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आपका अगला UPI पेमेंट हो सकता है स्कैम का शिकार, जानिए कैसे बच सकते हैं

अभिषेक आनंद & नमन शाह
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>More than&nbsp;<a href="https://www.hindustantimes.com/india-news/over-95-000-upi-fraud-cases-reported-in-2022-23-centre-in-parliament-101679541121388.html">95,000 fraud</a>&nbsp;cases of Unified Payments Interface (UPI) transactions were recorded in India in 2022-23, the Union Finance Ministry told the Parliament.</p></div>
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More than 95,000 fraud cases of Unified Payments Interface (UPI) transactions were recorded in India in 2022-23, the Union Finance Ministry told the Parliament.

(Made using Midjourney, directed by Kamran Akhter / The Quint)

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क्या आप जानते हैं कि भारत में 2022-23 के बीच UPI भुगतान से जुड़े फर्जीवाड़ों के 95,000 से ज्यादा केस दर्ज हुए हैं? तो आप कैसे सुनिश्चित करेंगे कि आपका UPI ट्रांजेक्शन इनमें से एक ना हो? ये गाइड आपको बताएगी कैसे. पेश है हमारी खास सीरीज - स्कैमगार्ड - जिसका मकसद है आपको ऑनलाइन हो रहे फर्जीवाड़ों (स्कैम) को लेकर जागरुक करना .

"इस प्रकार के घोटाले बहुत आम हैं, यूजर Google के जरिए सभी प्रमुख सेवाओं के लिए कस्टमर केयर नंबर खोजते हैं. यही वजह है कि स्कैम करने वाले सर्च रिजल्ट में ही जहर घोल रहे हैं. और जैसे ही आप उस नकली ग्राहक सेवा प्रतिनिधि या यूं कहें कि स्कैमर से जुड़ते हैं तो वो आपके यूपीआई पर कब्ज़ा करने की कोशिश में रहते हैं. इसके लिए वे आपसे स्क्रीन-शेयरिंग वाले या एसएमएस फॉरवर्डर्स जैसे थर्ड पार्टी ऐप इंस्टॉल करने को कहेंगे. जैसे ही आप इन एप्लिकेशन को इंस्टॉल करते हैं, स्कैमर्स आपके यूपीआई पर नियंत्रण हासिल कर लेते हैं. '
रक्षित टंडन, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट
  • कस्टमर केयर से उन्हीं नंबरों पर संपर्क करें जो कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर दिए गए हैं.

  • ग्राहक सेवा प्रतिनिधि ग्राहक से कोई थर्ड पार्टी ऐप डाउनलोड करने को नहीं कह सकते.

  • अगर आप थर्ड पार्टी ऐप डाउनलोड कर भी रहे हैं, तो उस ऐप को अपने कॉन्टेक्ट, गैलरी, कैमरा, माइक्रोफोन, UPI पेमेंट ऐप आदि का एक्सेस न दें.

  • और सबसे जरूरी बात - अपना पिन या ओटीपी किसी से भी शेयर ना करें (कस्टमर केयर से भी नहीं)

पैसे 'गलती से' भेज दिए

ये आजकल सबसे ज्यादा होने वाला स्कैम है

पीड़ित के खाते में पहले स्कैमर की तरफ से एक छोटी राशि ट्रांसफर की जाती है. फिर वे पीड़ित से संपर्क करते हैं और दावा करते हैं कि पैसा गलती से भेजा गया था. अब स्कैमर्स एक लिंक भेजते हैं और पीड़ित को भुगतान के लिए इसका उपयोग करने के लिए कहते हैं. हालांकि, जैसे ही पीड़ित लिंक पर क्लिक करता है, तो स्कैमर्स डिवाइस पर नियंत्रण कर लेते हैं और पीड़ित के यूपीआई खाते से पैसे निकाल लेते हैं या कहें कि चुरा लेते हैं.

नीचे दिया गया पोस्ट ऐसे ही स्कैम का शिकार हुए एक शख्स का है, हालांकि ये कई मामलों में से महज एक उदाहरण है.

यूदर की तरफ से शेयर किया गया स्कैम का अनुभव

सोर्स : स्क्रीनशॉट/X

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  • अनजान नंबर से भेजे गए किसी लिंक पर क्लिक न करें.

  • जब कोई अजनबी आपसे वर्चुअली संपर्क करके पैसे या व्यक्तिगत जानकारी मांगता है तो ज्यादा सावधान हो जाएं.

  • मोबाइल ब्राउज़र को अपने कॉन्टेक्ट, फोटो गैलरी, यूपीआई ऐप का एक्सेस न दें- क्योंकि इनमें आपके बैंक खाते से जुड़ी जरूरी जानकारी हो सकती है

हाल में, IRCTC ने यूजर्स को एक चेतावनी वाला मेल भेजा था. इसमें बताया गया था कि एक फर्जी वेबसाइट द्वारा तैयार किए गए एक फर्जी ऐप को सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. स्कैमर खुद को सरकारी अधिकारी बताते हुए लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनकी पर्सनल डिटेल निकलवा रहे थे. .

प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक इस साल जनवरी में देश में कुल 8 बिलियन यानी 800 करोड़ UPI ट्रांजेक्शन हुए. एक हालिया रिपोर्ट कहती है कि 2026-27 तक UPI ट्रांजेक्शन की संख्या 100 करोड़ प्रति दिन हो सकती है.

बेशक आप अब तक किसी घोटाले का शिकार न हुए हो, पर ऑनलाइन स्कैम के पैंतरे वक्त के साथ और ज्यादा धारदार हो रहे हैं, उन्हें पहचानना मुश्किल होता जा रहा है. सिर्फ स्कैम के नए हथकंडे को पहचानने में चूक हुई और फिर आप भी इसके विक्टिम बन सकते हैं.

इस गाइड को सेव कर लें और शेयर करें जिससे आपके करीबी और आसपास के लोग भी लगातार शातिर होते स्कैम के पैतरों को पहचान सकें.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

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