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राजस्थान (Rajasthan) के जयपुर में RSS के एक प्रसाद वितरण कार्यक्रम में हुए हमले पर RSS के कई स्वयंसेवक घायल हो गए हैं.
दावा: सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि हमलावर विशेष समुदाय यानी मुस्लिम समुदाय से आते हैं.
क्या यह दावा सही है? नहीं, यह दावा सही नहीं है. 18 अक्टूबर 2024 जयपुर के एक मंदिर में धार्मिक कार्यक्रम के दौरान कुछ लोगों के हमला किए जाने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े दस लोग घायल हो गए थे.
मामले पीड़ित और आरोपी दोनों एक ही समुदाय के हैं और इस घटना में कोई भी सांप्रदायिक एंगल शामिल नहीं है.
जयपुर पुलिस ने आरोपियों की पहचान नसीब सिंह चौधरी (57), उनकी पत्नी निर्मला (48) और उनके बेटे भीष्म (21) के रूप में की है. कोई भी आरोपी मुस्लिम समुदाय से नहीं है.
हमने सच का पता कैसे लगाया ? हमने गूगल पर "Jaipur RSS Attack" जैसे कीवर्ड्स का इस्तेमाल किया. हमारी सर्च में हमे Times of India की यह रिपोर्ट मिली. जिसमें हमले में शामिल आरोपियों के नाम बताए गए थे.
हमें The Telegraph की यह रिपोर्ट मिली जिसमें बताया गया था कि शरद पूर्णिमा पर एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस कार्यकर्ताओं पर चाकुओं से हमला करने के आरोप में 'नसीब चौधरी' और उसके बेटे 'भीष्म चौधरी' को गिरफ्तार किया गया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह विवाद तब शुरू हुआ जब इन लोगों ने देर रात अपने पड़ोस में शोर और भीड़ पर आपत्ति जताई थी.
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि अधिकारियों ने आरोपी की एक इमारत के एक हिस्से को ध्वस्त कर दिया है क्योंकि यह कथित तौर पर एक मंदिर की जमीन पर अवैध रूप से बनाई गई थी.
पुलिस का बयान: जयपुर पुलिस ने घटना में किसी भी सांप्रदायिक एंगल के होने की बात से इनकार किया है. न्यूज एजेंसी ANI को दिए इस इंटरव्यू में जयपुर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राष्ट्रदीप ने बताया कि,
"कल एक मंदिर में जागरण और प्रसाद वितरण का कार्यक्रम चल रहा था... मंदिर के बगल में नसीब चौधरी नाम के व्यक्ति का परिवार रहता है. उसका पहले भी अपराध रिकॉर्ड रहा है. वह और उसका बेटा मंदिर में आए और कुछ लोगों पर चाकू से हमला किया। कल रात दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया... सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी... घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है..." (अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद )
इस घटना पर अधिक जानकारी के लिए हमने जयपुर पुलिस से भी संपर्क किया है, उनका जवाब आने पर स्टोरी को अपडेट किया जायेगा.
निष्कर्ष: साफ है कि RSS के लोगों पर हुई हमले की घटना को भ्रामक सांप्रदायिक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.
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