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कई बड़े मीडिया हाउस, जैसे न्यूज18, आज तक और इंडिया टुडे ने मंगलवार, 7 मई को ममता बनर्जी का गलत बयान चलाया. उन्होंने दावा किया कि 'मोदी के पश्चिम बंगाल आने पर ममता बनर्जी उन्हें थप्पड़ मारना चाहती हैं.'
कहा गया कि ममता बनर्जी ने ये बात तब कही, जब वो पुरुलिया के संतुरी में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित कर रही थीं. इसे पीएम मोदी के 'टोलाबाज' कमेंट का जवाब बताया गया.
न्यूज संगठनों ने इस बयान को अपने ट्विटर और ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर चलाया.
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ममता बनर्जी ने पब्लिक मीटिंग में पीएम मोदी को थप्पड़ मारने की बात नहीं कही. ममता ने दरअसल कहा था कि वो पीएम को 'लोकतंत्र का थप्पड़' देना चाहती हैं. न्यूज संगठनों की रिपोर्ट से 'लोकतंत्र' शब्द गायब था.
ममता बनर्जी के ऑफिशियल फेसबुक अकाउंट के लाइव में भी वो कहती सुनाई दे रही हैं, 'पैसा मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता. इसलिए जब नरेंद्र मोदी बंगाल आए और मेरी पार्टी को 'टोलाबाज' कहा, तो मैं उन्हें लोकतंत्र का एक तेज तमाचा देना चाहती थी.' बनर्जी का यही बयान न्यूज एजेंसी एएनआई ने भी ट्वीट किया.
इसके अलावा, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के फेसबुक अकाउंट ने डेरेक ओ'ब्रायन के हवाले से लिखा, 'क्या नया है! कुछ 'दिल्ली मीडिया', जिसे 'राष्ट्रीय मीडिया' कहा जाता है, ने फिर से गलती कर दी है.'
हालांकि, न्यूज18 के ट्वीट और इंडिया टुडे ने अपने यूट्यूब चैनल पर कवरेज में कहा कि ममता बनर्जी मोदी को थप्पड़ मारना चाहती थीं, लेकिन उनकी वेबसाइट पर अलग ही वर्जन था. दोनों संगठनों ने रिपोर्ट में लिखा कि ममता बनर्जी ने कहा कि वह मोदी को 'लोकतंत्र का थप्पड़' देना चाहती थीं.
इसी बीच, द इंडियन एक्सप्रेस, द टाइम्स ऑफ इंडिया और एनडीटीवी समेत कुछ ऐसे संगठन भी थे, जिन्होंने ममता के बयान को सही तरह से रिपोर्ट किया.
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