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Pakistan में भुखमरी से जूझ रहे लोगों ने खाने के लिए तोड़ी मस्जिद? गलत है दावा

वीडियो में अहमदिया समुदाय के लोगों की मस्जिद तोड़ते लोगों को देखा जा सकता है.

अभिषेक आनंद
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>वीडियो में अहमदिया समुदाय के लोगों की मस्जिद तोड़ते लोगों को देखा जा सकता है.</p></div>
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वीडियो में अहमदिया समुदाय के लोगों की मस्जिद तोड़ते लोगों को देखा जा सकता है.

(फोटो: Altered by The Quint)

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मस्जिद (Mosque) की दीवारों पर चढ़कर उसे नुकसान पहुंचाते और तोड़फोड़ करते कई लोगों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.

क्या है दावा?: यूजर्स इस क्लिप को पाकिस्तान (Pakistan) में आर्थिक संकट से जोड़कर शेयर कर रहे हैं. दावे में लिखा जा रहा है कि लोग मस्जिद इसलिए तोड़ रहे हैं क्योंकि इससे मिला ईंट और लोहा बेचकर वो खाना खरीदना चाहते हैं.

बता दें कि पाकिस्तान में चल रहे आर्थिक संकट की वजह से वहां खाने-पीने का सामान और जरूरत की दूसरी चीजें हद से ज्यादा महंगे दामों में बिक रही हैं.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

(ऐसे और भी पोस्ट के आर्काइव आप यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.)

सच क्या है?: वायरल दावा गलत है.

  • कराची के सदर में अहमदी मस्जिद में कुछ लोगों ने तोड़फोड़ की थी और अहमदिया समुदाय के खिलाफ नारे लगाए थे.

  • इससे पहले भी पाकिस्ताम में समुदाय के धार्मिक स्थलों पर हमले हो चुके हैं.

  • क्विंट ने पाकिस्तानी पत्रकार लुबना जेरार नकवी से भी बात की. उन्होंने भी वहां इस घटना के होने की पुष्टि की है.

हमने सच का पता कैसे लगाया?: कीवर्ड सर्च करने पर हमें पाकिस्तानी न्यूजपेपर Express Tribune पर 3 फरवरी को पब्लिश एक रिपोर्ट मिली.

  • इस रिपोर्ट में वायरल विजुअल से मिलते-जुलते विजअल का इस्तेमाल किया गया था. रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ लोगों ने अहमदिया समुदाय के खिलाफ नारेबाजी की और उनके धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाया.

  • घटना प्रीडी थाना क्षेत्र के अंतर्गत हुई थी.

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  • रिपोर्ट में SHO सज्जाद खान के हवाले से बताया गया था कि स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही पुलिस पर भी हमला किया गया था.

  • उन्होंने आगे बताया था कि अगर समुदाय की ओर से कोई आगे नहीं आता तो हम खुद इस मामले पर केस दर्ज करेंगे.

ये रिपोर्ट 3 फरवरी को पब्लिश हुई थी.

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/The Express Tribune)

Dawn की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रीडी थाने में मामले से जुड़ी एफआईआर दर्ज की गई है और 5 संदिग्धों को हिरासत में भी लिया गया है.

  • एफआईआर के मुताबिक, घटना दोपहर 3:35 बजे की है. जब 10-15 लोगों ने मस्जिद पर हमला कर 78 साल पुरानी मीनारों को नुकसान पहुंचाया.

समुदाय पर पहले भी हो चुके हैं हमले: Indian Express में पब्लिश रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय पर अक्सर हमले होते रहते हैं. उदाहरण के लिए, जनवरी में वजीराबाद जिले में एक दूसरे धार्मिक स्थल को भी नुकसान पहुंचाया गया था.

निष्कर्ष: ये दावा गलत है कि लोगों ने मस्जिद को इसलिए तोड़ा क्योंकि वो खाना खरीदने के लिए उसकी ईंटों को बेंचना चाह रहे थे.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

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