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सोशल मीडिया पर सड़क पर लोगों की भारी भीड़ और उन्हें छतों से निहारते लोगों का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है. इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि लॉकडाउन के बीच अपने घरों को लौटते प्रवासी मजदूर दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर फंस गए हैं.
हालांकि, हमने पाया कि ये वीडियो दरअसल अक्टूबर 2019 का है और उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में टेरीटोरियल आर्मी के रिक्रूटमेंट के दौरान लिया गया था. इसे अभी गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
करीब दो मिनट लंबे इस वीडियो में कंधे पर बैग लटकाए लोगों की भीड़ को देखा जा सकता है. भीड़ के बीच में पुलिसवालों को लाठी चलाते और उन्हें लाइन में लाने की कोशिश करते देखा जा सकता है.
फेसबुक पर, इस वीडियो को इसी तरह के कई दावों के साथ शेयर किया गया. एक ने इस मैसेज के साथ शेयर किया, "यूपी बॉर्डर पर सोशल डिस्टेंसिंग". जतिंदर शर्मा नाम से यूजर के अपलोड किए इस वीडियो पर स्टोरी पब्लिश किए जाने तक 10 हजार व्यूज और 900 शेयर थे.
कई दूसरे यूजर्स ने दावा किया कि वीडियो में दिखाया जा रहा है कि घर लौट रहे मजदूरों को गाजीपुर में दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर रोका जा रहा है. दावे में लिखा है, "जानवरों से भी बेहतर बर्ताव होता है."
ट्विटर पर भी वीडियो इसी तरह के दावे के साथ वायरल हो गया.
ऊपर दिए गए वीडियो पर 62 हजार व्यूज और 1.3 हजार लाइक्स थे.
वीडियो में हमने देखा कि न किसी शख्स ने और न ही पुलिस ने मास्क पहना है, जो कि मौजूदा महामारी के समय में थोड़ा अजीब है. हाल ही में प्रवासियों के जो वीडियो सामने आए हैं, उसमें भी वो मास्क पहने दिख रहे हैं.
इसके अलावा, हमने नोटिस किया कि भीड़ में केवल पुरुष हैं. मौजूदा हालातों में ऐसे होने के भी चांस काफी कम हैं.
इससे हमें ये एहसास हुआ कि ये वीडियो पुराना है.
हमने Invid सॉफ्टवेयर के जरिए वीडियो को कीफ्रेम्स में अलग किया और Yandex सर्च इंजन के जरिए उस पर रिवर्स सर्च किया. इससे हमें यूट्यूब पर अक्टूबर 2019 को अपलोड हुआ एक वीडियो मिला, जिसके मुताबिक वीडियो 15 अक्टूबर 2019 को फैजाबाद में टेरिटोरियल आर्मी के रिक्रूटमेंट का है. ये वीडियो वही है, बस थोड़े अलग एंगल से लिया गया है.
यहां से हिंट लेते हुए, हमने यूट्यूब पर 'TA Faizabad October 2019' कीवर्ड्स के साथ सर्च किया, जिसके बाद हमें इस जैसे कई वीडियो मिले.
वायरल वीडियो में दिख रहे ब्लू साइन बोर्ड और भीड़ के बीच पार्क गाड़ियों को को इस वीडियो में भी देखा जा सकता है.
इसके अलावा, हमें न्यूज रिपोर्ट्स भी मिलीं, जिससे पता चलता है कि फैजाबाद के डोगरा रेजीमेंटल सेंटर में 14 से 19 अक्टूबर 2019 के बीच रिक्रूटमेंट ड्राइव आयोजित की गई थी. इन रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इस कारण काफी भीड़ इकट्ठा हो गई थी. एक रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भीड़ से ऐसे हालात पैदा हो गए कि पुलिस को आना पड़ा और बल का प्रयोग करना पड़ा.
इससे ये साफ होता है कि ये वीडियो पुराना है और दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
हालांकि, ये सच है कि गाजीपुर में दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर कई प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं.
आप हमारी सभी फैक्ट-चेक स्टोरी को यहां पढ़ सकते हैं.
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