्रिलिम्स परीक्षा क्वालिफाई करने के बाद कैंडिडेट को डिटेल्ड एप्लीकेशन फॉर्म भरना होता है.अंजली ने सिविल सर्विसेज मेंस परीक्षा 2019 का एडमिट कार्ड और डिटेल्ट एप्लीकेशन फॉर्म भी हमें भेजा.
सोशल मीडिया पर अंजली बिड़ला के सलेक्शन को लेकर किए जा रहे दावों के सच होने की कितनी संभावना है, ये समझने के लिए वेबकूफ ने पूर्व आईएएस अधिकारी शक्ति सिन्हा से बात की. शक्ति सिन्हा के अनुसार, यूपीएससी सिविल सर्विस में जाने का कोई बैकहेंडेड तरीका नहीं है, ये पूरी तरह असंभव है.
इस विवाद पर यूपीएससी ने क्या कहा
7 जनवरी को यूपीएससी ने सलेक्शन में धांधली को लेकर किए जा रहे दावों को भ्रामक बताते हुए एक बयान जारी किया. इसके मुताबिक, मेंस के लिए सलेक्ट हुए कैंडिडेट्स की मेरिट लिस्ट के अलावा यूपीएससी के पास जनरल और रिजर्व कैटेगरी के उन कैंडिडेट्स की भी लिस्ट होती है, जिनके नाम मैरिट लिस्ट में आए अंतिम कैंडिडेट से ठीक नीचे हैं. इसके बाद खाली पदों के मुताबिक इन कैंडिडेट को सर्विस एलोकेट की जाती है.
मतलब साफ है - सोशल मीडिया पर किया जा रहा ये दावा फेक है कि लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला की बेटी अंजली बिड़ला ने बिना परीक्षा और इंटरव्यू दिए यूपीएससी क्लियर किया.
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