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Fact Check: पगड़ी बांधते मुसलमानों का यह वीडियो किसान आंदोलन का नहीं

Fact Check: वीडियो जून 2022 का है और इसमें लोगों को सिंगर सिद्धू मूस वाला की अंतिम प्रार्थना के लिए इकट्ठा होते दिखाया गया है.

अभिषेक आनंद
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>Fact Check: पगड़ी बांधते मुसलमानों का यह वीडियो किसान आंदोलन का नहीं</p></div>
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Fact Check: पगड़ी बांधते मुसलमानों का यह वीडियो किसान आंदोलन का नहीं

(Altered by Quint HIndi)

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सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति का पगड़ी पहनने के लिए अपनी टोपी उतारने का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि इसमें मुस्लिम शख्स किसानों के विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) में शामिल होने के लिए सिख का भेष बना रहा है.

यूजर्स ने क्या कहा?: एक X (पूर्व में ट्विटर) के एक प्रीमियम यूजर ने वीडियो को जिस कैप्शन के साथ शेयर किया, उसका हिंदी अनुवाद कुछ यूं होगा "शूटिंग के लिए सेट पर जाने से पहले कलाकार तैयार हो रहे हैं. #FarmersProtest."

इस पोस्ट का अर्काइव यहां देखा जा सकता है.

(सोर्स: X/स्क्रीनशॉट)

इस रिपोर्ट को लिखे जाने तक वीडियो को X पर 49 हजार से ज्यादा बार देखा जा चुका था. (यही दावा करते अन्य पोस्ट्स के अर्काइव यहां, यहां और यहां देखें जा सकते हैं)

सच्चाई क्या है?: यह वीडियो पुराना है और हालिया किसानों के विरोध प्रदर्शन से इसका कोई संबंध नहीं है. यह वीडियो 2022 से इंटरनेट पर है और इसमें सिंगर सिद्धू मूसे वाला की शोक सभा के लिए लोग इकट्ठा हुए थे.

वायरल वीडियो में मिले हिंट्स: हमने देखा कि वायरल वीडियो पर पंजाबी में कुछ लिखा हुआ था. जब हमने इसका पहले अंग्रेजी और फिर हिंदी में अनुवाद किया, तो पाया कि इसमें लिखा था "वीर सिद्धू मूसा वाले (sic) की अंतिम प्रार्थना पर पगड़ी ट्रेनिंग कैंप."

वायरल वीडियो में यह टेक्स्ट लिखा हुआ था.

(सोर्स: वायरल वीडियो/स्क्रीनशॉट/द क्विंट द्वारा बदला गया)

टीम वेबकूफ ने इस पोस्टर के बैकग्राउंड में सिद्धू मूसेवाला की एक फोटो देखी जब वीडियो में एक व्यक्ति को पगड़ी पहने देखा जा सकता है.

बैकग्राउंड में सिंगर की तस्वीर.

(सोर्स: वायरल वीडियो/स्क्रीनशॉट/Altered by The Quint)

वीडियो के बारे में डिटेल: वायरल वीडियो में पंजाबी शब्दों को शामिल करते हुए, हमने Google पर एक कीवर्ड सर्च किया. जिससे हमें वही क्लिप मिली जो 'सरडेरियन ट्रस्ट पंजाब' नाम के फेसबुक हैंडल पर अपलोड की गई थी.

वीडियो 10 जून 2022 को शेयर किया गया था.

  • इसके कैप्शन को जब पहले अंग्रेजी फिर हिंदी में ट्रांसलेट किया गया तो इसका मतलब था, "मूसेवाला की आखिरी प्रार्थना 'सरडियन ट्रस्ट ने पगड़ी का लंगर लगाया है, मुस्लिम और हिंदू भाइयों का कहना है कि हमें भी पगड़ी सजानी चाहिए. पगड़ी ट्रेनिंग कैंप के लिए. (sic)"

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  • हमें लोगों से मूसेवाला की अंतिम प्रार्थना में शामिल होने का अनुरोध करने वाले अकाउंट की कई तस्वीरें और वीडियो मिले. एक पोस्ट में हैंडल की तरफ से पोस्ट किया गया था, 'सिद्धू मूसेवाला से प्यार करने वाले सभी युवाओं को पगड़ी बांधकर अंतिम प्रार्थना में शामिल होना चाहिए.'

सरदारियन ट्रस्ट के अध्यक्ष ने हमें क्या बताया: टीम वेबकूफ ने सरदारियन ट्रस्ट के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सिधवा से बात की, जिन्होंने कहा कि यह वीडियो सिद्धू मूसेवाला की मौत के बाद रिकॉर्ड किया गया था.

उन्होंने कहा कि ट्रस्ट ने सिंगर के गांव में एक पगड़ी कैंप का आयोजन किया था, जहां उन्होंने इस समारोह के लिए इकठ्ठा हुए सभी लोगों के लिए पगड़ी बांधी थी.

निष्कर्ष: यह साफ है कि सोशल मीडिया पर एक पुराना और असंबंधित वीडियो, इस झूठे दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि मुसलमान किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए सिखों का भेष धारण कर रहे हैं.

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