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महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है, जिसमें वो कथित तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के एक बयान के बारे में बात करते दिख रहे हैं और पूछ रहे हैं कि इस बयान में गलत क्या है.
वीडियो : राहुल गांधी के बारे में बात करते हुए पटोले कहते हैं, "उन्होंने वहां क्या कहा? कि जब हमारे देश में हर कोई समान स्तर पर होगा, तो हम आरक्षण के बारे में सोचेंगे. तो इसमें गलत क्या है?"
दावा: ये वीडियो बीजेपी से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट्स की तरफ से काफी शेयर किया जा रहा है. बीजेपी IT सेल के हेड अमित मालवीय ने वीडियो के साथ लिखा कि राहुल गांधी ने कहा है कि वो या कांग्रेस पार्टी "आरक्षण हटा देगी."
उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि इस बयान को पटोले ने समर्थन दिया है.
क्या ये दावा सच है ? : ये दावा गलत है.
राहुल गांधी ने नहीं कहा कि वो या कांग्रेस पार्टी 'आरक्षण हटाएगी', और न ही पटोले ने ऐसे किसी बयान को सपोर्ट किया है.
हमें कैसे पता चली सच्चाई ? : 'राहुल गांघी आरक्षण हटाएंगे' जैसे शब्दों के साथ हमने गूगल पर सर्च किया.
हमें सितंबर 2024 की लाइवमिंट पर पब्लिश हुई एक रिपोर्ट मिली, जिसमें कहा गया था कि 'आरक्षण हटाने' वाले बयान पर बीजेपी की प्रतिक्रिया के बाद राहुल गांधी ने अपना बयान स्पष्ट करने की कोशिश की.
रिपोर्ट में बताया गया है कि विवाद अमेरिका के वॉशिंग्टन डीसी में जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में एक इंटरव्यू सेशन के दौरान दिए गए उनके बयान से शुरू हुआ.
इससे इशारा लेते हुए, हमने यूट्यूब पर इंटरव्यू को ढूंढा. हमें राहुल गांधी के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर इंटरव्यू का एक घंटे का लंबा वर्जन मिला.
हमने इस इंटरव्यू को पूरा सुना, जिसमें जातिगत मुद्दे, यूनिफॉर्म सिविल कोड, इंडिया गठबंधन समेत कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई थी
वीडियो के आखिर में, राहुल गांधी ने स्टूडेंट्स और फैकल्टी के सवालों के जवाब दिए.
क्विंट की फैक्ट चेकिंग टीम वेबकूफ पहले भी इस दावे की पड़ताल कर चुकी है कि राहुल गांधी ने आरक्षण हटाने की बात नहीं की थी. उनके बयान को गलत संदर्भ में शेयर किया गया. पड़ताल पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें.
वायरल दावा : वीडियो में 53:28 मिनट पर, एक स्टूडेंट ने उनसे आरक्षण और कास्ट सिस्टम पर उनके और कांग्रेस पार्टी के विचार पूछे. स्टूडेंट ने पूछा कि क्या आरक्षण उन मुद्दों का स्थायी समाधान है जो इस व्यवस्था को 'जरूरी' बनाते हैं?
स्टूडेंट ने पूछा, "एक समाज के तौर पर हम किस समय, उससे भी जरूरी, आप और आपकी पार्टी, जाति आधारित आरक्षण को लक्षणों के इलाज की जगह वास्तविक समस्या के तौर पर देखेंगे?"
इसके जवाब में, उन्होंने स्टूडेंट से पूछा कि उन्हें क्यों लगता है कि सिस्टम लक्षणों का इलाज है. इसके जवाब में स्टूडेंट ने कहा कि आरक्षण को शुरू में अवसरों तक समान पहुंच की कमी के लिए पेश किया गया था.
राहुल गांधी ने उन्हें बताया कि दलितों, अनुसूचित जातियों (एससी), अनुसूचित जनजातियों (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) के 73 फीसदी होने के बावजूद, सत्ता के पदों पर बैठे लोगों में उनका केवल एक छोटा सा ही हिस्सा है.
उन्होंने विस्तार से बताते हुए कहा कि "वित्तिय आंकड़ों के मुताबिक, आदिवासियों को 100 रुपये में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 रुपये में से 5 रुपये मिलते हैं और ओबीसी को भी लगभग इतने ही मिलते हैं," ये दर्शाता है कि "उन्हें जरूरी भागीदारी नहीं मिल रही है."
राहुल गांधी ने कहा कि मुद्दा ये है कि "भारत का 90 फीसदी हिस्सा खेल नहीं पा रहा है," और अगर हम भारत के "हर बिजनेस लीडर" की लिस्ट बनाएं, तो टॉप 200 में से केवल एक शख्स ओबीसी समुदाय से होगा. "वो भारत का 50 फीसदी हैं, लेकिन हम इस लक्षण का इलाज नहीं कर रहे हैं."
गांधी ने कहा, "अब, ये (आरक्षण) इकलौता साधन नहीं है. दूसरे साधन भी हैं." उन्होंने आगे कहा कि वो "आरक्षण को हटाने के बारे में तब विचार करेंगे जब भारत एक निष्पक्ष जगह होगी. और भारत एक निष्पक्ष जगह नहीं है."
आप इस पूरे इंटरव्यू को जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के यूट्यूब चैनल पर देख सकते हैं.
निष्कर्ष: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नहीं कहा कि वो या कांग्रेस पार्टी आरक्षण हटाएगी.
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