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सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक शख्स कोविड टेस्ट किट पैक करता हुआ दिख रहा है. वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि 'हसन' नाम का एक शख्स बिना सैंपल लिए ही कोविड टेस्ट किट पैक कर रहा है.
हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि ये दावा भ्रामक है. क्योंकि यूपी के बस्ती में हुई इस घटना में दो हेल्थ वर्कर्स वॉर्ड बॉय मोहम्मद हसन और लैब टेक्नीशियन नितेश कुमार शामिल थे और दोनों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है.
मीडिया आउटलेट Sudarshan News ने सिर्फ हसन का नाम बताते हुए और उस पर इस अपराध का आरोप लगाते हुए वीडियो शेयर किया. आर्टिकल लिखते समय तक Sudarshan News की ओर से शेयर किए गए इस वीडियो को 34000 से ज्यादा बार देखा जा चुका था.
Sudarshan News के एडिटर इन चीफ सुरेश चव्हाणके ने भी इसी दावे के साथ इस वीडियो को शेयर किया. इसके बाद, ये दावा फेसबुक और ट्विटर पर भी शेयर किया गया. इनके आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.
हमें Sudarshan News का एक और ट्वीट मिला, जिसके मुताबिक ये घटना यूपी के बस्ती में हुई थी. इस ट्वीट में ये भी बताया गया था कि बस्ती की डीएम सौम्या अग्रवाल ने इस घटना का संज्ञान लिया था.
बुधवार, 2 जून को बस्ती डीएम के ट्विटर अकाउंट से शेयर कर बताया गया है कि दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और वीडियो में दिख रहे वॉर्ड बॉय को सस्पेंड कर दिया गया है.
बस्ती के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनुज कुमार ने हसन को सस्पेंड कर दिया और कुमार की सेवाओं को समाप्त करने के आदेश दिए हैं.
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो में देखा जा सकता है कि हसन ने कोविड टेस्ट के लिए इंतजार कर रहे एक बुजुर्ग शख्स की जानकारी वाला फॉर्म भरा, जबकि कुमार ने टेस्ट किट खोली और बिना सैंपल लिए ही उसे पैक कर दिया.
अधिकारियों ने बताया कि इस तरह की हरकत से टेस्ट में कोई रिजल्ट ही नहीं आएगा और टेस्ट किट खराब हो जाएगी.
PTI ने पुलिस के हवाले से बताया कि कुमार और हसन के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा) और महामारी अधिनियम की धारा 3 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.
Times of India के एक आर्टिकल में भी बस्ती के महरीपुर गांव के मंझरिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हुई घटना के बारे में ऊपर बताई गई जानकारी बताई गई है.
मतलब साफ है कि कोविड टेस्ट किट पैक करते दो लोगों का वीडियो, जिसमें वो टेस्ट किट को बिना सैंपल लिए पैक करते दिख रहे हैं, को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है और सिर्फ एक ही हेल्थ वर्कर की पहचान बताई जा रही है. जबकि इस घटना में दो लोग शामिल थे.
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