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IC 814 : द कंधार हाईजैक की रिलीज के बाद, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट वायरल हो रही है. इस पोस्ट में दावा किया गया है कि इस सीरीज में विमान को हाईजैक करने वाले आतंकियों का गलत धर्म दिखाया गया है. यूजर्स ने दावा किया कि सीरीज में हाइजैकर्स को 'भोला' और 'शंकर' के रूप में पेश किया गया है.
बीजेपी IT सेल हेड अमित मालवीय - ने भी इसी तरह का दावा शेयर किया. जो पहले भी गलत सूचनाएं फैला चुके हैं.
यही दावा करते अन्य पोस्ट्स के अर्काइव यहां, यहां और यहां देखे जा सकते हैं.
सच क्या है: वायरल दावे में पूरा संदर्भ नहीं बताया गया है. ये भ्रामक है.
विमान के पांच हाइजैकर्स की पहचान इब्राहिम अतहर, शाहिद अख्तर सैयद, सनी अहमद काजी, मिस्त्री जहूर इब्राहिम और शाकिर के रूप में की गई थी.
हालांकि, इन हाइजैकर्स ने एक दूसरे को रखे गए अलग नामों से संबोधित किया जो थे- चीफ, डॉक्टर, बर्गर, भोला और शंकर. जाहिर है ये नाम हाईजेकर्स के असली नाम नहीं थे, ये उन्होंने सिर्फ अपनी पहचान छिपाने के लिए रखे थे.
हाईजेकिंग के दौरान ये सभी हाईजेकर एक दूसरे को अपने असली नामों से नहीं बल्कि इन रखे गए नामों से बुला रहे थे, जैसा कि सीरीज में दिखाया गया है.
हमे सच कैसे पता चला: गूगल पर "IC 814 Hijacker Identity Government" जैसे कीवर्ड सर्च करने पर हमें 6 जनवरी 2000 को तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री का एक बयान मिला.
बयान में कहा गया है कि मुंबई पुलिस ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों की मदद से ISI के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया था. इन गुर्गों ने हाइजैकर्स के लिए सपोर्ट सेल के रूप में काम किया.
वे चारों, आतंकवादी संगठन हरकत-उल-अंसार (HU) के सदस्य थे. उनकी पहचान मोहम्मद रेहान, मोहम्मद इकबाल, यूसुफ नेपाली और अब्दुल लतीफ के रूप में हुई है.
बयान में हाइजैकर्स के नाम भी थे और उनकी पहचान इस प्रकार की गई: सनी अहमद काजी, शाकिर उर्फ राजेश गोपाल वर्मा, मिस्त्री जहूर इब्राहिम, शाहिद अख्तर सैयद और इब्राहिम अतहर.
uयात्रियों के खाते: टीम वेबकूफ को लॉस एंजिल्स टाइम्स और रेडिफ जैसे कई समाचार प्लेटफॉर्म्स पर छपे लेख मिले, जिनमें हाइजैक किए गए विमान के यात्रियों के अनुभव थे.
पहले लेख में सभी पांच अपहर्ताओं के कोड नाम थे – चीफ, भोला, शंकर, डॉक्टर और बर्गर.
रेडिफ के लिए लिखने वाले एक यात्री ने चार हाइजैकर्स के उपनामों को बताया - बर्जर, बोला, शंकर और डॉक्टर.
दावा भ्रामक क्यों है?: हाइजैकर्स के असली नाम अलग-अलग थे. वायरल दावा भ्रामक हो है, क्योंकि इसमें कहा गया है कि आतंकियों की गलत पहचान बताई गई. हालांकि, तथ्यों पर करीब से नजर डालने से पता चलता है कि सीरीज में जो नाम बताए गए हैं, वो आतंकियों के रखे गए नाम थे.
निष्कर्ष : साफ है कि सोशल मीडिया पर कंधार हाईजैक के आतंकियों का गलत धर्म बताए जाने से जुड़े दावे भ्रामक हैं.
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