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सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक ब्लैक एंड व्हाइट फोटो वायरल हो रही है. दावा किया जा रहा है कि फोटो 31 साल पुरानी है, जब नरेंद्र मोदी बाड़मेर में पाकिस्तान से आए विस्थापितों से मिलने पहुंचे थे.
एक्टर गजेंद्र चौहान ने 2 मार्च को फोटो शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा - ये 31 वर्ष पुरानी दुर्लभ तस्वीर है, जब नरेंद्र मोदी बाड़मेर में पाकिस्तान से विस्थापित हिंदुओं से मिलने उनके कैंप में पहुंचे थे. तब वो ना गुजरात के मुख्यमंत्री थे और ना ही देश के प्रधानमंत्री थे. दुख, मुसीबत में लोगों के साथ खड़ा होना मोदी जी की फितरत में शामिल है.
अन्य यूजर्स ने भी फोटो को इसी दावे के साथ शेयर किया
वायरल फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें नरेंद्र मोदी की ऑफिशियल वेबसाइट पर यही फोटो मिली. फोटो के कैप्शन में लिखा है - गुजरात के एक गांव में नरेंद्र मोदी.
वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक- 1971 के दौरान नरेंद्र मोदी को आरएसएस का संभाव प्रचारक बनाया गया. उन्हें साउथ और सेंट्रल गुजरात का प्रभार दिया गया था. इस दौरान उन्होंने गुजरात की यात्रा शुरू की, 1980 के दशक की शुरुआत में मोदी की गुजरात यात्राओं का सिलसिला बढ़ा. उन्होंने राज्य की हर तालुका और लगभग हर गांव कादौरा किया. ( हिंदी अनुवाद)
वेबसाइट पर ऐसा कहीं उल्लेख नहीं है कि इस दौरान पीएम मोदी बाड़मेर आए शरणार्थियों से मिलने भी गए. मतलब साफ है सोशल मीडिया पर जिस फोटो को गजेंद्र चौहान समेत कई यूजर्स ने राजस्थान के बाड़मेर का बताया वह असल में गुजरात के एक गांव की है.
इंटरनेट पर हमें हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे पुष्टि होती हो कि 1970 या 1980 के दशक में या गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से पहले कभी भी नरेंद्र मोदी हिंदू शरणार्थियों से मिलने बाड़मेर गए थे. दैनिक जागरण की साल 2014 की रिपोर्ट हमें मिली. इसके मुताबिक मोदी लोकसभा चुनाव ( 2014) के प्रचार के दौरान बाड़मेर गए थे.
इस चुनावी रैली में पीएम मोदी ने बाड़मेर में पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों का मुद्दा उठाया था. मोदी ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया था कि वो बांग्लादेशी शरणार्थियों को सभी सुविधाएं उपलब्ध कराती है लेकिन पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को नहीं.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस ने पीएम मोदी के इस आरोप को निराधार बताया था.
मतलब साफ है सोशल मीडिया पर पीएम मोदी की गुजरात के गांव की एक फोटो को इस झूठे दावे से शेयर किया जा रहा है कि वे बाड़मेर में हिंदू शरणार्थियों से मिलने गए थे.
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