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डोनाल्ड ट्रंप को मसीहा बताते हुए मोहम्मद यूनुस ने नहीं लिखा ये पत्र

अमेरिकी चुनाव में ट्रंप की जीत के बाद उन्हें बधाई देने के दौरान यूनुस ने उनके लिए ऐसे किसी भी शब्द का इस्तेमाल नहीं किया.

ऋजुता थेटे
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>मोहम्मद यूनुस ने डोनाल्ड ट्रंप को कहा 'मसीहा'? एडिटेड है वायरल लेटर</p></div>
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मोहम्मद यूनुस ने डोनाल्ड ट्रंप को कहा 'मसीहा'? एडिटेड है वायरल लेटर

(Altered by Quint Hindi)

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सोशल मीडिया पर एक लेटर वायरल हो रहा है, जिसमें बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने अमेरिका के नये राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बधाई दी और उन्हें 'मसीहा' कहा.

वायरल पोस्ट में क्या है?: लेटर को शेयर करने वाले यूजर्स ने कैप्शन में लिखा है, "हिटलर मोहम्मद युनूस ने लिखा है कि ट्रंप मसीहा हैं. #बांग्लादेश. फिर अमेरिका के काले दिनों के बारे में क्या?"

इस पोस्ट का अर्काइव यहां देखें

(सोर्स - स्क्रीनशॉट/X)

ये दावा फेसबुक और X पर काफी वायरल है. आप इसी तरह के दूसरे दावों के आर्काइव्स को यहां, यहां और यहां देख सकते हैं.

क्या हैं फैक्ट्स?: इस लेटर के साथ छेड़छाड़ की गई है. ट्रंप को बधाई के अपने आधिकारिक बयान में, युनूस ने ट्रंप के लिए ऐसे किसी शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है.

हमें कैसे पता चली सच्चाई?: ये जानने के लिए कि क्या युनूस ने ट्रंप को बधाई संदेश दिया है, हमने बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार का आधिकारिक X हैंडल चेक किया.

  • इससे हमें 6 नवंबर का एक पोस्ट मिला, जिसका हिंदी में ट्रांसलेशन था, "संयुक्त राज्य अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति चुने जाने पर प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस की ओर से डोनाल्ड ट्रंप को बधाई. #बांग्लादेश #अमेरिका"

    हालांकि, इस पोस्ट में हमें कहीं भी 'मसीहा' शब्द नहीं मिला.

विजुअल्स की तुलना: दोनों लेटर की तुलना करने पर हमने पाया कि वायरल लेटर में मुहर का रंग अलग था, और उसमें कई तरह की गलतियां भी थीं.

  • हमारा ध्यान इसपर भी गया कि वायरल लेटर में मोहम्मद युनूस के साइन अलग तरह से किए हुए थे.

तुलना करने पर यह स्पष्ट रूप से पता चलता है कि वायरल पत्र फर्जी है.

(सोर्स: X/स्क्रीनशॉट/द क्विंट द्वारा संशोधित)

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निष्कर्ष: इससे साफ होता है कि वायरल लेटर के साथ छेड़छाड़ की गई है.

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